कुल्लू: मनाली से लाहौल स्पीति के उपमंडल काजा की सड़क बहाली का कार्य बीआरओ ने तेज कर दिया है. बीआरओ ने सड़क से बर्फ हटाने का कार्य बातल तक पूरा कर दिया है. अब जल्द ही मनाली सड़क से काजा के आपस में जोड़ने की उम्मीद बंध गई है. अगर मौसम ने साथ दिया तो इसी माह तक काजा उपमंडल मनाली से जुड़ जाएगा.
काजा-मनाली सड़क बहाली में जुटा बीआरओ
वहीं, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मनाली-लेह और समदो-काजा मार्ग बहाल करने के कार्य को गति दे दी है. बर्फबारी कम होने के चलते बीआरओ ने इस बार स्पीति घाटी के लोसर गांव तक सड़क बहाल रखी है. समदो-काजा की ओर से सड़क बहाल करते हुए बीआरओ कुंजम दर्रे को पार कर बातल के पास पहुंच गया है. इससे अब स्पीति की ओर चंद्रताल झील तक पहुंचना भी आसान हो गया है.
अटल टनल बनने से आसान हुआ बीआरओ का काम
चार दशक से बातल में ढाबा चलाने वाले मनाली निवासी चाचा और चाची के नाम से मशहूर दोरजे और पत्नी चंद्रा ने बताया कि काजा की ओर से बीआरओ के बातल पहुंचने की सूचना मिलते ही अब उन्होंने भी जाने की तैयारी कर ली है. वे वाया किन्नौर बातल जा रहे हैं. बीआरओ को अब बातल से ग्राम्फू तक ही सड़क बहाल करना शेष रह गया है.
वहीं, बीआरओ ने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग बहाली को गति दे दी है. बारालाचा दर्रे तक सड़क बहाल कर सरचू की ओर कूच कर लिया है. लेह को जल्द बहाल करने के लिए बीआरओ की एक टीम पैदल चलकर सरचू पहुंच गई है और सरचू से बारालाचा की ओर सड़क बहाली शुरू कर दी है. इस बार बर्फबारी कम होने और अटल टनल के बन जाने से बीआरओ की राह भी आसान हुई है.
15 अप्रैल से पहले मनाली-लेह मार्ग बहाल होने की उम्मीद
बीआरओ ने मनाली-लेह मार्ग की बहाली 15 अप्रैल से पहले होने की बात कही है. वहीं, बीआरओ कारगिल को जंस्कार घाटी होते हुए लाहौल से जोड़ने में भी जुट गया है. शिंकुला दर्रे के बहाल करते ही जंस्कार घाटी के लोग दारचा होते हुए मनाली आ सकेंगे. बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि सभी परिस्थितियां ठीक रही तो बीआरओ बारालाचा दर्रे समेत शिंकुला और कुंजम दर्रे को बहाल कर सभी सड़कों में वाहनों की आवाजाही सुचारू कर देगा.
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