ETV Bharat / state

एक ऐसा परिवार जो कर रहा मजार की निगरानी, हिन्दू मुस्लिम एकता के लिए पेश कर रहे मिसाल

कुल्लू शहर के अखाड़ा बाजार के रहने वाले सुरेंद्र वर्षों से पुश्तों द्वारा संजोए गए पीर बाबा लाला वाले की मजार की देखरेख कर रहे हैं. उनके दादा की भी लाला वाले बाबा में श्रद्धा थी और उसके बाद से लेकर आज तक उनका परिवार बाबा का भक्त है

हिन्दू मुस्लिम एकता के लिए पेश कर रहे मिसाल
author img

By

Published : Aug 23, 2019, 5:49 PM IST

कुल्लू: देश में जहां सांप्रदायिक तनाव के चलते कई बार माहौल हिंसक हो जाता है और कई लोगों को इस तनाव के बीच सहम कर रहना पड़ता है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सांप्रदायिक सद्भावना के बीच बड़ी खाई को बांटने की कोशिश में लगे रहते हैं. ताकि समाज में आपसी भाईचारे को बढ़ावा मिल सके.

ऐसी ही एक हिंदू शख्सियत कुल्लू में भी मौजूद है जो लोगों को सांप्रदायिक सद्भावना का संदेश देने में जुटी हुई है. एक हिंदू जिसका परिवार बरसों से पीर बाबा की मजार की निगरानी कर रहा है. यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मुराद भी पूरी हो रही है और मुरादों के साथ-साथ लोगों में सांप्रदायिक सद्भावना भी बढ़ रही है.

वीडियो

कुल्लू शहर के अखाड़ा बाजार के रहने वाले सुरेंद्र वर्षों से पुश्तों द्वारा संजोए गए पीर बाबा लाला वाले की मजार की देखरेख कर रहे हैं. मजार की देखरेख में जुटे सुरेंद्र मेहता ने बताया कि उनका परिवार वर्ष 1908 में कुल्लू आया था. उनके दादा की भी लाला वाले बाबा में श्रद्धा थी और उसके बाद से लेकर आज तक उनका परिवार बाबा का भक्त है.

ये भी पढ़ें: महिलाओं ने तोड़फोड़ के बाद बंद करवाया था गांव में खुला शाराब का ठेका, अब HC पहुंचा ठेकेदार

उन्होंने बताया कि यहां हिंदू समुदाय के लोग ज्यादा आते हैं और उन्हें बाबा की शक्ति पर कोई सन्देह नहीं है. अगर किसी दंपति के संतान नहीं हो रही हो या कोई बीमारी से घिरा हुआ हो तो वो वहां दुआ करने से ठीक हो जाता है. उन्होंने कहा कि देश में दो समुदाय के बीच कई बार माहौल खराब होता है. तो उन्हें इसका मलाल है ऐसे में वह यही चाहते हैं कि देश में अमन व शांति का माहौल कायम रहे.

कुल्लू: देश में जहां सांप्रदायिक तनाव के चलते कई बार माहौल हिंसक हो जाता है और कई लोगों को इस तनाव के बीच सहम कर रहना पड़ता है, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सांप्रदायिक सद्भावना के बीच बड़ी खाई को बांटने की कोशिश में लगे रहते हैं. ताकि समाज में आपसी भाईचारे को बढ़ावा मिल सके.

ऐसी ही एक हिंदू शख्सियत कुल्लू में भी मौजूद है जो लोगों को सांप्रदायिक सद्भावना का संदेश देने में जुटी हुई है. एक हिंदू जिसका परिवार बरसों से पीर बाबा की मजार की निगरानी कर रहा है. यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मुराद भी पूरी हो रही है और मुरादों के साथ-साथ लोगों में सांप्रदायिक सद्भावना भी बढ़ रही है.

वीडियो

कुल्लू शहर के अखाड़ा बाजार के रहने वाले सुरेंद्र वर्षों से पुश्तों द्वारा संजोए गए पीर बाबा लाला वाले की मजार की देखरेख कर रहे हैं. मजार की देखरेख में जुटे सुरेंद्र मेहता ने बताया कि उनका परिवार वर्ष 1908 में कुल्लू आया था. उनके दादा की भी लाला वाले बाबा में श्रद्धा थी और उसके बाद से लेकर आज तक उनका परिवार बाबा का भक्त है.

ये भी पढ़ें: महिलाओं ने तोड़फोड़ के बाद बंद करवाया था गांव में खुला शाराब का ठेका, अब HC पहुंचा ठेकेदार

उन्होंने बताया कि यहां हिंदू समुदाय के लोग ज्यादा आते हैं और उन्हें बाबा की शक्ति पर कोई सन्देह नहीं है. अगर किसी दंपति के संतान नहीं हो रही हो या कोई बीमारी से घिरा हुआ हो तो वो वहां दुआ करने से ठीक हो जाता है. उन्होंने कहा कि देश में दो समुदाय के बीच कई बार माहौल खराब होता है. तो उन्हें इसका मलाल है ऐसे में वह यही चाहते हैं कि देश में अमन व शांति का माहौल कायम रहे.

Intro:डेस्क फ़ॉर नेहा

एक ऐसा परिवार जो कर रहा मजार की निगेहबानी
हिन्दू मुस्लिम एकता को मिल रहा बढावा


Body:देश में जहां सांप्रदायिक तनाव के चलते कई बार माहौल हिंसक हो जाता है और कई लोगों को इस तनाव के बीच सहम कर रहना पड़ता है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सांप्रदायिक सद्भावना के बीच बड़ी खाई को पाटने की कोशिश में लगे रहते हैं। ताकि समाज में आपसी भाईचारे को बढ़ावा मिल सके। ऐसी ही एक हिंदू शख्सियत कुल्लू में भी मौजूद है जो लोगों को सांप्रदायिक सद्भावना का संदेश देने में जुटी हुई है। एक हिंदू जिसका परिवार बरसों से पीर बाबा की मजार की निगरानी कर रहा है। यहां आने वाले हर श्रद्धालु की मुराद भी पूरी हो रही है और मुरादों के साथ-साथ लोगों में सांप्रदायिक सद्भावना भी बढ़ रही है। कुल्लू शहर के अखाड़ा बाजार के रहने वाले सुरेंद्र भाई वर्षों से पुश्तों द्वारा संजोए गई पीर बाबा लाला वाले की मजार की देखरेख कर रहे हैं। शायद ऐसा कोई और उदाहरण प्रदेश में कहीं और देखने को मिले। हर वीरवार वह रविवार को दोपहर के समय यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। लोग बाबा से अपनी मन्नत पूरी होने की गुहार लगाते हैं। मजार की देखरेख में जुटे सुरेंद्र मेहता ने बताया कि उनका परिवार वर्ष 1908 में कुल्लू आया था। उनके दादा की भी लाला वाले बाबा में श्रद्धा थी और उसके बाद से लेकर आज तक उनका परिवार बाबा का भक्त है।


Conclusion:उन्होंने यहां हिंदू समुदाय के लोग अधिक आते हैं और उन्हें बाबा की शक्ति पर कोई सन्देह नहीं है। अगर किसी दंपति के संतान नहीं हो रही हो या कोई बीमारी से घिरा हुआ हो तो वो वहां दुआ करने से ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि देश में दो समुदाय के बीच कई बार माहौल खराब होता है। तो उन्हें इसका मलाल है ऐसे में वह यही चाहते हैं कि देश में अमन व शांति का माहौल कायम रहे
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.