कुल्लू: जिला कुल्लू में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 20 नवंबर से 4 दिसंबर तक सघन दस्त एवं निमोनिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाएगा. जिसके तहत घर-घर जाकर आशा वर्करों द्वारा ऐसे बच्चों की पहचान की जाएगी, जो दस्त एवं निमोनिया जैसी बीमारी से ग्रस्त हैं. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी उन बच्चों के इलाज के लिए विशेष रूप से काउंटर स्थापित किया जाएगा.
सभी खंडों में बांटी जाएगी दवाइयां: रीजनल हॉस्पिटल ढालपुर में आशा वर्कर व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को जानकारी देते हुए सीएमओ डॉ. नागराज पंवार ने बताया कि जिला कुल्लू में स्वास्थ्य विभाग के 6 खंड हैं. जहां पर 0 से लेकर 5 साल तक के बच्चों की संख्या 29,287 है. सभी स्वास्थ्य खंड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिंक और ओआरएस की गोलियां भेजी गई हैं. जो कि आशा वर्करों के जरिए सभी बच्चों तक पहुंचाई जाएगी. इसके अलावा आशा वर्करों द्वारा घर-घर जाकर सभी बच्चों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी, कि कितने बच्चे निमोनिया या फिर दस्त से ग्रसित हैं.
दस्त के कारण 5 साल के 10% बच्चों की मौत: सीएमओ डॉ. नागराज ने बताया कि देश में 5 साल के बच्चों की मृत्यु दर को कम करने के लिए ये अभियान चलाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस आयु वर्ग में लगभग 10 फीसदी मृत्यु दस्त व उसकी जटिलताओं की वजह से होती है. इस पखवाड़े का लक्ष्य लोगों में दस्त के सबसे सस्ते और प्रभावकारी इलाज ओआरएस घोल और जिंक टेबलेट का प्रयोग करने की जागरूकता पैदा करना है. पखवाड़े के दौरान गांव, जिला स्तर पर स्वच्छता के लिए गहन समुदाय जागरूकता अभियान और ओआरएस व जींक थेरेपी का प्रचार किया जाएगा.
घर-घर ORS बांटेगी आशा वर्कर: सघन दस्त एवं निमोनिया नियंत्रण पखवाड़ा के तहत आशा कार्यकर्ता अपने गांवों में 5 साल से कम आयु के बच्चों वाले घरों में ओआरएस के पैकेट वितरण करेंगी. एएनएम आशा वर्कर द्वारा ओआरएस घोल तैयार करना सिखाया जाएगा, इसके साथ खान-पान और स्वच्छता संबंधी सलाह भी परिवार को दी जाएगी. इसके लिए स्वास्थ्य संस्थाओं में ओआरएस-जिंक कार्नर स्थापित किए जाएंगे.
दस्त से बचाव के लिए सावधानियां: कुल्लू के सीएमओ डॉ. नागराज ने कहा कि दस्त के कारण होने वाली लगभग सभी मौत को ओआरएस और जिंक गोलियों के प्रयोग द्वारा शरीर में जल की कमी के इलाज के साथ-साथ बच्चों को भोजन में भरपूर पोषक तत्व देकर रोका जा सकता है. पीने का साफ पानी, स्वच्छता, स्तनपान, संतुलित आहार और शारीरिक सफाई रखकर दस्त से बचाव किया जा सकता है.
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