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हिमाचल में धरातल पर नहीं उतरी हिम गंगा योजना, अब तक नहीं शुरू हुआ किसानों-पशुपालकों का पंजीकरण - Cong milk buy promises

Him Ganga Scheme: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार की हिम गंगा योजना अब तक धरातल पर नहीं उतरी है. योजना के तहत शराब की बोतल पर 10 रुपए मिल्क सेस लिया जा रहा है, लेकिन अभी तक किसानों का पंजीकरण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 27, 2023, 4:56 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के द्वारा हिम गंगा योजना के माध्यम से पशुपालकों से ₹80 से लेकर ₹100 प्रति किलो तक दूध की खरीद की जानी थी. ऐसे में सरकार ने शराब की बोतल पर भी मिल्क सेस लगाया था. ताकि पशुपालकों को उस सेस के माध्यम से दूध का उचित दाम दिया जा सके, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी सरकार की घोषणा पूरी नहीं हो पाई है. जबकि सरकार द्वारा अप्रैल 2023 से शराब की बोतल पर मिल्क सेस के नाम पर ₹10 प्रति बोतल के हिसाब से लिया जा रहा है.

हिमाचल प्रदेश की अगर बात करें तो अब तक प्रदेश के 12 जिलों से 50 करोड़ रुपए से अधिक सेस वसूला गया है. वहीं, जिला कुल्लू में भी अप्रैल से लेकर अब तक मिल्क सेस के नाम पर 5 करोड़ 50 लाख रुपए एकत्र किए गए हैं. सरकार की ओर से अभी तक हिम गंगा योजना के नाम पर यह राजस्व लिया गया है, लेकिन हिम गंगा योजना अभी तक धरातल पर नहीं उत्तर पाई है.

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने किसानों से ₹80 से लेकर ₹100 प्रति किलो दूध खरीदने के गारंटी दी है. यह दूध सरकार द्वारा हर ब्लॉक से किसानों और पशुपालकों का पंजीकरण करने के बाद खरीदा जाना था. ऐसे में सरकार को नुकसान ना उठाना पड़े और पशुपालकों को भी यह दाम मिल सके, इसके लिए सरकार ने शराब की एक बोतल पर ₹10 मिल्क सेस लगाया गया है, लेकिन अभी तक किसानों का पंजीकरण का कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है.

वहीं, अब पशुपालक और किसान भी सरकार से हिम गंगा गारंटी को पूरा करने की मांग रख रहे हैं. हिमाचल सरकार ने इस योजना के तहत पशुपालकों से गाय और भैंस का दूध फैट के हिसाब से खरीदने की योजना बनाई है. जिस दुग्ध उत्पादक के दूध में अधिक फैट होंगे, उसका दूध ₹100 प्रति लीटर के हिसाब से खरीदा जाएगा. जबकि कम फैट वाले दूध को ₹80 प्रति लीटर के हिसाब से खरीदने का प्रावधान किया गया था.

पूर्व की भाजपा सरकार ने भी प्रदेश में शराब की बोतल पर अढ़ाई रुपए काऊ सेस लगाया था, लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इस सेस को अब मिल्क सेस में परिवर्तित कर दिया है और अब प्रति बोतल शराब पर ₹10 मिल्क सेस के रूप में वसूला जा रहा है. आबकारी एवं कराधान विभाग के उपायुक्त नरेंद्र सेन ने बताया कि अप्रैल 2023 से शराब की बोतल पर मिल्क सेस लिया जा रहा है, जिसके चलते अब तक जिला कुल्लू में 5 करोड़ 50 लाख रुपए मिल्क सेस के रूप में एकत्रित किए गए हैं. यह धन सरकारी खजाने में जमा किया जा चुका है.

ये भी पढ़ें: वर्तमान कांग्रेस सरकार को सब थाली में सजा कर मिला, केवल रिबन काटकर जनता को कर रहे गुमराह: बलवीर वर्मा

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के द्वारा हिम गंगा योजना के माध्यम से पशुपालकों से ₹80 से लेकर ₹100 प्रति किलो तक दूध की खरीद की जानी थी. ऐसे में सरकार ने शराब की बोतल पर भी मिल्क सेस लगाया था. ताकि पशुपालकों को उस सेस के माध्यम से दूध का उचित दाम दिया जा सके, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी सरकार की घोषणा पूरी नहीं हो पाई है. जबकि सरकार द्वारा अप्रैल 2023 से शराब की बोतल पर मिल्क सेस के नाम पर ₹10 प्रति बोतल के हिसाब से लिया जा रहा है.

हिमाचल प्रदेश की अगर बात करें तो अब तक प्रदेश के 12 जिलों से 50 करोड़ रुपए से अधिक सेस वसूला गया है. वहीं, जिला कुल्लू में भी अप्रैल से लेकर अब तक मिल्क सेस के नाम पर 5 करोड़ 50 लाख रुपए एकत्र किए गए हैं. सरकार की ओर से अभी तक हिम गंगा योजना के नाम पर यह राजस्व लिया गया है, लेकिन हिम गंगा योजना अभी तक धरातल पर नहीं उत्तर पाई है.

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने किसानों से ₹80 से लेकर ₹100 प्रति किलो दूध खरीदने के गारंटी दी है. यह दूध सरकार द्वारा हर ब्लॉक से किसानों और पशुपालकों का पंजीकरण करने के बाद खरीदा जाना था. ऐसे में सरकार को नुकसान ना उठाना पड़े और पशुपालकों को भी यह दाम मिल सके, इसके लिए सरकार ने शराब की एक बोतल पर ₹10 मिल्क सेस लगाया गया है, लेकिन अभी तक किसानों का पंजीकरण का कार्य भी शुरू नहीं हो पाया है.

वहीं, अब पशुपालक और किसान भी सरकार से हिम गंगा गारंटी को पूरा करने की मांग रख रहे हैं. हिमाचल सरकार ने इस योजना के तहत पशुपालकों से गाय और भैंस का दूध फैट के हिसाब से खरीदने की योजना बनाई है. जिस दुग्ध उत्पादक के दूध में अधिक फैट होंगे, उसका दूध ₹100 प्रति लीटर के हिसाब से खरीदा जाएगा. जबकि कम फैट वाले दूध को ₹80 प्रति लीटर के हिसाब से खरीदने का प्रावधान किया गया था.

पूर्व की भाजपा सरकार ने भी प्रदेश में शराब की बोतल पर अढ़ाई रुपए काऊ सेस लगाया था, लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इस सेस को अब मिल्क सेस में परिवर्तित कर दिया है और अब प्रति बोतल शराब पर ₹10 मिल्क सेस के रूप में वसूला जा रहा है. आबकारी एवं कराधान विभाग के उपायुक्त नरेंद्र सेन ने बताया कि अप्रैल 2023 से शराब की बोतल पर मिल्क सेस लिया जा रहा है, जिसके चलते अब तक जिला कुल्लू में 5 करोड़ 50 लाख रुपए मिल्क सेस के रूप में एकत्रित किए गए हैं. यह धन सरकारी खजाने में जमा किया जा चुका है.

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