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बिजली बिल न भरने पर विभाग का स्ट्रीक्ट एक्शन, 300 कनेक्शन होंगे कट

कुल्लू में 300 लोगों के बिजली कनेक्शन काटे जाएंगे. बिजली का भुगतान न करने पर विभाग ने ये कार्रवाई अमल में लाई है.

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Published : Aug 6, 2019, 2:15 PM IST

कुल्लू: बिजली बिल समय पर जमा न करने वाले उपभोक्ताओं पर बिजली बोर्ड ने शिकंजा कस दिया है. इसी कड़ी में बिजली बोर्ड ने बिल जमा न करने वाले करीब 300 उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने के आदेश कर दिए हैं.

उपभोक्ताओं की अस्थायी तौर पर बिजली काट दी जाएगी. इनमें घरेलू और कर्मशियल उपभोक्ता शामिल हैं, जो नोटिस देने के बावजूद बिल जमा नहीं कर रहे थे. इन उपभोक्ताओं ने पिछले तीन महीनों से बिल जमा नहीं किया था. उपभोक्ताओं के पास बिजली बोर्ड की 18 लाख की राशि लंबित है.

विद्युत बोर्ड कुल्लू-1 के तहत कुल्लू में 16000 घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ता हैं, लेकिन इनमें से 300 उपभोक्ता ऐसे हैं, जो बिजली बिल जमा नहीं कर रहे हैं. इन्हें बिजली बोर्ड की ओर से बिजली बिल जमा करने के लिए नोटिस देकर सूचित भी किया गया. इसके बावजूद उपभोक्ताओं ने बिजली बिल नहीं भरा. आखिर में बोर्ड ने आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत इन उपभोक्ताओं के कनेक्शन कटेंगे.

बताया जा रहा है कि बिजली बोर्ड की ओर से जिन उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काटे जाने के ऑर्डर जारी किए गए हैं, उनमें से अधिकतर उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके पास बिजली बोर्ड के बिल की राशि हजारों में है. दो हजार से कम राशि वाले बहुत कम हैं. कनेक्शन काटे जाने के आर्डर निकालने के बाद आगामी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

इस संबंध में बिजली बोर्ड कुल्लू-1 के सहायक अभियंता विमल प्रकाश ने कहा कि कुल्लू में बिजली बिल जमा न करने पर 300 उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने के आदेश जारी किए हैं. इन उपभोक्ताओं के पास बिजली बोर्ड की 18 लाख रुपये की राशि लंबित पड़ी हैं. उपभोक्ताओं को नोटिस देकर भी सूचित किया गया था.

ये भी पढ़ें - अनुच्छेद-370 को हटाने का विक्रमादित्य ने किया स्वागत, धारा-118 को लेकर कही ये बात

कुल्लू: बिजली बिल समय पर जमा न करने वाले उपभोक्ताओं पर बिजली बोर्ड ने शिकंजा कस दिया है. इसी कड़ी में बिजली बोर्ड ने बिल जमा न करने वाले करीब 300 उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने के आदेश कर दिए हैं.

उपभोक्ताओं की अस्थायी तौर पर बिजली काट दी जाएगी. इनमें घरेलू और कर्मशियल उपभोक्ता शामिल हैं, जो नोटिस देने के बावजूद बिल जमा नहीं कर रहे थे. इन उपभोक्ताओं ने पिछले तीन महीनों से बिल जमा नहीं किया था. उपभोक्ताओं के पास बिजली बोर्ड की 18 लाख की राशि लंबित है.

विद्युत बोर्ड कुल्लू-1 के तहत कुल्लू में 16000 घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ता हैं, लेकिन इनमें से 300 उपभोक्ता ऐसे हैं, जो बिजली बिल जमा नहीं कर रहे हैं. इन्हें बिजली बोर्ड की ओर से बिजली बिल जमा करने के लिए नोटिस देकर सूचित भी किया गया. इसके बावजूद उपभोक्ताओं ने बिजली बिल नहीं भरा. आखिर में बोर्ड ने आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत इन उपभोक्ताओं के कनेक्शन कटेंगे.

बताया जा रहा है कि बिजली बोर्ड की ओर से जिन उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काटे जाने के ऑर्डर जारी किए गए हैं, उनमें से अधिकतर उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके पास बिजली बोर्ड के बिल की राशि हजारों में है. दो हजार से कम राशि वाले बहुत कम हैं. कनेक्शन काटे जाने के आर्डर निकालने के बाद आगामी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

इस संबंध में बिजली बोर्ड कुल्लू-1 के सहायक अभियंता विमल प्रकाश ने कहा कि कुल्लू में बिजली बिल जमा न करने पर 300 उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने के आदेश जारी किए हैं. इन उपभोक्ताओं के पास बिजली बोर्ड की 18 लाख रुपये की राशि लंबित पड़ी हैं. उपभोक्ताओं को नोटिस देकर भी सूचित किया गया था.

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Intro:शर्मनाक ...जहाँ रखा गया #हिमाचल का नाम, उस भवन तक को संभाल नहीं सकी हुकूमत,पहचान खो रहा हिमाचल के नामकरण का साक्षी यह भवन

:-यहाँ कभी राजा #बघाट दुर्गा सिंह का सजता था दरबार
:-किसी सरकार ने नहीं ली सुध,जर्जर हालत में है दरबार हॉल,पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने की थी संग्राहलय बनाने की थी कोरी घोषणा
:-डॉ वाईएस परमार चाहते थे हिमालयन एस्टेट हो प्रदेश का नाम , पर नहीं माने राजा दुर्गा सिंह


जहां आज सोलन में लोक निर्माण विभाग है शायद ही हिमाचल का हर एक व्यक्ति जानता होगा कि,वो कभी बघाट रियासत के राजा का दरबारी हॉल हुआ करता था जहां वो लोगों की समस्याओं को सुना करते थे, लेकिन आज उसकी हालत इतनी बुरी है कि हर जगह से पानी की बूंदे टिप टिप कर गिरती है, सता आती रही लेकिन किसी ने भी इस बारे में कभी सुध नही ली।

Body:बता दें कि ये वहीं किला है जहां बघाट रियासत के 77वें राजा दुर्गा सिंह अपनी दरबारि सजाया करते थे, लेकिन आजादी के 72 वर्षों के बाद भी किसी सता ने इसे संजो कर रखने की जहमत नही की, ये वही रियासत है जहां 28 जनवरी 1948 को 28 रियासतों के राजाओं ने अपनी सता छोड़ हिमाचल के निर्माण के लिए हामी भरी थी,ये वही दरबार है जहा 28 रियासतों के राजाओं ने मिलकर दरबार हॉल में तिरंगा लहराया था, और उसी दिन हिमाचल का नामकरण हुआ था।
Conclusion:Voice over:-पहचान खो रहा हिमाचल के नामकरण का साक्षी यह भवन:-


मैं हिमाचल के नामकरण व गठन का गवाह हूं, लेकिन मेरी पहचान अव्यवस्था के अंधेरे में खोने लगी है। करीब सौ साल से इतिहास को समेटे खड़ा हूं। मेरे ही आंगन में प्रदेश के निर्माण की लकीरें कागजों पर खींची जाती है, लेकिन मुझ तक ये लकीरें नहीं पहुंच रही। अब वक्त व अव्यवस्था की मार से मेरा धैर्य जवाब देने लगा है। जी हां, मैं हूं सोलन का दरबार हॉल, जहां 26 जनवरी, 1948 को पहाड़ी रियासतों के शासकों व प्रजामंडल के नेताओं की बघाट रियासत (सोलन) में सभा बुलाई गई थी।


सभा में 28 रियासतों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बघाट के राजा दुर्गा ¨सह को सभा का अध्यक्ष चुना गया था। सोलन के गंज बाजार स्थित बघाट रियासत के दरबार हॉल यानी कचहरी भवन में तिरंगा लहराने के बाद सभा की कार्रवाई शुरू हुई। इसी अधिवेशन में रियासती संघ के हिमाचल प्रदेश व प्रजामंडल के हिमालय प्रांत नामों पर विचार विमर्श हुआ। रियासती संघ के नाम पर राजाओं ने समझौते पर प्रस्ताव रखा। अंत में रियासती संघ का नाम हिमाचल प्रदेश रखा गया, जिसका मैं यानी सोलन का दरबार हॉल गवाह बना। मेरी इमारत वक्त के थपेड़ों के साथ खस्ता हालत में पहुंच चुकी है। यहां लोक निमार्ण विभाग का एसई ऑफिस है, जहां कई निर्माण कार्यो की रूपरेखा बनाई जाती है। लेकिन मेरी दरारों को भरने की चिंता कोई नहीं कर रहा। मेरे संरक्षण के लिए शहर की कई संस्थाएं व इतिहासकार आवाज उठाते रहे हैं। मेरी सौ वर्ष से अधिक उम्र हो चुकी है और मुझे धरोहर बनाने की मांग भी उठ रही है। राज परिवार ने मुझे सरकार को सौंपा था। हिमाचल प्रदेश सोमवार को 72वीं वर्षगांठ मना रहा है। 15 अप्रैल, 1948 को हिमाचल का गठन हुआ था, जिसके बाद प्रदेश ने कई मुकाम हासिल किए।

Shot:-जहां हिमाचल के नाम पर मन्त्रणा हुई थी वो भवन आज जर्जर हालत में
आज वहाँ pwd आफिस चल रहा है लेकिन इतनी बुरी हालत है कि हर जगह से पानी टिप टिप हो रहा है।
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