कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट के चलते कई लोग अपने घरों में बेरोजगार बैठे हैं. वहीं, अब सेब सीजन पर कई बेरोजगारों की आस टिकी हुई है. सेब सीजन से हिमाचल प्रदेश में हर साल हजारों लोगों को अच्छा रोजगार मिलता है. वहीं, बागवानों की आर्थिकी भी सेब सीजन पर ही निर्भर रहती है.
जिला कुल्लू में अभी अब सेब के बगीचों में फल अच्छा आकार लेने लगा है और अगले माह से सेब सीजन से जुड़े मजदूरों, व्यापारियों का भी कुल्लू आना शुरू हो जाएगा. बता दें कि हिमाचल प्रदेश में सेब कारोबार से करीब 14 लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं, लेकिन खराब मौसम के चलते इस बार फसल उम्मीद से कम होगी. हालांकि बागवानों को कोरोना काल में फसल के अच्छे दाम मिलने की आस है.
उत्पादन में गिरावट की आशंका
कुल्लू जिला में शुरुआती दौर में अनुमान था कि सेब की 75 लाख पेटियों का उत्पादन होगा. वहीं, बारिश-बर्फबारी, ओलावृष्टि और अंधड़ के कारण उत्पादन में गिरावट की आशंका है. इस बार प्रदेश में सेब की तीन करोड़ पेटी के उत्पादन का अनुमान था, लेकिन अब खराब मौसम की वजह से उत्पादन घटेगा.
सीजन में सबको आय में इजाफा होने की उम्मीद होती है
मंडियों में आढ़तियों से लेकर ट्रक और अन्य छोटे मालवाहक ऑपरेटरों को सेब सीजन का बेसब्री से इंतजार रहता है. सेब सीजन के दौरान मजदूरों को दिहाड़ी भी अन्य दिनों से अधिक मिलती है. तुड़ान और भराई करने वालों से लेकर ट्रक, जीप ऑपरेटरों की आय में इजाफा होने की उम्मीद होती है.
बर्फबारी, ओलावृष्टि और अंधड़ ने फसल को बड़ी क्षति पहुंचाई
सीजन में सेब उत्पादकों से लेकर श्रमिक और सड़कों तक माल पहुंचाने वाले खचर मालिक, ढाबा वाले, बाहरी राज्यों से आए आढ़ती और लदानी शामिल होते हैं. वहीं, बागवानी विभाग के उपनिदेशक विद्या प्रकाश बैंस ने कहा कि इस साल आरंभ में उम्मीद की जा रही थी कि सेब की फसल अच्छी होगी. अप्रैल की बर्फबारी, ओलावृष्टि और अंधड़ ने फसल को बड़ी क्षति पहुंचाई. इससे उत्पादन में गिरावट आएगी.
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