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बर्फबारी के कारण लाहौल के लिए नहीं चलेंगी बसें, रोहतांग दर्रे को खोलने का किया जा रहा प्रयास - Statewide curfew

राहला फाल में बर्फबारी होने से फिलहाल बस मढ़ी तक पहुंचने की स्थिति में नहीं है, ऐसे में उपायुक्त लाहौल स्पीति केके सरोच ने बताया कि मनाली रोहतांग सड़क बसों की आवाजाही के लिए अनुकूल नहीं है.

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राहला फाल में बर्फबारी
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Published : Apr 16, 2020, 10:47 AM IST

कुल्लू: कोरोना महामारी के कारण प्रदेशभर में कर्फ्यू लगाया गया है. ऐसे में बहुत से लोग अलग-अलग स्थानों में फंसे हुए हैं. वहीं, कुल्लू-मनाली में भी लाहौल घाटी के फंसे लोगों को हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों से मढ़ी से रोहतांग पार कर परिवहन की बसों से लाहौल घाटी लाने का प्रस्ताव रखा गया था.

इसी प्रस्ताव को लेकर उपमंडल अधिकारी नागरिक मनाली और क्षेत्रीय प्रबंधक हिमाचल पथ परिवहन निगम केलांग ने मनाली रोहतांग सड़क का जायजा लिया. इस दौरान राहला फाल में बर्फबारी होने से फिलहाल बस मढ़ी तक पहुंचने की स्थिति में नहीं है, ऐसे में उपायुक्त लाहौल स्पीति केके सरोच ने बताया कि मनाली रोहतांग सड़क बसों की आवाजाही के लिए अनुकूल नहीं है.

केके सरोच ने बताया कि जबतक सड़क अनुकूल न हो और बीआरओ द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता तब तक बसों की आवाजाही नहीं हो सकती. उन्होंने लोगों से अपील की है कि ऐसे में वे संयम बरतें. प्रशासन लगातार बीआरओ के अधिकारियों के संपर्क में हैं और अगले 7 से 10 दिनों में रोहतांग दर्रे को खोलने का प्रयास किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: ऊपरी शिमला में जम कर बरसे ओले, आने वाले दिनों में फिर बिगड़ेगा मौसम

कुल्लू: कोरोना महामारी के कारण प्रदेशभर में कर्फ्यू लगाया गया है. ऐसे में बहुत से लोग अलग-अलग स्थानों में फंसे हुए हैं. वहीं, कुल्लू-मनाली में भी लाहौल घाटी के फंसे लोगों को हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों से मढ़ी से रोहतांग पार कर परिवहन की बसों से लाहौल घाटी लाने का प्रस्ताव रखा गया था.

इसी प्रस्ताव को लेकर उपमंडल अधिकारी नागरिक मनाली और क्षेत्रीय प्रबंधक हिमाचल पथ परिवहन निगम केलांग ने मनाली रोहतांग सड़क का जायजा लिया. इस दौरान राहला फाल में बर्फबारी होने से फिलहाल बस मढ़ी तक पहुंचने की स्थिति में नहीं है, ऐसे में उपायुक्त लाहौल स्पीति केके सरोच ने बताया कि मनाली रोहतांग सड़क बसों की आवाजाही के लिए अनुकूल नहीं है.

केके सरोच ने बताया कि जबतक सड़क अनुकूल न हो और बीआरओ द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता तब तक बसों की आवाजाही नहीं हो सकती. उन्होंने लोगों से अपील की है कि ऐसे में वे संयम बरतें. प्रशासन लगातार बीआरओ के अधिकारियों के संपर्क में हैं और अगले 7 से 10 दिनों में रोहतांग दर्रे को खोलने का प्रयास किया जा रहा है.

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