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ऑटो ऑपरेटर्स की प्रदेश सरकार से राहत पैकेज की मांग, लॉकडाउन में धंधा ठप

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Published : May 12, 2020, 9:05 PM IST

लॉकडाउन के चलते ऑटो चालक प्रदेश सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में करीब चार हजार ऑटो चालक हैं. अकेले कुल्लू जिला में एक हजार ऑटो ऑपरेटर्स हैं.

डिजाइन फोटो
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कुल्लू: बीते 50 दिनों से जारी लॉकडाउन ने हर व्यवसाय की कमर तोड़ दी है. टूरिज्म स्टेट हिमाचल का समर सीजन भी लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया है. कारोबारियों का करोड़ों का नुकसान हुआ है, जिससे प्रदेश की आर्थिकी पर बुरा असर पड़ा है.

स्पेशल रिपोर्ट

टैक्सी कारोबार से लेकर होटल कारोबार ठप है. इन सेक्टर में काम करने वाले लाखों कर्मी बेरोजगार हो गए हैं. वहीं, प्रदेश के ऑटो ऑपरेटर्स भी इससे अछूते नहीं रहे. प्रदेश सरकार ने ग्रीन जोन एरिया में टैक्सी चालकों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ टैक्सी चलाने की अनुमति दी है.

वहीं, ऑटो चालकों को सरकार ने अभी ऐसी कोई अनुमति नहीं दी है. मुश्किल की इस घड़ी में ऑटो चालक प्रदेश सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में करीब चार हजार ऑटो चालक हैं. अकेले कुल्लू जिला में एक हजार ऑटो ऑपरेटर्स हैं.

लॉकडाउन के कारण ऑटो चालकों को रोजी-रोटी के साथ परिवार के पालन पोषण की चिंता सता रही है. ऐसे में हिमाचल के ऑटो ऑपरेटर्स भी दिल्ली और कर्नाटक की तर्ज पर आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं.

हालांकि हिमाचल में अन्य राज्यों की तुलना में ऑटो ऑपरेटर्स कम हैं. शहरों में ही मख्य रूप से ऑटो ऑपरेटर्स काम करते हैं. ऑटो ऑपरेटर्स का परमिट भी संबंधित शहर तक ही सीमित होता है. कुल्लू और मनाली में समर सीजन में पर्यटकों के न आने से यहां के ऑटो ऑपरेटर्स को भी बहुत घाटा हुआ है. ऐसे में ऑपरेटर्स हुक्मरानों से होटल कारोबारियों और टैक्सी ऑपरेटर्स की तर्ज पर मदद की गुहार लगा रहे हैं.

कुल्लू: बीते 50 दिनों से जारी लॉकडाउन ने हर व्यवसाय की कमर तोड़ दी है. टूरिज्म स्टेट हिमाचल का समर सीजन भी लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया है. कारोबारियों का करोड़ों का नुकसान हुआ है, जिससे प्रदेश की आर्थिकी पर बुरा असर पड़ा है.

स्पेशल रिपोर्ट

टैक्सी कारोबार से लेकर होटल कारोबार ठप है. इन सेक्टर में काम करने वाले लाखों कर्मी बेरोजगार हो गए हैं. वहीं, प्रदेश के ऑटो ऑपरेटर्स भी इससे अछूते नहीं रहे. प्रदेश सरकार ने ग्रीन जोन एरिया में टैक्सी चालकों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ टैक्सी चलाने की अनुमति दी है.

वहीं, ऑटो चालकों को सरकार ने अभी ऐसी कोई अनुमति नहीं दी है. मुश्किल की इस घड़ी में ऑटो चालक प्रदेश सरकार से मदद की मांग कर रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में करीब चार हजार ऑटो चालक हैं. अकेले कुल्लू जिला में एक हजार ऑटो ऑपरेटर्स हैं.

लॉकडाउन के कारण ऑटो चालकों को रोजी-रोटी के साथ परिवार के पालन पोषण की चिंता सता रही है. ऐसे में हिमाचल के ऑटो ऑपरेटर्स भी दिल्ली और कर्नाटक की तर्ज पर आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं.

हालांकि हिमाचल में अन्य राज्यों की तुलना में ऑटो ऑपरेटर्स कम हैं. शहरों में ही मख्य रूप से ऑटो ऑपरेटर्स काम करते हैं. ऑटो ऑपरेटर्स का परमिट भी संबंधित शहर तक ही सीमित होता है. कुल्लू और मनाली में समर सीजन में पर्यटकों के न आने से यहां के ऑटो ऑपरेटर्स को भी बहुत घाटा हुआ है. ऐसे में ऑपरेटर्स हुक्मरानों से होटल कारोबारियों और टैक्सी ऑपरेटर्स की तर्ज पर मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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