कुल्लू: बुधवार 1 नवंबर को सुहागिनें करवा चौथ का व्रत रखेंगी. करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और रात के समय चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही व्रत खोलती हैं. चंद्रमा की पूजा के अलावा इस दिन महिलाएं माता गौरी की भी उपासना करती हैं. व्रत रखने से लेकर खोलने और पूजा विधि तक अलग-अलग स्थानों में अलग-अलग तरह से की जाती है. लेकिन इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखने वाली सुहागिनों को कुछ खास बातों का भी ध्यान रखना होता है, ताकि उन्हें इस व्रत का पूरा लाभ मिल सके.
करवा चौथ पर न करें ये काम: कुल्लू के आचार्य पुष्पराज का कहना है कि करवा चौथ के दिन व्रत में सफेद रंग की चीजों का उपयोग अशुभ माना गया है. इसलिए इस दिन महिलाएं सफेद चीज जैसे दूध, दही, सफेद कपड़ा भी किसी को न दें. इसके अलावा रात तक महिलाएं चांद का इंतजार करती हैं, लेकिन उन्हें इस बात का पता होना चाहिए कि चंद्रमा को व्रत के दिन सीधे नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. चंद्रमा के दर्शन के लिए उन्हें छलनी का प्रयोग करना चाहिए.
भूलकर न करें बुजुर्गों का अपमान: पूजा के बाद चंद्रमा को देखकर उसके बाद पति का चेहरा देखना चाहिए और पति के हाथों से मीठा खाकर पानी पीकर ही सुहागिनों को अपना व्रत खोलना चाहिए, तभी उन्हें इस व्रत का पूरा लाभ मिलेगा. इसके अलावा यदि किसी महिला के द्वारा अनजाने में भी बड़े-बुजुर्गों का अपमान हुआ हो तो उनका व्रत भी अधूरा माना जाता है. इसलिये इस दिन भूलकर भी बुजुर्गों का अपमान ना करें, उनका सम्मान करें और अपने सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद लें.
करवा चौथ पर रखें इन बातों का ख्याल: वहीं, शादी के बाद अगर पहली बार कोई विवाहिता करवा चौथ का व्रत रख रही है, तो वह इस बात का ध्यान रखे कि इस दिन 16 श्रृंगार करके ही रहे, क्योंकि यह दिन महिलाओं के सुहाग का दिन है. इसके अलावा पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने के दिन में लाल रंग और गुलाबी रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है. वहीं, महिलाएं काले, नीले, भूरे या सफेद रंग के कपड़े बिल्कुल भी न पहनें, क्योंकि इस रंग के कपड़े करवा चौथ के दिन पहनना शुभ नहीं माना गया है. करवा चौथ के व्रत में चांद को अर्घ देने के बाद भोजन ग्रहण करना चाहिए और इसमें केवल सात्विक आहार ही व्रत रखने वाली महिलाओं को खाना चाहिए.
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