कुल्लू: जिला कुल्लू के जिया से रामशिला तक वन विभाग की भूमि पर अवैध रूप से डंपिंग करने के मामले में जहां एनएचएआई ने अभी तक जुर्माना नहीं भरा है. ऐसे में अब 2 साल से जुर्माना राशि जमा न करने पर अब वन विभाग कोर्ट जाने की तैयारी में है. विभाग ने इसकी कागजी प्रक्रिया को पूरा कर लिया है. वन विभाग में ने 6 बार रिमाइंडर भेजा,लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने राशि जमा नहीं की. (NHAI did not pay the fine)
हाईकोर्ट डंपिंग को लेकर सख्त: प्राधिकरण पर वन विभाग ने रामशिला से लेकर जिया तक करीब 10 किलोमीटर के दायरे में हुए फोरलेन निर्माण में जगह-जगह मलबे को अवैध रूप से डंप करने का आरोप लगाया है. कई जगहों पर तो मलबा ब्यास तक जा गिरा था. एनजीटी और प्रदेश हाईकोर्ट ब्यास नदी के आसपास अवैध तरीके से डंपिंग करने को लेकर सख्त है. ऐसे में वन विभाग कुल्लू ने एनएचएआई पर दो अलग-अलग मामलों में 1.17 करोड़ का जुर्माना ठोका है.
6 बार रिमाइंजर भेजा: इसमें 2020-21 को 12 लाख और 2021-22 को 1.05 करोड़ का जुर्माना कर नोटिस दिए. हालांकि ,12 लाख की राशि को लेकर विभाग ने 6 बार रिमाइंडर भेजा, जबकि 1.05 करोड़ को लेकर प्राधिकरण ने जवाब देते हुए उल्लंघन न करने की बात कही. अब मामला जिला स्तरीय गठित संयुक्त टीम को भेजा है. वह पूरे मामले को देकर इस पर अगला फैसला लेगी, लेकिन 12 लाख जुर्माना राशि को लेकर वन विभाग कोर्ट में जाकर चालान पेश करने जा रहा है.
कानूनी प्रक्रिया शुरू की: वनमंडलाधिकारी कुल्लू एंजल चौहान ने बताया कि एनएचएआई ने जिया से लेकर रामशिला तक फोरलेन निर्माण के दौरान वन भूमि पर जगह-जगह अवैध डंपिंग की है. नुकसान की भरपाई के लिए पहले 12 लाख और दूसरी बार 1.05 करोड़ रुपये का नोटिस दिया गया. उनका कहना हैं कि विभाग ने 2 साल में 6 बार रिमाइंडर भेजे हैं, लेकिन जुर्माना जमा नहीं किया गया. अब वन विभाग ने कोर्ट जाने का फैसला लिया और इस संबंध में कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई है.