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कोरोना के चलते राजा घेपन का दौरा रद्द, गुंचलिंग यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी - राजा घेपन लाहौल

लाहौल के आराध्य देवता राजा घेपन का लाहौल घाटी का दौरा रद्द हो गया है. इस बार राजा घेपन घाटी की परिक्रमा पर नहीं जाएंगे. गुरुवार को राजा घेपन गुंचलिंग स्थित देवमिलन स्थल में अन्य देवी-देवताओं के साथ देव मिलन करेंगे. दो रात वहां रुककर तीसरे दिन वापसी होगी.

लाहौल के आराध्य देवता राजा घेपन
लाहौल के आराध्य देवता राजा घेपन
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Published : Oct 22, 2020, 12:06 PM IST

कुल्लू: कोविड-19 के चलते लाहौल के आराध्य देवता राजा घेपन का लाहौल घाटी का दौरा रद्द हो गया है. इस बार राजा घेपन घाटी की परिक्रमा पर नहीं जाएंगे. राजा घेपन के हारुकाओं और घेपन कमेटी के सदस्यों की ओर से यह फैसला लिया है.

गुरुवार को राजा घेपन गुंचलिंग स्थित देवमिलन स्थल में अन्य देवी-देवताओं के साथ देव मिलन करेंगे. दो रात वहां रुककर तीसरे दिन वापसी होगी. हालांकि 3 साल के बाद राजा घेपन लाहौल घाटी का दौरा करते थे और हर गांव में देवता का ठहराव होता था, लेकिन कोरोना के कारण इस साल देवता का दौरा सीमित कर दिया गया है.

वीडियो.

राजा घेपन कमेटी के प्रधान पूर्ण चंद शाशनी ने कहा कि बुधवार को गोंपाथांग और शाशिन के स्थानीय लोगों की ओर से देवरीति अनुसार घेपन के रथ को सजाया गया. रथ लगभग शाम पांच बजे तैयार हुआ. रोपसंग गांव में देवी बोटी को भी यहां के हारियानों की ओर से विधिवत पूजा-अर्चना के बाद सजाया गया.

चंद्रा घाटी के गोंधला स्थित मिलंग तेते, ट्रिलिंग के देवता शलबर, खंगसर और मरगेद के देवता ग्यून्ड्रल (नागराज) नुक्कर, खाले और जगला के देवता लुंखोरबल, रालिंग के देव ड्राबला, शूलिंग की देवी मोगार अन्य आठ देवी-देवताओं के रथ भी तैयार किए हैं.

कोविड के चलते राजा घेपन और देवी बोटी के लाहौल भ्रमण न करने का कमेटी और हारियानों की ओर से बुधवार को सर्वसम्मति से लिया गया है. केवग स्थिति घेपन की माता जंगड्रूल भी गुरुवार को शाशिन आएंगी. राजा घेपन रोपसंग में विराजमान देवी बोटी संग भी देव मिलन करेंगे. गुंचलिंग यात्रा को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

देवता को किसी भी गांव में ठहराया नहीं जाएगा. सामाजिक दूरी का भी पालन कर रथ गुंचलिंग पहुंचाया जाएगा. राजा घेपन के देवस्थल शाशिन में दर्शन करने के लिए लोग पहुंचे.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रीय शिक्षा नीति बच्चे बनेंगे रोजगारपरक और आत्मनिर्भर: गोविंद ठाकुर

कुल्लू: कोविड-19 के चलते लाहौल के आराध्य देवता राजा घेपन का लाहौल घाटी का दौरा रद्द हो गया है. इस बार राजा घेपन घाटी की परिक्रमा पर नहीं जाएंगे. राजा घेपन के हारुकाओं और घेपन कमेटी के सदस्यों की ओर से यह फैसला लिया है.

गुरुवार को राजा घेपन गुंचलिंग स्थित देवमिलन स्थल में अन्य देवी-देवताओं के साथ देव मिलन करेंगे. दो रात वहां रुककर तीसरे दिन वापसी होगी. हालांकि 3 साल के बाद राजा घेपन लाहौल घाटी का दौरा करते थे और हर गांव में देवता का ठहराव होता था, लेकिन कोरोना के कारण इस साल देवता का दौरा सीमित कर दिया गया है.

वीडियो.

राजा घेपन कमेटी के प्रधान पूर्ण चंद शाशनी ने कहा कि बुधवार को गोंपाथांग और शाशिन के स्थानीय लोगों की ओर से देवरीति अनुसार घेपन के रथ को सजाया गया. रथ लगभग शाम पांच बजे तैयार हुआ. रोपसंग गांव में देवी बोटी को भी यहां के हारियानों की ओर से विधिवत पूजा-अर्चना के बाद सजाया गया.

चंद्रा घाटी के गोंधला स्थित मिलंग तेते, ट्रिलिंग के देवता शलबर, खंगसर और मरगेद के देवता ग्यून्ड्रल (नागराज) नुक्कर, खाले और जगला के देवता लुंखोरबल, रालिंग के देव ड्राबला, शूलिंग की देवी मोगार अन्य आठ देवी-देवताओं के रथ भी तैयार किए हैं.

कोविड के चलते राजा घेपन और देवी बोटी के लाहौल भ्रमण न करने का कमेटी और हारियानों की ओर से बुधवार को सर्वसम्मति से लिया गया है. केवग स्थिति घेपन की माता जंगड्रूल भी गुरुवार को शाशिन आएंगी. राजा घेपन रोपसंग में विराजमान देवी बोटी संग भी देव मिलन करेंगे. गुंचलिंग यात्रा को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं.

देवता को किसी भी गांव में ठहराया नहीं जाएगा. सामाजिक दूरी का भी पालन कर रथ गुंचलिंग पहुंचाया जाएगा. राजा घेपन के देवस्थल शाशिन में दर्शन करने के लिए लोग पहुंचे.

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