कुल्लू: देश में हथकरघा उद्योग आज दम तोड़ने के कगार पर पहुंच गया है. अगर जल्द ही केंद्र सरकार के द्वारा इस उद्योग के बढ़ावे के लिए प्रयास नहीं किए गए तो लाखों परिवार बेरोजगार हो जाएंगे.
कुल्लू में जिला सहकार संघ की बैठक को संबोधित करते हुए जिला सहकारिता के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर ने कहा कि जब देश की आबादी 35 करोड़ थी तो उस समय 5 करोड़ लोग बुनकर व कृषि आधारित आर्थिकी पर निर्भर थे, लेकिन आज यह घट कर 35 लाख ही रह गए हैं.
'बजट में भी सहकारिता व बुनकरों के लिए कोई भी प्रावधान नहीं'
केंद्र सरकार के बजट में भी सहकारिता व बुनकरों के लिए कोई भी प्रावधान नहीं किया गया. पूर्व मंत्री सत्य प्रकाश ठाकुर का कहना है कि कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हर साल ढाई सौ करोड रुपए का प्रावधान किया जाता है लेकिन इस बजट से बुनकरो व हथकरघा उद्योग को कोई मदद नहीं मिल पाती है. पावर लूम मशीनों के कारण भी आज बुनकरों का कार्य खतरे में पड़ गया है और बुनकर आज बुनाई का काम छोड़कर मजदूरी करने के लिए मजबूर हो गया है.
विशेष बजट का भी प्रावधान करें: सत्य प्रकाश ठाकुर
सत्य प्रकाश ठाकुर का कहना है कि केंद्र व प्रदेश सरकार को चाहिए कि वे इस कार्य के लिए विशेष बजट का भी प्रावधान करें और सहकारिता व बुनाई के काम के लिए अलग से योजनाएं तैयार की जाए. ताकि आर्थिक मंदी की मार से जूझ रहे बुनकरों को सहारा मिल सके. गौर रहे कि कोरोना काल में भी हिमाचल प्रदेश में हथकरघा उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. वहीं, कई लोग इस काम को छोड़ने के लिए भी मजबूर हुए हैं.
ये भी पढ़ें- पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से जनता की कटेगी जेब, फलों और सब्जियों के बढ़ेंगे दाम