कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में मनरेगा मजदूरों की मांगों को लेकर अब अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति भी सामने आई है. जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में मंगलवार को अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के द्वारा एक धरना प्रदर्शन भी किया गया, तो वहीं डीसी कुल्लू के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी एक ज्ञापन भेजा गया. ज्ञापन के जरिए मांग रखी गई है कि प्रदेश में 4 लाख मनरेगा मजदूर जिनका पंजीकरण राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड में पिछली भाजपा सरकार ने रद्द किया था, उसे जल्द बहाल किया जाए.
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की जिला महासचिव ममता नेगी ने बताया कि मनरेगा मजदूरों को 120 दिन का काम भी अब सुनिश्चित किया जाना चाहिए और प्रदेश सरकार की निर्धारित न्यूनतम 350 रुपये की दिहाड़ी भी उन्हें दी जानी चाहिए, ताकि मनरेगा मजदूर अपना भरण-पोषण सही तरीके से कर सके. इसके अलावा मनरेगा मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी लगाने का जो फैसला लिया गया. उसे भी जल्द से जल्द रद्द किया जाए और मनरेगा के कार्यो के लिए सीमेंट की सप्लाई भी नियमित की जाए.
ममता नेगी ने बताया कि मनरेगा मजदूरों से 8 घंटे काम लेने का जो असेसमेंट का नियम बनाया गया है. उसे भी रद्द किया जाए और मनरेगा मजदूरों को काम करने के लिए औजार दिया जाए. इसके अलावा कई जगह पर मनरेगा के कार्यों के लिए मिस्त्री का प्रावधान नहीं है. ऐसे में सरकार मिस्त्रियों का भी प्रावधान करे. उन्होंने बताया कि इन सभी मांगों के बारे में एक ज्ञापन डीसी कुल्लू के माध्यम से प्रदेश सरकार को भेजा गया है और उम्मीद है कि मनरेगा मजदूरों की मांगों व समस्याओं का जल्द से जल्द हल निकाला जाएगा.
ये भी पढ़ें: Himachal Tableau: इस बार भी गणतंत्र दिवस पर नहीं दिखेगी हिमाचल की झांकी, यह है वजह