कुल्लूः पर्यटन नगरी मनाली से लेह सड़क की बहाली का काम शुरू हो गया है. बीआरओ ने अपनी मशीनरी बर्फ हटाने में लगा दी है. उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च माह में ही सड़क से बर्फ हटा दी जाएगी. अटल टनल बनने के बाद 476 किलोमीटर लंबा मनाली-लेह मार्ग अब टनल बनने के बाद 430 किलोमीटर रह गया है. बीआरओ ने मनाली से 122 किलोमीटर दूर जिगजिगबार तक सड़क पहले ही बहाल कर रखी है. अब बीआरओ की टीम सरचू की ओर कूच कर गई है.
अटल टनल बनने से 70 आरसीसी की राह आसान
15 हजार फीट की ऊंचाई पर शिंकुला दर्रे से वैकल्पिक सड़क के जरिए कारगिल को दो साल पहले ही मनाली से जोड़ दिया है. इससे भारतीय सेना को पाकिस्तान और चीन की सीमा पर पहुंचना अब और आसान हो गया है. अटल टनल बनने से इस बार बीआरओ के 70 आरसीसी की राहें आसान हो गई हैं. इस बार 182 किलोमीटर लंबे मनाली-सरचू मार्ग पर करीब 122 किलोमीटर सड़क बहाल रखी है. अब मात्र 60 किमी सड़क बहाली ही शेष है.
मार्च के अंतिम सप्ताह तक बहाल हो सकती है सड़क
लेह से भी हिमांक ने सड़क बहाली के कार्य जारी रखा है. बीआरओ की मानें, तो मौसम साफ रहने की सूरत में पहली बार मार्च के अंतिम सप्ताह या अप्रैल के पहले सप्ताह लेह को मनाली से जोड़ देंगे. पटसेउ तक सड़क बहाल होने से रक्षा भू-भाग अनुसंधान के उपकेंद्र पटसेउ तक आवागमन सरल रहा है. यहां सर्दियों में भी संस्थान के वैज्ञानिक शोध करने में जुटे हुए हैं. अटल टनल बनने से अब संस्थान के अधिकारी भी हवाई सेवा पर निर्भर नहीं हैं.
दारचा शिकुला-पदुम मार्ग की बहाली भी शुरू
बीआरओ के अधिकारी उमाशंकर ने बताया कि विधिवत पूजा कर मनाली-लेह मार्ग की बहाली शुरू कर दी गई है. मनाली-लेह सहित तांदी संसारी और ग्राम्फू-समदो मार्ग बहाली को भी गति दे दी है. लेह मार्ग सहित दारचा शिकुला-पदुम मार्ग की बहाली भी शुरू कर दी है. बीआरओ की 108 आरसीसी चीन सीमा से सटे समदो-ग्राम्फू मार्ग को बहाल करने में जुटी हुई हैं.
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