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एशिया के सबसे ऊंचे गांव कोमिक में बना हाफ मैराथन का रिकॉर्ड, स्वच्छता के प्रति लोगों को किया जागरूक - हाफ मैराथन

लाहौल-स्पीति में पहली बार स्वच्छता अभियान के तहत मैराथन का आयोजन किया गया. जिसमें करीब 173 प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया.

हाफ मैराथन
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Published : Aug 26, 2019, 7:56 AM IST

कुल्लू: जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में पहली बार स्वच्छता अभियान के तहत एशिया के सबसे ऊंचे गांव (कोमिक गांव) में हाफ मैराथन आयोजित किया गया. काजा प्रशासन ने कोमिक गांव में लादरचा मेले के तहत हाफ मैराथन करवाने का फैसला किया था. मैराथन 4,538 मीटर से 4,700 मीटर की ऊंचाई पर हुई. मैराथन कौमिक गांव से शुरू हुई और इसका समापन डेम्यूल गांव में हुआ.

इस मैराथन के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया गया है. इस तरह की दौड़ कभी इतनी ऊंचाई पर आज तक नहीं हुई है. इस मैराथन में 173 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. जिसमें से 169 प्रतिभागियों ने दौड़ को पूरा किया. मैराथन को एसडीएम काजा जीवन सिंह नेगी ने हरी झंडी देकर रवाना किया.

काजा खंड विकास अधिकारी जीसी पाठक ने बताया कि पुरुष वर्ग में सोनम टाकपा ने मैराथन में प्रथम स्थान हासिल किया. वहीं, महिला वर्ग में काजा की छेरिग पॉलजोम ने प्रथम स्थान हासिल किया. एसडीएम काजा जीवन सिंह नेगी ने बताया कि हाफ मैराथन का आयोजन सफलता पूर्वक तरीके से सम्पन्न हुआ. एसडीएम काजा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. अगर हमारे आसपास का वातारण साफ होगा तो हम सब रोगमुक्त रहेंगे.

बता दें कि एशिया के सबसे ऊंचे गांव (कोमिक गांव) में 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन करवाने का रिकॉर्ड एशिया बुक में दर्ज हो चुका है. एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम मैराथन दौड़ प्रतियोगिता के दौरान मौजूद रही.

कुल्लू: जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में पहली बार स्वच्छता अभियान के तहत एशिया के सबसे ऊंचे गांव (कोमिक गांव) में हाफ मैराथन आयोजित किया गया. काजा प्रशासन ने कोमिक गांव में लादरचा मेले के तहत हाफ मैराथन करवाने का फैसला किया था. मैराथन 4,538 मीटर से 4,700 मीटर की ऊंचाई पर हुई. मैराथन कौमिक गांव से शुरू हुई और इसका समापन डेम्यूल गांव में हुआ.

इस मैराथन के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया गया है. इस तरह की दौड़ कभी इतनी ऊंचाई पर आज तक नहीं हुई है. इस मैराथन में 173 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. जिसमें से 169 प्रतिभागियों ने दौड़ को पूरा किया. मैराथन को एसडीएम काजा जीवन सिंह नेगी ने हरी झंडी देकर रवाना किया.

काजा खंड विकास अधिकारी जीसी पाठक ने बताया कि पुरुष वर्ग में सोनम टाकपा ने मैराथन में प्रथम स्थान हासिल किया. वहीं, महिला वर्ग में काजा की छेरिग पॉलजोम ने प्रथम स्थान हासिल किया. एसडीएम काजा जीवन सिंह नेगी ने बताया कि हाफ मैराथन का आयोजन सफलता पूर्वक तरीके से सम्पन्न हुआ. एसडीएम काजा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. अगर हमारे आसपास का वातारण साफ होगा तो हम सब रोगमुक्त रहेंगे.

बता दें कि एशिया के सबसे ऊंचे गांव (कोमिक गांव) में 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन करवाने का रिकॉर्ड एशिया बुक में दर्ज हो चुका है. एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम मैराथन दौड़ प्रतियोगिता के दौरान मौजूद रही.

Intro:कुल्लू
एशिया के सबसे ऊंचे गांव कोमिक में बना हाफ मैराथन का रिकॉर्डBody:

स्वच्छता अभियान के तहत जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में पहली बार एशिया के सबसे ऊंचे गांव में हाफ मैराथन आयोजित करने का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। काजा प्रशासन ने कौमिक गांव में लादरचा मेले के तहत हाफ मैराथन करवाने का फैसला किया था। मैराथन 4,538 मीटर से 4,700 मीटर की ऊंचाई पर हुआ है। कौमिक गांव से मैराथन शुरू हुई, जबकि इसका समापन डेम्यूल गांव में हुआ। इस मैराथन के माध्यम से स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया गया है। इस तरह की दौड़ कभी इतनी ऊंचाई पर आज तक नहीं हुई है। इस मैराथन में 173 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। जबकि 169 प्रतिभागियों ने दौड़ पूरी की। मैराथन को एसडीएम काजा जीवन सिंह नेगी ने हरी झंडी देकर रवाना किया। जबकि विजेताओं को पुरस्कार भी एसडीएम ने ही दिए। काजा खंड विकास अधिकारी जीसी पाठक ने बताया कि पुरुष वर्ग में सोनम टाकपा जोकि डेम्यूल गांव से संबंध रखते है ने प्रथम स्थान हासिल किया। 21.1 किलोमीटर की दूरी सोनम ने एक घंटे 58 मिनट में पूरी की। जबकि लादरचा गांव के दोर्जे संदीप ने दूसरा स्थान हासिल किया।

महिला वर्ग में काजा की छेरिग पॉलजोंम ने प्रथम स्थान हासिल किया। जबकि पद्मा डेंगमो ने दूसरा स्थान पर जगह बनाई। एसडीएम काजा जीवन सिंह नेगी ने बताया कि हाफ मैराथन का आयोजन सफलता पूर्वक तरीके से सम्पन्न हुआ है। लोगों को अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर हमारे आसपास का वातारण साफ होगा तो हम सब रोगमुक्त रहेंगे।

Conclusion:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश स्वच्छता अभियान शुरू किया है। इसी कड़ी में इस मैराथन का आयोजन किया गया। करीब 173 प्रतिभागियों ने इस दौड़ में हिस्सा लेकर जाहिर कर दिया कि स्वच्छता के प्रति अपनी भूमिका निभाने में कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता है।
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