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कुल्लू: पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा काइस धार, सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में पर्यटन विभाग - पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी काइस धार

कुल्लू जिले की महाराजा कोठी के तहत आने वाले काइस धार को अब पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की भी मांग उठ रही है. स्थानीय लोगों ने मांग उठाई है कि नई राहें नई मंजिल योजना के तहत इस जगह को विकसित किया जाए. वहीं, पर्यटन विभाग भी जल्द इसका प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजेगा.

पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी काइस धार
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी काइस धार
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Published : Mar 11, 2023, 3:55 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू की महाराजा कोठी के तहत आने वाले काइस धार को अब पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की भी मांग उठ रही है. यहां पर देवदार के हरे-भरे जंगल के अलावा ब्रिटिश सरकार के समय के दो बंगले भी हैं, जो आज भी वन विभाग के माध्यम से पर्यटकों की सैरगाह बने हुए हैं. ऐसे में अगर सरकार के द्वारा इस स्थल को विकसित किया जाए तो जिला कुल्लू में एक और पर्यटन स्थल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है.

पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा काइस धार.
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा काइस धार.

साल 1920 में ब्रिटिश सरकार ने काइस धार में दो बंगले बनाए थे और यहां पर अंग्रेज पर्यटक भी ट्रेकिंग के लिए आते थे. उसके बाद हालांकि कई सरकारें आई और गई, लेकिन अभी तक इस जगह को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए. यहां से बड़ा शौर, मठा शौर, डायनासौर तक ट्रैकिंग रूट अंग्रेजों के शासन से बना हुआ है. वहीं, सड़क सुविधा नहीं होने के चलते भी यह पर्यटन स्थल आज तक विकसित नहीं हो पाया. ऐसे में अगर यहां पर सड़क का निर्माण होता है, तो जिला कुल्लू में एक और स्थान पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकता है. इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.

स्थानीय लोगों ने नई-राहें नई-मंजिल योजना के तहत लाने की उठाई मांग.
स्थानीय लोगों ने नई-राहें नई-मंजिल योजना के तहत लाने की उठाई मांग.

बुआई पंचायत के प्रधान मोहर सिंह ने बताया कि यहां आने के लिए सड़क की कोई सुविधा नहीं है, लेकिन उसके बाद भी पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. ऐसे में अगर यहां पर सड़क सुविधा उपलब्ध करवाई जाए तो पर्यटकों को भी यहां आने में आसानी होगी. इसके अलावा यहां पर साहसिक गतिविधियां भी करवाई जा सकती हैं. अगर सरकार नई-राहें नई-मंजिल योजना के तहत इस जगह को विकसित करे तो यहां पर पर्यटन को नए पंख लग सकते हैं. उन्होंने कहा कि नई-राहें नई-मंजिल योजना के तहत जिला कुल्लू के मठा सौर का भी चयन हुआ है. ऐसे में अगर काइस धार को भी चयनित किया जाए तो लग घाटी के पर्यटन को चार चांद लगा सकते हैं.

सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में पर्यटन विभाग.
सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में पर्यटन विभाग.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए पूर्व भाजपा सरकार के द्वारा साल 2018 में नई-राहें नई-मंजिल योजना लाई गई थी. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों की पहचान भी की जाती है. इस योजना के तहत नए पर्यटन स्थलों को खोजने के लिए 50 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. लग घाटी के जेठानी गांव से मठा सौर तक रोपवे बनाने का प्रस्ताव भी इसी योजना के तहत बनाया गया है. जिसके लिए पर्यटन विभाग ने 60 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया है. वहीं, पर्यटन विभाग कुल्लू की जिला अधिकारी सुनैना शर्मा ने बताया कि नई-राहें नई-मंजिल योजना के तहत पर्यटन स्थलों को चिन्हित किया जा रहा है और इस बारे में सरकार को भी प्रस्ताव भेजा जाएगा, ताकि काइस धार को इस योजना के तहत लाया जा सके.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में गांधी शिल्प बाजार का शुभारंभ, एक छत के नीचे मिलेंगे विभिन्न राज्यों के उत्पाद

कुल्लू: जिला कुल्लू की महाराजा कोठी के तहत आने वाले काइस धार को अब पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की भी मांग उठ रही है. यहां पर देवदार के हरे-भरे जंगल के अलावा ब्रिटिश सरकार के समय के दो बंगले भी हैं, जो आज भी वन विभाग के माध्यम से पर्यटकों की सैरगाह बने हुए हैं. ऐसे में अगर सरकार के द्वारा इस स्थल को विकसित किया जाए तो जिला कुल्लू में एक और पर्यटन स्थल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है.

पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा काइस धार.
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा काइस धार.

साल 1920 में ब्रिटिश सरकार ने काइस धार में दो बंगले बनाए थे और यहां पर अंग्रेज पर्यटक भी ट्रेकिंग के लिए आते थे. उसके बाद हालांकि कई सरकारें आई और गई, लेकिन अभी तक इस जगह को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए. यहां से बड़ा शौर, मठा शौर, डायनासौर तक ट्रैकिंग रूट अंग्रेजों के शासन से बना हुआ है. वहीं, सड़क सुविधा नहीं होने के चलते भी यह पर्यटन स्थल आज तक विकसित नहीं हो पाया. ऐसे में अगर यहां पर सड़क का निर्माण होता है, तो जिला कुल्लू में एक और स्थान पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकता है. इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.

स्थानीय लोगों ने नई-राहें नई-मंजिल योजना के तहत लाने की उठाई मांग.
स्थानीय लोगों ने नई-राहें नई-मंजिल योजना के तहत लाने की उठाई मांग.

बुआई पंचायत के प्रधान मोहर सिंह ने बताया कि यहां आने के लिए सड़क की कोई सुविधा नहीं है, लेकिन उसके बाद भी पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. ऐसे में अगर यहां पर सड़क सुविधा उपलब्ध करवाई जाए तो पर्यटकों को भी यहां आने में आसानी होगी. इसके अलावा यहां पर साहसिक गतिविधियां भी करवाई जा सकती हैं. अगर सरकार नई-राहें नई-मंजिल योजना के तहत इस जगह को विकसित करे तो यहां पर पर्यटन को नए पंख लग सकते हैं. उन्होंने कहा कि नई-राहें नई-मंजिल योजना के तहत जिला कुल्लू के मठा सौर का भी चयन हुआ है. ऐसे में अगर काइस धार को भी चयनित किया जाए तो लग घाटी के पर्यटन को चार चांद लगा सकते हैं.

सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में पर्यटन विभाग.
सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में पर्यटन विभाग.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए पूर्व भाजपा सरकार के द्वारा साल 2018 में नई-राहें नई-मंजिल योजना लाई गई थी. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों की पहचान भी की जाती है. इस योजना के तहत नए पर्यटन स्थलों को खोजने के लिए 50 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. लग घाटी के जेठानी गांव से मठा सौर तक रोपवे बनाने का प्रस्ताव भी इसी योजना के तहत बनाया गया है. जिसके लिए पर्यटन विभाग ने 60 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया है. वहीं, पर्यटन विभाग कुल्लू की जिला अधिकारी सुनैना शर्मा ने बताया कि नई-राहें नई-मंजिल योजना के तहत पर्यटन स्थलों को चिन्हित किया जा रहा है और इस बारे में सरकार को भी प्रस्ताव भेजा जाएगा, ताकि काइस धार को इस योजना के तहत लाया जा सके.

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