कुल्लू: जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में पहली बार स्वच्छता अभियान के तहत एशिया के सबसे ऊंचे गांव (कोमिक गांव) में हाफ मैराथन आयोजित किया गया. काजा प्रशासन ने कोमिक गांव में लादरचा मेले के तहत हाफ मैराथन करवाने का फैसला किया था. मैराथन 4,538 मीटर से 4,700 मीटर की ऊंचाई पर हुई. मैराथन कौमिक गांव से शुरू हुई और इसका समापन डेम्यूल गांव में हुआ.
इस मैराथन के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया गया है. इस तरह की दौड़ कभी इतनी ऊंचाई पर आज तक नहीं हुई है. इस मैराथन में 173 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. जिसमें से 169 प्रतिभागियों ने दौड़ को पूरा किया. मैराथन को एसडीएम काजा जीवन सिंह नेगी ने हरी झंडी देकर रवाना किया.
काजा खंड विकास अधिकारी जीसी पाठक ने बताया कि पुरुष वर्ग में सोनम टाकपा ने मैराथन में प्रथम स्थान हासिल किया. वहीं, महिला वर्ग में काजा की छेरिग पॉलजोम ने प्रथम स्थान हासिल किया. एसडीएम काजा जीवन सिंह नेगी ने बताया कि हाफ मैराथन का आयोजन सफलता पूर्वक तरीके से सम्पन्न हुआ. एसडीएम काजा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. अगर हमारे आसपास का वातारण साफ होगा तो हम सब रोगमुक्त रहेंगे.
बता दें कि एशिया के सबसे ऊंचे गांव (कोमिक गांव) में 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन करवाने का रिकॉर्ड एशिया बुक में दर्ज हो चुका है. एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम मैराथन दौड़ प्रतियोगिता के दौरान मौजूद रही.