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मटर के दामों में आई गिरावट, कीमत गिरने से किसानों की बढ़ी परेशानी - कुल्लू के मंडियों में मटर की फसल

कुल्लू में लगभग 1500 हेक्टेयर के क्षेत्र में मटर की खेती की जाती है. मौजूदा समय में जिला कुल्लू के मंडियों में मटर की फसल अधिक मात्रा में पहुंचने लगी है, जिससे मटर के दामों में गिरावट आई है.

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Published : Oct 31, 2019, 7:31 AM IST

Updated : Oct 31, 2019, 10:45 AM IST

कुल्लूः हिमाचल के जिला कुल्लू में मटर की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, लेकिन स्थानीय मंडियों में मटर के दामों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. सब्जी मंडियों में अब मटर की बिक्री 65 रुपये प्रति किलो हो रही है. जिले के बंजार, सैंज और सराज की रघुपुर घाटी में करीब 1500 हेक्टेयर में मटर की खेती की जाती है और जिला मंडियों में हरा मटर भारी मात्रा में पहुंच रहा है.

बता दें कि दो हफ्ते पहले कुल्लू की मंडियों में मटर की कीमत 120 रुपये प्रति किलो थी. हालांकि अब मटर का सीजन आधे से भी कम समय का रह गया है, लेकिन मंडियों में मटर के दाम गिरने से किसानों को झटका लगा है.सब्जी मंडी भुंतर में मटर 65 रुपये के हिसाब से बिक रहा है. स्थानीय किसानों ने कहा कि दो हफ्ते पहले तक शिमला की ढली, कुल्लू की भुंतर और टकोली सब्जी मंडियों में मटर 120 से 125 रुपये तक बिका रहा था. इसके बाद लगातार मटर के रेट गिरते गए और अब आधे तक पहुंच गए हैं.

वीडियो.

कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजपाल शर्मा ने कहा कि मटर की खेती से सैकड़ों की आर्थिकी मजबूत होती है और साल दर साल मटर की खेती में वृद्धि दर्ज की जा रही है. एपीएमसी के सचिव सुशील गुलेरिया ने कहा कि मंडियों में मटर की फसल अधिक मात्रा में पहुंचने लगी है, जिससे दाम में कमी आई है.

कुल्लूः हिमाचल के जिला कुल्लू में मटर की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, लेकिन स्थानीय मंडियों में मटर के दामों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. सब्जी मंडियों में अब मटर की बिक्री 65 रुपये प्रति किलो हो रही है. जिले के बंजार, सैंज और सराज की रघुपुर घाटी में करीब 1500 हेक्टेयर में मटर की खेती की जाती है और जिला मंडियों में हरा मटर भारी मात्रा में पहुंच रहा है.

बता दें कि दो हफ्ते पहले कुल्लू की मंडियों में मटर की कीमत 120 रुपये प्रति किलो थी. हालांकि अब मटर का सीजन आधे से भी कम समय का रह गया है, लेकिन मंडियों में मटर के दाम गिरने से किसानों को झटका लगा है.सब्जी मंडी भुंतर में मटर 65 रुपये के हिसाब से बिक रहा है. स्थानीय किसानों ने कहा कि दो हफ्ते पहले तक शिमला की ढली, कुल्लू की भुंतर और टकोली सब्जी मंडियों में मटर 120 से 125 रुपये तक बिका रहा था. इसके बाद लगातार मटर के रेट गिरते गए और अब आधे तक पहुंच गए हैं.

वीडियो.

कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजपाल शर्मा ने कहा कि मटर की खेती से सैकड़ों की आर्थिकी मजबूत होती है और साल दर साल मटर की खेती में वृद्धि दर्ज की जा रही है. एपीएमसी के सचिव सुशील गुलेरिया ने कहा कि मंडियों में मटर की फसल अधिक मात्रा में पहुंचने लगी है, जिससे दाम में कमी आई है.

Intro:मटर के दामो में आई गिरावट, 60 रुपये किलो बिक रहा मटरBody:

जिला कुल्लू में मटर की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। लेकिन स्थानीय मंडियों में मटर के दामों में भारी गिरावट आई है। स्थानीय मंडियों में अब हरा मटर 65 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि दो सप्ताह पहले मटर की कीमत 120 रुपये प्रति किलो थी। हालांकि अब मटर का सीजन आधे से भी कम रह गया है। लेकिन मंडियों में गिरे दामों से किसानों को झटका लगा है। भुंतर की सब्जी मंडी में मटर 65 रुपये के हिसाब से बिका है। किसान केसर सिंह, देव राज, दिले राम, प्रेम सिंह, नोक सिंह, दिवान सिंह, राम सिंह, मंगत राम, स्वरूप चंद तथा गोविंद सिंह ने कहा कि मटर के रेट में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि दो हफ्ते पहले तक शिमला की ढली, कुल्लू की भुंतर तथा टकोली सब्जी मंडियों में मटर 120 से 125 रुपये तक बिका था। इसके बाद लगातार मटर के रेट गिरते गए और अब आधा पहुंच गया है। जिले के बंजार, सैंज और बाह्य सराज की रघुपुर घाटी में मटर की खेती की जा रही है। जिले में मटर का क्षेत्रफल करीब 1500 हेक्टेयर है। Conclusion:कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजपाल शर्मा ने कहा कि मटर की खेती से सैकड़ों की आर्थिकी मजबूत होती है और साल दर साल मटर की खेती में वृद्धि दर्ज की जा रही है। एपीएमसी के सचिव सुशील गुलेरिया ने कहा कि मंडियों में मटर की फसल अधिक मात्रा में पहुंचने लगी है, जिससे दाम में कमी आई है।
Last Updated : Oct 31, 2019, 10:45 AM IST
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