कुल्लू: जिला कुल्लू की खराहल के बिजली महादेव में रोपवे लगाने को लेकर जहां सरकार द्वारा तैयारियां की जा रही हैं तो वहीं, खराहल घाटी के लोगों का विरोध भी दिन-ब-दिन तेज होता जा रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में भी ग्रामीणों का विरोध जारी रहेगा, जिसके चलते रोपवे के निर्माण कार्य में भी देरी हो सकती है. राष्ट्रीय उच्च मार्ग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे रोपवे के लिए एफसीए की अनुमति के लिए केस भी अपलोड किया गया था, लेकिन अभी तक रोपवे के लिए एफसीए की अनुमति नहीं मिल पाई है.
पर्यावरण मंत्रालय के विभाग की ओर से एफसीए केस में दो दर्जन ऑब्जेक्शन लगाए गए हैं. जिस कारण यह केस वापस वन विभाग के जरीए से यूजर एजेंसी को आया है. वहीं, एफसीए केस में लगे ऑब्जेक्शन को रिमूव करने के बाद एक बार फिर से इसे अपलोड कर दिया गया है, लेकिन अभी तक रोपवे को मंजूरी नहीं मिल पाई है. ऐसे में बिजली महादेव रोपवे का कार्य शुरू करने में इंतजार करना पड़ सकता है.
बिजली महादेव रोपवे कॉरिडोर में आएंगे 203 पेड़: बिजली महादेव रोपवे निर्माण में पर्यावरण मंत्रालय की ओर से एफसीए केस की जानकारी के अनुसार रोपवे के कॉरिडोर में वन विभाग की 3.11 हेक्टेयर भूमि लगेगी और रोपवे का कॉरिडोर 5 मीटर चौड़ा होगा. इस कॉरिडोर में वन भूमि पर लगे 203 देवदार के पेड़ दायरे में आएंगे. जिनमें से 72 पेड़ों के काटे जाने की योजना है, जबकि 131 पेड़ों को वैसे ही रखा जाएगा. इसके अलावा निजी भूमि भी रोपवे के कॉरिडोर के दायरे में आएगी.
ग्रामीणों के विरोध से रोपवे निर्माणकार्य में होगी देरी: बिजली महादेव के रोपवे के लिए पिरडी से निर्माण किया जाएगा और इसके लिए 240 करोड़ रुपए की लागत आएगी. रोपवे निर्माण के लिए आयोजित टैंडर प्रक्रिया में 8 कंपनियों ने भाग लिया है. अब जल्द ही टेंडर प्रक्रिया को ओपन किया जाएगा और उसके बाद कंपनी को निर्माण कार्य सौंप दिया जाएगा. निर्माण कार्य को पूरा करने का साल 2025 का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन जिस तरह से लोगों का विरोध शुरू हो रहा है. उससे अब निर्माण कार्य देरी से होने की संभावना बन रही है.
स्थानीय लोग कर रहे रोपवे का विरोध: जिला कुल्लू की खराहल और कशावरी फाटी के लोगों ने बीते दिनों देव आदेश का हवाला देते हुए बिजली महादेव रोपवे का विरोध करना शुरू कर दिया है तो वहीं, 2 जून को जिला मुख्यालय में भी दोनों घाटी के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान ग्रामीणों के द्वारा डीसी कुल्लू के माध्यम से प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन भेजा गया और मांग रखी गई कि रोपवे के कार्य को रद्द किया जाए.
रोपवे के लिए 72 पेड़ों का होगा कटान: कुल्लू वन विभाग के डीएफओ एंजेल चौहान ने बताया कि बिजली महादेव रोपवे की मजूंरी के लिए इसे एफसीए केस को अपलोड किया गया, जिस पर ऑब्जेक्शन लगे थे. अब फिर से ऑब्जेक्शन को रिमूव कर केस अपलोड किया गया है, ताकि मंजूरी मिल सके. बिजली महादेव रोपवे कॉरिडोर में 203 पेड़ रहे हैं. जिनमें से 72 पेड़ों को काटने की योजना है. जैसे ही एफसीए की अनुमति मिलती है तो उसके बाद बिजली महादेव रोपवे का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
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