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कुल्लू के इस गांव में नहीं पहुंचती एंबुलेंस, मरीजों को पालकी पर पहुंचाते हैं अस्पताल

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Published : May 26, 2019, 9:27 AM IST

Updated : May 26, 2019, 10:22 AM IST

कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के ग्राहण गांव में दशकों से लोग सड़क सुविधा से वंचित हैं. ग्रामीणों में लोक निर्माण विभाग के लिए खासा रोष बना हुआ है.

मरीज को पालकी में ले जाते लोग

कुल्लू: जिले की मणिकर्ण घाटी के ग्राहण गांव में दशकों से लोग सड़क सुविधा से वंचित हैं. सड़क ने होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिसके चलते ग्रामीणों में लोक निर्माण विभाग के लिए खासा रोष बना हुआ है.

बता दें कि लोक निर्माण विभाग ने कसोल से ग्राहण गांव तक काफी समय से सड़क निकालने का सर्वे कर रखा है, लेकिन अभी तक उसे स्वीकृति नहीं मिल पाई है. सड़क न होने के कारण सबसे ज्यादा खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है. बीमार होने पर मरीज को मुख्य सड़क मार्ग तक पहुंचाना मुश्किल हो जाता है. मरीज को पालकी की मदद से अस्पताल पहुंचाया जाता है.

लोगों का कहना है कि सड़क सुविधा न होने के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द सड़क निर्माण का कार्य शुरू करने की मांग की है.

वहीं, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता दुष्यंत पाल का कहना है कि सड़क निकालने के लिए सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है, लेकिन वन विभाग से इस मामले में स्वीकृति आना शेष है. जैसे ही स्वीकृति मिलती है सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

कुल्लू: जिले की मणिकर्ण घाटी के ग्राहण गांव में दशकों से लोग सड़क सुविधा से वंचित हैं. सड़क ने होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिसके चलते ग्रामीणों में लोक निर्माण विभाग के लिए खासा रोष बना हुआ है.

बता दें कि लोक निर्माण विभाग ने कसोल से ग्राहण गांव तक काफी समय से सड़क निकालने का सर्वे कर रखा है, लेकिन अभी तक उसे स्वीकृति नहीं मिल पाई है. सड़क न होने के कारण सबसे ज्यादा खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है. बीमार होने पर मरीज को मुख्य सड़क मार्ग तक पहुंचाना मुश्किल हो जाता है. मरीज को पालकी की मदद से अस्पताल पहुंचाया जाता है.

लोगों का कहना है कि सड़क सुविधा न होने के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द सड़क निर्माण का कार्य शुरू करने की मांग की है.

वहीं, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता दुष्यंत पाल का कहना है कि सड़क निकालने के लिए सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है, लेकिन वन विभाग से इस मामले में स्वीकृति आना शेष है. जैसे ही स्वीकृति मिलती है सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

Intro:यहां आज भी पालकी में अस्पताल पहुंचाए जाते है मरीज

नोट: फोटो मेल से भेजा गया है।


Body:बेशक देश को आजाद हुए आज दशकों बीत गए लेकिन आज भी कई ऐसे इलाके हैं। जो सड़क व अन्य मूलभूत सुविधाओं से अछूते हैं। जिला कुल्लू के मणिकरण घाटी का ग्राहण गांव में एक ऐसा गांव है जहां दशकों बीत जाने के बाद भी सड़क सुविधा नहीं पहुंच पाई है। सरकार और लोक निर्माण विभाग की अनदेखी के चलते यह गांव आज भी विकास को तरस रहा है। सड़क के अभाव में ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं अगर गांव में कोई बीमार हो जाए तो उसे आज भी पालकी में उठाकर अस्पताल की ओर लाना पड़ता है। हालांकि कसोल से ग्रहण गांव तक काफी समय से सड़क निकालने के लिए विभाग ने सर्वे कर रखा है लेकिन अभी तक उसे स्वीकृति नहीं मिल पाई है। वहीं सड़क न होने के कारण सबसे ज्यादा खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। बीमार होने की स्थिति पर मरीज को मुख्य सड़क मार्ग तक पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। बीते दिन भी एक मरीज को पालकी में डालकर खतरनाक रास्तों से मुख्य सड़क तक पहुंचाया गया। जिस कारण सड़क सुविधा ना होने के चलते ग्रामीणों में भी लोक निर्माण विभाग के प्रति खासा रोष बना हुआ है।


Conclusion:वही लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता दुष्यंत पाल का कहना है कि सड़क निकालने के लिए सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। लेकिन वन विभाग से इस मामले में स्वीकृति आना शेष है। जैसे ही स्वीकृति मिलती है तो सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
Last Updated : May 26, 2019, 10:22 AM IST
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