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पार्वती परियोजना की टनल में हो रही लीकेज का कारण नहीं ढूंढ सका NHPC, दहशत में लोग

कुल्लू में 520 मेगावाट की पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-3 में 8 किलोमीटर लंबी हेडरेस टनल में आई लीकेज को रोकने में एनएचपीसी प्रबंधन पूरी तरह से विफल रहा है.  एनएचपीसी टनल के अंदर फाल्ट ढूंढने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है

Parvati project tunnel leakage
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Published : Oct 28, 2019, 9:35 AM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू में 520 मेगावाट की पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-3 में 8 किलोमीटर लंबी हेडरेस टनल में आई लीकेज को रोकने में एनएचपीसी प्रबंधन पूरी तरह से विफल रहा है. एनएचपीसी टनल के अंदर फाल्ट ढूंढने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है. इस कारण संपागणी की पहाड़ी में भारी रिसाव हर रोज बढ़ता जा रहा है.

गौरतलब है कि पार्वती प्रोजेक्ट की हेडरेस टनल में साल 2014 में पहली लीकेज हुई थी. हालांकि उस वक्त टनल में लीकेज बहुत कम मात्रा में हो रही थी, लेकिन पिछले चार सालों से लीकेज हर रोज बढ़ती जा रही है. इससे संपागणी व बिहाली गांव के लोग दहशत के माहौल में जीने को मजबूर हैं.

वहीं, एनएचपीसी ने उक्त टनल की मरम्मत के लिए दो बार भारत सरकार से मरम्मत करने की स्वीकृति मांगी. साथ ही इसे ठीक करने के लिए 5 करोड़ से ज्यादा रूपये खर्च किये गए, लेकिन अभी भी टनल से पानी का रिसाव रुकने का नाम नहीं से रहा है. उधर, तलाडा पंचायत के उप प्रधान बालकृष्ण शर्मा ने सीधे तौर पर एनएचपीसी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है.

बालकृष्ण शर्मा ने कहा कि पार्वती प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य के दौरान निर्माता कंपनी ने टनल निर्माण में भारी लापरवाही बरती है. साथ ही एनएचपीसी प्रबंधन ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा है. उन्होंने कहा कि हेडरेस टनल के अलावा अन्य निर्माण कार्यों में भी घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. इस कारण घाटी के तीन गांव दहशत के माहौल में रहने को मजबूर हैं.

वहीं, टनल में हो रही भारी लीकेज के चलते लारजी, तलाडा और कनौन पंचायत के ग्रामीण भड़क उठे हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. स्थानीय लोगों ने बताया कि टनल में हो रही लीकेज के कारण वो डर के साए में जीने को मजबूर हैं और एनएचपीसी प्रबंधन इस मामले को हल्के में ले रही है.

ग्रामीणों ने कहा कि इस संबंध में एनएचपीसी प्रबंधन से कई बार मिल चुके हैं लेकिन परियोजना प्रबंधन उनकी समस्या को अनसुना कर रही है. ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि उक्त समस्या के बारे में एनएचपीसी प्रबंधन को उचित दिशा निर्देश जारी करें.

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ये भी पढ़ें: भूतनाथ पुल पर रोजाना लग रही अस्थाई मार्किट, मरम्मत न होने से लोग परेशान

कुल्लू: जिला कुल्लू में 520 मेगावाट की पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-3 में 8 किलोमीटर लंबी हेडरेस टनल में आई लीकेज को रोकने में एनएचपीसी प्रबंधन पूरी तरह से विफल रहा है. एनएचपीसी टनल के अंदर फाल्ट ढूंढने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है. इस कारण संपागणी की पहाड़ी में भारी रिसाव हर रोज बढ़ता जा रहा है.

गौरतलब है कि पार्वती प्रोजेक्ट की हेडरेस टनल में साल 2014 में पहली लीकेज हुई थी. हालांकि उस वक्त टनल में लीकेज बहुत कम मात्रा में हो रही थी, लेकिन पिछले चार सालों से लीकेज हर रोज बढ़ती जा रही है. इससे संपागणी व बिहाली गांव के लोग दहशत के माहौल में जीने को मजबूर हैं.

वहीं, एनएचपीसी ने उक्त टनल की मरम्मत के लिए दो बार भारत सरकार से मरम्मत करने की स्वीकृति मांगी. साथ ही इसे ठीक करने के लिए 5 करोड़ से ज्यादा रूपये खर्च किये गए, लेकिन अभी भी टनल से पानी का रिसाव रुकने का नाम नहीं से रहा है. उधर, तलाडा पंचायत के उप प्रधान बालकृष्ण शर्मा ने सीधे तौर पर एनएचपीसी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है.

बालकृष्ण शर्मा ने कहा कि पार्वती प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य के दौरान निर्माता कंपनी ने टनल निर्माण में भारी लापरवाही बरती है. साथ ही एनएचपीसी प्रबंधन ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा है. उन्होंने कहा कि हेडरेस टनल के अलावा अन्य निर्माण कार्यों में भी घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया है. इस कारण घाटी के तीन गांव दहशत के माहौल में रहने को मजबूर हैं.

वहीं, टनल में हो रही भारी लीकेज के चलते लारजी, तलाडा और कनौन पंचायत के ग्रामीण भड़क उठे हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. स्थानीय लोगों ने बताया कि टनल में हो रही लीकेज के कारण वो डर के साए में जीने को मजबूर हैं और एनएचपीसी प्रबंधन इस मामले को हल्के में ले रही है.

ग्रामीणों ने कहा कि इस संबंध में एनएचपीसी प्रबंधन से कई बार मिल चुके हैं लेकिन परियोजना प्रबंधन उनकी समस्या को अनसुना कर रही है. ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि उक्त समस्या के बारे में एनएचपीसी प्रबंधन को उचित दिशा निर्देश जारी करें.

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Intro:

- 5 करोड खर्च करने पर नहीं रुकी टनल की लीकेज, ग्रामीण दहशत में
- गुणवत्ता से खिलवाड़ करना एनएचपीसी को पड़ा भारी- Body:
520 मेगावाट की पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण 3 की 8 किलोमीटर लंबी हेडरेस टनल में आई लीकेज को रोकने में एनएचपीसी प्रबंधन पूरी तरह से विफल रहा है। 5 करोड खर्च करने पर भी एनएचपीसी टनल के अंदर फाल्ट ढूंढने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है जिस कारण संपागणी की पहाड़ी में भारी रिसाब दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लिहाजा लारजी, तलाडा व कनौन पंचायत के ग्रामीणों ने एनएचपीसी के विरुद्ध मोर्चा खोलने की तैयारी शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि पार्वती प्रोजेक्ट की हेडरेस टनल मैं वर्ष 2014 में पहली लीकेज हुई थी। हालांकि उस वक्त टनल में लीकेज बहुत कम मात्रा में हो रही थी लेकिन पिछले 4 वर्षों से लीकेज दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जिससे संपागणी व बिहाली गांव के लोग दहशत के माहौल में जीने को मजबूर हैं। भले ही एनएचपीसी ने उक्त टनल की मरम्मत के लिए दो बार भारत सरकार से मुरम्मत करने की स्वीकृति मांगी और 5 करोड़ से अधिक राशि खर्च की गई नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा। उधर तलाडा पंचायत के उपप्रधान बालकृष्ण शर्मा ने सीधे तौर पर एनएचपीसी प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है उन्होंने कहा कि पार्वती प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य के दौरान जहां निर्माता कंपनी ने टनल निर्माण में भारी लापरवाही बरती है वही एनएचपीसी प्रबंधन ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा है उन्होंने कहा कि हेडरेस टनल के इलावा अन्य निर्माण कार्यों में भी घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया है जिस कारण घाटी के 3 गांव दहशत के माहौल में जीवन जीने को मजबूर हैं । वही टनल में हो रही भारी लीकेज के चलते लारजी, तलाडा व कनौन पंचायत के ग्रामीण भड़क उठे हैं ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटायेगे। स्थानीय ग्रामीण चुन्नीलाल केहर सिंह मोहर सिंह रोशन लाल गुडू राम मेहर सिंह कारदार तीरथ राम जगदीश धामी व महेनद्र धामी आदि ने बताया कि टनल में हो रही लीकेज के चलते उनकी रात की नींद गायब है और डर के साए में जीने को मजबूर है और एनएचपीसी प्रबंधन इस मामले को हल्के में ले रही है। Conclusion:ग्रामीणों ने कहा कि इस संबंध में एनएचपीसी प्रबंधन से कई बार मिल चुके हैं लेकिन परियोजना प्रबंधन उनकी समस्या को अनसुना कर रही है उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि उक्त समस्या बारे एनएचपीसी प्रबंधन को उचित दिशा निर्देश जारी करें ।
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