कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में एचपीएमसी के द्वारा जहां बागवानों का सेब खरीदने के लिए सरकारी केंद्र खोले गए हैं. वहीं, बीते साल के सेब खरीद के पैसे भी बागवानों को समय पर नहीं मिल पाए हैं. ऐसे में मजबूरन बागवानों को एचपीएमसी के खरीद केंद्र से खाद और दवाइयां खरीद कर उस पैसे का समायोजन करना पड़ रहा है. साल 2022 में जिला कुल्लू में बागवानों ने 1 करोड़ 12 लाख के सेब एचपीएमसी को बेचे थे, लेकिन समय पर राशि न मिलने के कारण 93 लाख रुपए अब बागवानों द्वारा समायोजित किए गए हैं. समय पर भुगतान न होने के चलते बागवान एचपीएमसी से खाद और दवाइयां लेने को मजबूर हो गए हैं.
बकाया न मिलने से परेशान बागवान: जिला कुल्लू के पतलीकूहल खरीद केंद्र में पिछले साल करीब 93 लाख रुपए बागवान के द्वारा खाद और दवाइयों के रूप में समायोजित किए गए हैं. इस साल सरकारी खरीद केंद्रों में अधिक सेब आने की संभावना है. ऐसे में बागवानों ने भी एचपीएमसी से समय पर भुगतान करने की मांग रखी है. मिली जानकारी के अनुसार साल 2022 में पतलीकूहल खरीद केंद्र के तहत आने वाले सेब खरीद केंद्रों में 30 हजार 634 बोरी सेब पहुंचा था. एचपीएमसी के माध्यम से खरीदे गए सेब का बागवान को एक करोड़ 12 लाख रुपए का भुगतान किया जाना था, लेकिन सरकार ने समय पर इसका भुगतान नहीं किया. वहीं, सेब बेचने के बाद बागवानों ने अपनी राशि के बदले मजबूरन दवाई और खाद लेनी शुरू कर दी. जिसके चलते अब करीब 93 लाख रुपए इसी तरह से समायोजित किए गए हैं.
बागवानों की मांग: एचपीएमसी से मिली जानकारी के अनुसार अभी भी जिला कुल्लू में 18 लाख रुपए का भुगतान बागवानों को किया जाना शेष है. बागवान रमेश ठाकुर, रोशन ठाकुर, योगराज ठाकुर, निर्मला ठाकुर का कहना है कि इस साल मौसम की मार के चलते सेब की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है. वहीं, बागवान भी अधिक मात्रा में अपना सेब सरकारी खरीद केंद्रों में पहुंचा रहे हैं. ऐसे में सरकार को भी चाहिए कि वह समय पर बागवानों की राशि का भुगतान करें, ताकि बागवानों को भी अपने खर्च निकालने में आसानी हो सके.
HPMC का तर्क: वहीं, एचपीएमसी के प्रबंध निदेशक सनल उपाध्याय ने बताया कि जिला कुल्लू में 93 लाख रुपए की दवाइयां बागवानों को दी गई हैं. इसके अलावा 18 लाख रुपए का भुगतान अभी बाकी है. ऐसे में बागवानों की मांग को सरकार के समक्ष रखा जाएगा, ताकि उन्हें समय पर पैसों का भुगतान हो सके.