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बड़ा छमाहू व पुंडरीक ऋषि का हुआ भव्य मिलन, देवताओं ने दिए हारियानों को शराब बंदी के आदेश! - कुल्लवी चोला-टोपी

बनोगी कोठी के हारियानों ने कुल्लवी चोला-टोपी पहनकर अपनी रीति रिवाज के अनुसार नाटी डाली. पुंडरीक ऋषि के कारदार लोतम राम ने कहा कि 26 प्रविष्टे तक हारगी चलेगी, उसके बाद पुंडरीक ऋषि 27 प्रविष्टे को अपने शंशधार से मूल स्थान रवाना होंगे.

बड़ा छमाहू व पुंडरीक ऋषि का हुआ भव्य मिलन
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Published : Sep 11, 2019, 2:39 PM IST

कुल्लू: देवभूमि हिमाचल की परंपराएं अनोखी व अद्भुत हैं. यहां देवी-देवताओं में लोगों की गहरी आस्था है. वहीं, जिला कुल्लू के लोगों को देव आस्था के साथ-साथ उनके आदेशों को भी पालन करना पड़ता है.

बता दें कि बनोगी कोठी के आराध्य देवता पुंडरीक ऋषि और बड़ा छमांहू देवता का कई सालों बाद भव्य देव मिलन हुआ था. उस समय जिला कुल्लू के कोटला गांव में देवी-देवताओं ने अपने-अपने हारियानों को आदेश दिए थे.

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पुंडरीक ऋषि का फंगवाणा गांव पहुंचने पर छमांहू के हारियानों बड़े हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया था. देवता ने फगवाणा गांव में देव छमांहू धामणी छमांहू के साथ भव्य देव मिलन किया. इस दौरान देवता पुंडरीक ऋषि ने अपने गूर के माध्यम से भविष्यवाणी की थी. भविष्यवाणी में तीनों देवताओं ने शराब से दूर रहने के आदेश हारियानों को दिए थे.

ये भी पढ़ें: हरियाणा पुलिस के हैड कांन्स्टेबल की दादागीरी, होमगार्ड को दी जान से मारने की धमकी

बनोगी कोठी के हारियानों ने कुल्लवी चोला-टोपी पहनकर अपनी रीति रिवाज के अनुसार नाटी डाली. पुंडरीक ऋषि के कारदार लोतम राम ने कहा कि 26 प्रविष्टे तक हारगी चलेगी, उसके बाद पुंडरीक ऋषि 27 प्रविष्टे को अपने शंशधार से मूल स्थान रवाना होंगे.

कुल्लू: देवभूमि हिमाचल की परंपराएं अनोखी व अद्भुत हैं. यहां देवी-देवताओं में लोगों की गहरी आस्था है. वहीं, जिला कुल्लू के लोगों को देव आस्था के साथ-साथ उनके आदेशों को भी पालन करना पड़ता है.

बता दें कि बनोगी कोठी के आराध्य देवता पुंडरीक ऋषि और बड़ा छमांहू देवता का कई सालों बाद भव्य देव मिलन हुआ था. उस समय जिला कुल्लू के कोटला गांव में देवी-देवताओं ने अपने-अपने हारियानों को आदेश दिए थे.

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पुंडरीक ऋषि का फंगवाणा गांव पहुंचने पर छमांहू के हारियानों बड़े हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया था. देवता ने फगवाणा गांव में देव छमांहू धामणी छमांहू के साथ भव्य देव मिलन किया. इस दौरान देवता पुंडरीक ऋषि ने अपने गूर के माध्यम से भविष्यवाणी की थी. भविष्यवाणी में तीनों देवताओं ने शराब से दूर रहने के आदेश हारियानों को दिए थे.

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बनोगी कोठी के हारियानों ने कुल्लवी चोला-टोपी पहनकर अपनी रीति रिवाज के अनुसार नाटी डाली. पुंडरीक ऋषि के कारदार लोतम राम ने कहा कि 26 प्रविष्टे तक हारगी चलेगी, उसके बाद पुंडरीक ऋषि 27 प्रविष्टे को अपने शंशधार से मूल स्थान रवाना होंगे.

Intro:यहां देवताओं ने दिए हारियानों को शराब बंदी के आदेशBody:

बड़ा छमाहू व पुंडरीक ऋषि का हुआ भव्य मिलन
देवभूमि कुल्लू की देव परंपराएं अनोखी व अद्भुत हैं। जिला कुल्लू के लोगों की देवी-देवताओं पर गहरी आस्था है। वहीं, यहां के लोगों को देव आस्थाओं के साथ-साथ देव आदेशों की पालना करनी पड़ती है। जी हां! हम यहां आपको एक देव आदेश की ओर आकर्षित करते हैं कि किस तरह से देवताओं ने अपने हारियानों को शराब जैसे नशे से दूर रहने के आदेश दिए। यह्य देव आदेश जिला कुल्लू के कोटला गांव यात्रा के दौरान तब देवी-देवताओं ने अपने-अपने हारियानों को दिए, जब बनोगी कोठी के आराध्य देवता पुंडरीक ऋषि और बड़ा छमांहू देवता का कई सालों बाद भव्य देव मिलन हुआ। बता दें कि बनोगी कोठी के आराध्य देव पुंडरीक ऋ षि और बड़ा छमांहू देवता का आठ साल बाद फंगवाणा गांव में मिलन हुआ। पुंडरीक ऋषि का फंगवाणा गांव में पहुंचते ही छमांहू के हारियानों ने धूप और फूलों के साथ स्वागत किया। वहीं, देवता ने फगवाणा गांव में देव छमांहू धामणी छमांहू के साथ भव्य देव मिलन किया। इस दौरान देवता पुंडरीक ऋषि ने अपने गूर के माध्यम से भविष्यवाणी भी की। भविष्यवाणी में देवता ने सुख-शांति व समृद्धि का आशिर्वाद दोनों हारियानों को दिया। यही नहीं इस दौरान तीनों देवताओं ने भविष्यवाणी में ही शराब से दूर रहने के आदेश भी दिए।
Conclusion:बनोगी कोठी के हारियानों ने पुराने रीति-रिवाजों कुल्लवी चोला-टोपी पहनकर नाटी डाली। पंुडरीक ऋषि के कारदार लोतम राम ने कहा कि 26 प्रविष्टे तक हारगी चलेगी, उसके बाद पुंडरीक ऋषि 27 प्रविष्टे को अपने शंशधार से मूल स्थान रवाना होंगे।
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