कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे की शान बढ़ाने के लिए मनाली घाटी की आराध्यदेवी एवं कुल्लू राजवंश की दादी माता हिडिंबा दैवीय शक्तियों संग अपने सीमित कारकूनों व देवलुओं सहित कुल्लू रवाना हो गईं है.
कोविड-19 नियमों का हो रहा पालन
कोविड-19 के कारण इस बार माता के साथ जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सीमित है. मंदिर परिसर से पीडब्ल्यूडी कार्यालय तक श्रद्धालुओं ने माता हिडिंबा से सुख व समृद्धि का आशीर्वाद लिया. भक्तों ने जगह-जगह माता का स्वागत किया. तीन चार स्थानों में माता के भक्तों ने देवलुओं कारकूनों को पैक्ड प्रसाद भी बांटा.
वाद्य यंत्रों की धुन से गूंज उठा ढुंगरी प्रांगण
माता ढुंगरी प्रांगण देव वाद्य यंत्रों की धुन से गूंज उठा. कारकून व देवलू मास्क लगाकर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए माता हिडिंबा परिसर में एकत्रित हुए और माल रोड होते हुए पीडब्ल्यूडी विभाग के कैंपस पहुंचे. इस बीच श्रद्धालुओं व कारकूनों की ओर से आराध्यदेवी की विधिवत पूजा-अर्चना की गई.
पर्यटकों ने भी लिया आनंद
माता ने ढुंगरी और मनाली बाजार के दुर्गा मंदिर प्रांगण में गूर के माध्यम से दशहरे में सब कुछ ठीक रहने की बात कही. माता हिडिंबा के माल रोड पहुंचते ही लोगों सहित सैंकड़ों पर्यटकों ने भी इन लम्हों को कैमरे में कैद किया. लोक निर्माण विभाग मनाली की ओर से प्रांगण में पहुंचने पर माता हिडिंबा का जोरदार स्वागत किया गया. विभाग ने माता के स्वागत के साथ-साथ श्रद्धालुओं व कारकूनों के लिए प्रसाद की व्यवस्था भी की.
लोक निर्माण विभाग ने किया स्वागत
लोक निर्माण विभाग 1976 से माता के दशहरे में जाने के दौरान श्रद्धालुओं को प्रसाद व जलपान ग्रहण करवाता रहा है. लोक निर्माण विभाग मनाली के अधिशाषी अभियंता अनूप शर्मा व एसडीओ पवन राणा ने माता हिडिंबा का स्वागत किया और सुख समृद्धि का आशीर्वाद लिया. माता हिडिंबा के कारदार रघुवीर नेगी ने बताया कोविड-19 के सभी दिशा निर्देशों का पालन किया गया है.
सभी श्रद्धलुओं के हुए कोविड टेस्ट
माता के साथ जाने वाले सभी श्रद्धलुओं के कोविड टेस्ट करवाए गए हैं. उन्होंने कहा माता सैकड़ों श्रद्धालुओं संग दशहरे के लिए कुल्लू रवाना हो गई हैं. दशहरा उत्सव की शुरूआत माता हिडिंबा की उपस्थिति में ही होती है. माता हिडिंबा के कारकून आज दिनभर पैदल चलने के बाद शाम को कुल्लू के रामशिला हनुमान मंदिर पहुंचेंगे.
माता के कुल्लू पहुंचने पर होगी शुरुआत
प्राचीनकाल से चली आ रही परंपरा के अनुसार माता रात्रि विश्राम रामशिला में करेंगी. रविवार सुबह भगवान रघुनाथ की छड़ी माता हिडिंबा को लेने रामशिला के हनुमान मंदिर आएंगे. हिडिंबा माता के कुल्लू पहुंचते ही अंतरराष्ट्रीय दशहरे की शुरुआत होगी.