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जांस्कर के 'दशरथ मांझी' को मिलेगा पद्मश्री अवॉर्ड, पहाड़ काट कर बना दी 38 KM सड़क

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Published : Jan 29, 2021, 10:38 AM IST

Updated : Jan 29, 2021, 10:50 AM IST

70 साल के लामा छुटलिन छोंजोर को पद्मश्री से नवाजा जाएगा. दशरथ मांझी के नाम से मशहूर लामा छुटलिन ने भी ग्रामीण लोगों की तकलीफ को दूर करने के लिए पहाड़ काटकर खुद ही सड़क बना डाली थी. बीआरओ ने भी जांस्कर घाटी को लाहौल से जोड़ने के लिए शिंकुला दर्रे से सड़क बनाने का कार्य शुरू कर दिया.

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लामा छुटलिन

लाहौल: जांस्कर के दशरथ मांझी के नाम से पहचाने जाने वाले 70 साल के लामा छुटलिन छोंजोर को पद्मश्री से नवाजा जाएगा. दशरथ मांझी के नाम से मशहूर लामा छुटलिन ने भी ग्रामीण लोगों की तकलीफ को दूर करने के लिए पहाड़ काटकर खुद ही सड़क बना डाली थी. यह सड़क करीब 38 किलोमीटर लंबी है. इस काम के लिए उन्हें अपनी जमीन जयदाद भी बेच दी.

हिमाचल में भी खुशी की लहर

दारचा से शिंकुला दर्रा होकर गुजरने वाली इस सड़क को लेह लद्दाख के कारगिल जिला के उपमंडल जांस्कर के पहले गांव करग्या तक बनाया गया है. पहली बार लामा छोंजोर जीप लेकर करग्या गांव पहुंचे थे तो ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था. हिमालय क्षेत्र के दशरथ मांझी के नाम से पहचाने जाने वाले लद्दाख के जनजातीय क्षेत्र जांस्कर के बुजुर्ग लामा छोंजोर को पद्मश्री मिलने पर जांस्कर घाटी के साथ-साथ हिमाचल में खुशी की लहर है.

लामा छोंजोर, जांस्कर रेंज,dashrath manjhi of zanskar, lama chutlin, दशरथ मांझी
बीआरओ की टीम के साथ लामा छोंजोर

लोगों ने उड़ाया था मजाक

आजादी के सात दशक बीत जाने पर भी जब जांस्कर घाटी सड़क मार्ग से महरूम रह गई तो लामा ने खुद ही इस दिशा में पहल शुरू कर दी. शुरूआती दिनों में तो लोग लामा छोंजोर को मजाक में लेने लगे, लेकिन जब लामा ने अपने सीमित संसाधनों से दारचा से शिंकुला की ओर ट्रैक तैयार कर लिया तो सभी हैरान रह गए. लामा बिना किसी की मदद के अपने सपनों को साकार करने में जुटे रहे. हौसले व हिम्मत के चलते लामा का सपना साकार हो गया और बीआरओ ने भी जांस्कर घाटी को लाहौल से जोड़ने के लिए शिंकुला दर्रे से सड़क बनाने का कार्य शुरू कर दिया.

बीआरओ ने की थी प्रशंसा

तत्कालीन बीआरटीएफ कमांडर एसके दून ने लामा के कार्य को सराहा और इस सड़क निर्माण शुरू किया था. लाहौल की ओर जब बीआरओ शिंकुला पहुंच गया, तब भी लामा छोंजोर ने जांस्कर की तरफ से सड़क निर्माण का कार्य जारी रखा. लाहौल-स्पीति प्रशासन ने भी 15 अगस्त, 2016 को केलांग में लामा को सम्मानित किया था. पर्यटन और जांस्कर घाटी से जुड़े अन्य मामलों के कार्यकारी पार्षद फुंचोग टशी ने बताया कि लामा ने समस्त लद्दाख का नाम रोशन किया है. उन्होंने लामा को बधाई देते हुए कहा कि जांस्कर घाटी सहित लद्दाख में खुशी का माहौल है. 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर लामा छुटलिन छोंजोर को पद्मश्री अवार्ड के लिए चयनित किया गया है.

हिमाचल को भी मिलेगा फायदा

लामा छोंजोर के बहाए गए खून-पसीने का फायदा हिमाचल को भी मिलेगा, क्योंकि सीमा सड़क संगठन अब दारचा-शिंकुला दर्रा सड़क परियोजना पर काम कर रहा है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर के करतार सिंह को मिलेगा पदमश्री, बोतल में 'बंद' कर दी कई इमारतें

लाहौल: जांस्कर के दशरथ मांझी के नाम से पहचाने जाने वाले 70 साल के लामा छुटलिन छोंजोर को पद्मश्री से नवाजा जाएगा. दशरथ मांझी के नाम से मशहूर लामा छुटलिन ने भी ग्रामीण लोगों की तकलीफ को दूर करने के लिए पहाड़ काटकर खुद ही सड़क बना डाली थी. यह सड़क करीब 38 किलोमीटर लंबी है. इस काम के लिए उन्हें अपनी जमीन जयदाद भी बेच दी.

हिमाचल में भी खुशी की लहर

दारचा से शिंकुला दर्रा होकर गुजरने वाली इस सड़क को लेह लद्दाख के कारगिल जिला के उपमंडल जांस्कर के पहले गांव करग्या तक बनाया गया है. पहली बार लामा छोंजोर जीप लेकर करग्या गांव पहुंचे थे तो ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था. हिमालय क्षेत्र के दशरथ मांझी के नाम से पहचाने जाने वाले लद्दाख के जनजातीय क्षेत्र जांस्कर के बुजुर्ग लामा छोंजोर को पद्मश्री मिलने पर जांस्कर घाटी के साथ-साथ हिमाचल में खुशी की लहर है.

लामा छोंजोर, जांस्कर रेंज,dashrath manjhi of zanskar, lama chutlin, दशरथ मांझी
बीआरओ की टीम के साथ लामा छोंजोर

लोगों ने उड़ाया था मजाक

आजादी के सात दशक बीत जाने पर भी जब जांस्कर घाटी सड़क मार्ग से महरूम रह गई तो लामा ने खुद ही इस दिशा में पहल शुरू कर दी. शुरूआती दिनों में तो लोग लामा छोंजोर को मजाक में लेने लगे, लेकिन जब लामा ने अपने सीमित संसाधनों से दारचा से शिंकुला की ओर ट्रैक तैयार कर लिया तो सभी हैरान रह गए. लामा बिना किसी की मदद के अपने सपनों को साकार करने में जुटे रहे. हौसले व हिम्मत के चलते लामा का सपना साकार हो गया और बीआरओ ने भी जांस्कर घाटी को लाहौल से जोड़ने के लिए शिंकुला दर्रे से सड़क बनाने का कार्य शुरू कर दिया.

बीआरओ ने की थी प्रशंसा

तत्कालीन बीआरटीएफ कमांडर एसके दून ने लामा के कार्य को सराहा और इस सड़क निर्माण शुरू किया था. लाहौल की ओर जब बीआरओ शिंकुला पहुंच गया, तब भी लामा छोंजोर ने जांस्कर की तरफ से सड़क निर्माण का कार्य जारी रखा. लाहौल-स्पीति प्रशासन ने भी 15 अगस्त, 2016 को केलांग में लामा को सम्मानित किया था. पर्यटन और जांस्कर घाटी से जुड़े अन्य मामलों के कार्यकारी पार्षद फुंचोग टशी ने बताया कि लामा ने समस्त लद्दाख का नाम रोशन किया है. उन्होंने लामा को बधाई देते हुए कहा कि जांस्कर घाटी सहित लद्दाख में खुशी का माहौल है. 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर लामा छुटलिन छोंजोर को पद्मश्री अवार्ड के लिए चयनित किया गया है.

हिमाचल को भी मिलेगा फायदा

लामा छोंजोर के बहाए गए खून-पसीने का फायदा हिमाचल को भी मिलेगा, क्योंकि सीमा सड़क संगठन अब दारचा-शिंकुला दर्रा सड़क परियोजना पर काम कर रहा है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर के करतार सिंह को मिलेगा पदमश्री, बोतल में 'बंद' कर दी कई इमारतें

Last Updated : Jan 29, 2021, 10:50 AM IST
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