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दशहरा उत्सव में भाग लेने कुल्लू पहुंचे देवी देवता, दर्शन के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

कोरोना के बीच कई माह के बाद सूनी पड़ी घाटी ढोल, नगाड़ों और नरसिंगों की स्वरलहरियों से गूंज उठी. देवताओं के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. बिजली महादेव रघुनाथ मंदिर के पास, माता हिडिंबा रात्रि विश्राम रामशिला के हनुमान मंदिर में करेंगी.

दशहरा उत्सव
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Published : Oct 25, 2020, 10:21 AM IST

कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए बिजली महादेव, माता हिडिंबा समेत आधा दर्जन देवी-देवता भगवान रघुनाथ की नगरी पहुंच गए हैं. बिजली महादेव, माता हिडिंबा, लक्ष्मी नारायण और जमलू ऋषि आदि के पहुंचने से माहौल भक्तिमय हो गया.

कोरोना के बीच कई माह के बाद सूनी पड़ी घाटी ढोल, नगाड़ों और नरसिंगों की स्वरलहरियों से गूंज उठी. इस दौरान लोगों ने देवताओं का फूल-मालाओं से स्वागत किया. देवताओं के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. बिजली महादेव रघुनाथ मंदिर के पास, माता हिडिंबा रात्रि विश्राम रामशिला के हनुमान मंदिर में करेंगी.

लक्ष्मी नारायण, खोखन के आदि ब्रह्मा और जमदग्नि ऋषि अपने अस्थायी शिविरों में पहुंच गए हैं. दशहरा उत्सव में इन सात देवताओं की ओर से सीमित संख्या में कारकूनों के साथ देव परंपरा का निर्वहन किया जाएगा. बता दें कि देवताओं के साथ हर बार सैकड़ों हारियान साथ आते हैं, लेकिन इस बार यह संख्या कम रही है. प्रशासन ने सिर्फ 50 लोगों को ही देवता के साथ आने की अनुमति प्रदान की है.

दशहरा उत्सव कमेटी के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि कोरोना के चलते इस बार दशहरा उत्सव में सिर्फ देव परंपराओं का ही निर्वहन हो रहा है. इसके लिए देवी-देवता कुल्लू पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि दशहरे के लिए देवलुओं के कोरोना टेस्ट भी करवाए गए हैं. देवलु भी कोरोना को लेकर जागरूक दिखे. देवलु मास्क पहन भगवान रघुनाथ की नगरी में पहुंचे.

ये भी पढ़ें- भगवान रघुनाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा से होगा दशहरा पर्व का आगाज, 7 देवी-देवता ही ले सकेंगे भाग

कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए बिजली महादेव, माता हिडिंबा समेत आधा दर्जन देवी-देवता भगवान रघुनाथ की नगरी पहुंच गए हैं. बिजली महादेव, माता हिडिंबा, लक्ष्मी नारायण और जमलू ऋषि आदि के पहुंचने से माहौल भक्तिमय हो गया.

कोरोना के बीच कई माह के बाद सूनी पड़ी घाटी ढोल, नगाड़ों और नरसिंगों की स्वरलहरियों से गूंज उठी. इस दौरान लोगों ने देवताओं का फूल-मालाओं से स्वागत किया. देवताओं के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. बिजली महादेव रघुनाथ मंदिर के पास, माता हिडिंबा रात्रि विश्राम रामशिला के हनुमान मंदिर में करेंगी.

लक्ष्मी नारायण, खोखन के आदि ब्रह्मा और जमदग्नि ऋषि अपने अस्थायी शिविरों में पहुंच गए हैं. दशहरा उत्सव में इन सात देवताओं की ओर से सीमित संख्या में कारकूनों के साथ देव परंपरा का निर्वहन किया जाएगा. बता दें कि देवताओं के साथ हर बार सैकड़ों हारियान साथ आते हैं, लेकिन इस बार यह संख्या कम रही है. प्रशासन ने सिर्फ 50 लोगों को ही देवता के साथ आने की अनुमति प्रदान की है.

दशहरा उत्सव कमेटी के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि कोरोना के चलते इस बार दशहरा उत्सव में सिर्फ देव परंपराओं का ही निर्वहन हो रहा है. इसके लिए देवी-देवता कुल्लू पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि दशहरे के लिए देवलुओं के कोरोना टेस्ट भी करवाए गए हैं. देवलु भी कोरोना को लेकर जागरूक दिखे. देवलु मास्क पहन भगवान रघुनाथ की नगरी में पहुंचे.

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