कुल्लू: देवभूमि हिमाचल की परंपराएं अनोखी व अद्भुत हैं. यहां देवी-देवताओं में लोगों की गहरी आस्था है. वहीं, जिला कुल्लू के लोगों को देव आस्था के साथ-साथ उनके आदेशों को भी पालन करना पड़ता है.
बता दें कि बनोगी कोठी के आराध्य देवता पुंडरीक ऋषि और बड़ा छमांहू देवता का कई सालों बाद भव्य देव मिलन हुआ था. उस समय जिला कुल्लू के कोटला गांव में देवी-देवताओं ने अपने-अपने हारियानों को आदेश दिए थे.
पुंडरीक ऋषि का फंगवाणा गांव पहुंचने पर छमांहू के हारियानों बड़े हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया था. देवता ने फगवाणा गांव में देव छमांहू धामणी छमांहू के साथ भव्य देव मिलन किया. इस दौरान देवता पुंडरीक ऋषि ने अपने गूर के माध्यम से भविष्यवाणी की थी. भविष्यवाणी में तीनों देवताओं ने शराब से दूर रहने के आदेश हारियानों को दिए थे.
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बनोगी कोठी के हारियानों ने कुल्लवी चोला-टोपी पहनकर अपनी रीति रिवाज के अनुसार नाटी डाली. पुंडरीक ऋषि के कारदार लोतम राम ने कहा कि 26 प्रविष्टे तक हारगी चलेगी, उसके बाद पुंडरीक ऋषि 27 प्रविष्टे को अपने शंशधार से मूल स्थान रवाना होंगे.