कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों आई बाढ़ के कारण कुल्लू में पर्यटन कारोबार को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. दरअसल, जिले में आई बाढ़ के चलते जहां सड़कों को नुकसान हुआ तो वहीं कई घर भी ब्यास नदी की चपेट में आए हैं. ऐसे में सड़कें कई जगह पर वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गई है. आने वाले दिनों में अगर जल्द ही बंद सड़कों को बहाल नहीं किया गया तो इससे घाटी का पर्यटन कारोबार ठप हो जाएगा. यही नहीं अगर जल्द ही पर्यटन कारोबार पटरी पर नहीं लौटा तो इससे घाटी में हजारों लोग भी बेरोजगार हो जाएंगे.
दरअसल, कुल्लू की अगर बात करें तो मनाली, मणिकर्ण, बंजार, तीर्थन, सैंज प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में जाने जाते हैं. यहां पर्यटन कारोबार हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाता है. बीते दिनों आई ब्यास नदी में बाढ़ के चलते कुल्लू से मनाली सड़क मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है. इसके अलावा मणिकर्ण सड़क मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा है. बंजार में भी जीभी से आगे सड़क जगह-जगह धंस गई है. वही, सैंज घाटी का बाजार भी नदी में आई बाढ़ की जद में आ चुका है. हालांकि, जून माह तक जिला कुल्लू के विभिन्न प्रथम जगहों पर्यटन कारोबार अच्छा रहा, लेकिन पहली ही बरसात में ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते अब सब चौपट हो गया है.
मनाली के 3000 से अधिक होटलों में सन्नाटा: पर्यटन नगरी मनाली की अगर बात करें तो यहां पर सड़कों की हालत को सुधारने में ही 2 माह से अधिक का समय लग सकता है. अगर इसके बीच फिर से बरसात तेज होती है तो यह समय और बढ़ सकता है. अब पर्यटन नगरी मनाली के 3000 से अधिक होटलों में पूरी तरह से वीरानी छाई हुई है. ऐसे में होटल संचालकों के द्वारा भी अपने स्टाफ को 2 माह की छुट्टी के लिए भेज दिया गया है. क्योंकि ना तो यहां पर्यटक पहुंच रहे हैं और ना ही किसी प्रकार की चहल-पहल है.
2 माह के छुट्टी पर भेजे गए होटल कर्मचारी: मनाली के होटलों में काम करने वाले कर्मचारी रामलाल, प्रदीप, सुरेश, दीपक का कहना है कि जिस तरह के हालात मनाली में है. उससे अब यह लग रहा है कि इसे सुधारने के लिए 6 माह से अधिक का समय लग सकता है. ऐसे में होटल संचालकों ने उन्हें फिलहाल 2 महीने के अवकाश पर भेज दिया है. अगर जल्द ही हालात नहीं सुधरे तो वह भी बेरोजगार हो जाएंगे और उन्हें काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है.
व्यापार नहीं होने से होटल संचालक परेशान: होटल संचालक नवनीत, अभिनव, दीपक, राजेश का कहना है कि उनके जो भी कारोबार चल रहे हैं. उसके लिए उन्होंने बैंकों से कर्ज भी ले रखा है. गर्मियों के दौरान कारोबार अच्छा रहा, ऐसे में उन्हें उम्मीद थी कि वे जल्द ही बैंक का कर्ज चुका देंगे, लेकिन मौसम की मार के चलते पर्यटन कारोबार ठप हो गया और उनके होटल पूरी तरह से खाली हैं. अगर जल्द ही हालात नहीं सुधरे तो, उन्हें बैंक का कर्ज चुकाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में प्रदेश सरकार और एनएचएआई सड़कों को ठीक करने की दिशा में तुरंत कार्य करें.
बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं होटल कारोबारी: वहीं होटल एसोसिएशन मनाली के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर व उपाध्यक्ष रोशन ठाकुर का कहना है कि बरसात के कारण आई बाढ़ के चलते सबसे अधिक होटल कारोबारी प्रभावित हुए हैं. मनाली के सभी होटल खाली हो गए हैं और दशहरा उत्सव से पहले अगर हालात ठीक नहीं हुए तो होटल कारोबारियों को काफी परेशानियों का सामना करना होगा. अगर दशहरा उत्सव से पहले सड़कों के हाल सही होते हैं तो एक बार फिर से घाटी का पर्यटन कारोबार पटरी पर लौट आएगा. वहीं, डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग का कहना है कि जिला में राहत कार्य में तेजी लाई जा रही है. तो वहीं सड़कों की बहाली का काम भी लगातार किया जा रहा है. ऐसे में अधिकतर सड़कों को खोल दिया गया है. कुल्लू से मनाली सड़क की मरम्मत भी की जा रही है ताकि आने वाले दिनों में जनजीवन सामान्य हो सके.
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