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कुल्लू में 20 भादो त्यौहार की धूम, आज इन नदियों में स्नान करने से दूर हो जाती हैं ये बीमारियां

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Published : Sep 5, 2019, 3:43 PM IST

प्रदेश भर में गुरुवार के दिन 20 भादों का त्यौहार मनाया जा रहा है. लोगों की मान्यता है कि इस पर्व पर स्नान करने से प्राकृतिक जल स्रोतों में स्नान करने से कई तरह की बीमारियां खत्म हो जाती है.

20 भादो त्यौहार की धूम

मनाली: हिमाचल प्रदेश को देश विदेश में अपनी प्राचीन देव संस्कृति और सभ्यता के लिए भी जाना जाता है. वहीं, प्रदेश में कई स्थान ऐसे भी हैं, जहां आज भी प्राचीन समय से चलती आ रही संस्कृति को बखूबी निभाया जाता है. इन्हीं में से एक है 20 भादों का त्यौहार, जिसे प्रदेश के अधिकतर स्थानों पर धूम-धाम से मनाया जाता है.


मान्यता है कि 20 भादो को नदी में स्नान करने से सभी तरह के चर्म रोग खत्म हो जाते हैं. जिला कुल्लू में गुरुवार के दिन 20 भादों की धूम हर जगह देखने को को मिल रही है. लोगों ने 20 भादों के उपलक्ष्य पर घाटी के पवित्र धार्मिक स्थलों पर शाही स्नान कर पुण्य कमाया. जिला कुल्लू के धार्मिक स्थल मणिकर्ण, खीर गंगा, वशिष्ठ में भी 20 भादों के शाही स्नान के लिए काफी भीड़ देखने को मिली.

वीडियो


लोगों की आस्था और मान्यता के अनुसार 20 भादों के दिन पहाड़ों पर उगी जड़ी बूटियां पानी के माध्यम से निचले क्षेत्रों में पंहुचती हैं और इस दिन प्राकृतिक जल स्रोतों पर स्नान करने से शरीर सम्बधित सभी बीमारियां खत्म हो जाती हैं. मनाली के जिया संगम स्थल पर भी 20 भादों को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला. लोग सुबह चार बजे सेही ब्यास और पार्वती नदी के संगम स्थल में जिया में शाही स्नान के लिए पहुंचे थे.

kullu
कृतिक जल स्रोतों में स्नान करते लोग


बता दें कि स्थानीय लोगों का कहना है कि 20 भादों के दिन हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार काफी पवित्र माना जाता है. लोगों का कहना है कि आज दिन घाटी के देवी देवता भी अपने कारकूनों संग पवित्र धार्मिक स्थानों में जाकर शाही स्नान करते हैं.

मनाली: हिमाचल प्रदेश को देश विदेश में अपनी प्राचीन देव संस्कृति और सभ्यता के लिए भी जाना जाता है. वहीं, प्रदेश में कई स्थान ऐसे भी हैं, जहां आज भी प्राचीन समय से चलती आ रही संस्कृति को बखूबी निभाया जाता है. इन्हीं में से एक है 20 भादों का त्यौहार, जिसे प्रदेश के अधिकतर स्थानों पर धूम-धाम से मनाया जाता है.


मान्यता है कि 20 भादो को नदी में स्नान करने से सभी तरह के चर्म रोग खत्म हो जाते हैं. जिला कुल्लू में गुरुवार के दिन 20 भादों की धूम हर जगह देखने को को मिल रही है. लोगों ने 20 भादों के उपलक्ष्य पर घाटी के पवित्र धार्मिक स्थलों पर शाही स्नान कर पुण्य कमाया. जिला कुल्लू के धार्मिक स्थल मणिकर्ण, खीर गंगा, वशिष्ठ में भी 20 भादों के शाही स्नान के लिए काफी भीड़ देखने को मिली.

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लोगों की आस्था और मान्यता के अनुसार 20 भादों के दिन पहाड़ों पर उगी जड़ी बूटियां पानी के माध्यम से निचले क्षेत्रों में पंहुचती हैं और इस दिन प्राकृतिक जल स्रोतों पर स्नान करने से शरीर सम्बधित सभी बीमारियां खत्म हो जाती हैं. मनाली के जिया संगम स्थल पर भी 20 भादों को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला. लोग सुबह चार बजे सेही ब्यास और पार्वती नदी के संगम स्थल में जिया में शाही स्नान के लिए पहुंचे थे.

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कृतिक जल स्रोतों में स्नान करते लोग


बता दें कि स्थानीय लोगों का कहना है कि 20 भादों के दिन हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार काफी पवित्र माना जाता है. लोगों का कहना है कि आज दिन घाटी के देवी देवता भी अपने कारकूनों संग पवित्र धार्मिक स्थानों में जाकर शाही स्नान करते हैं.

Intro:स्पेशल स्टोरी

लोकेशन मनाली

जिला कुल्लू में 20 भादों की धूम
धार्मिक पवित्र स्थानों में शाही स्नान केलिए दूर दूरसे पंहुच रहेलोग।
ब्यास और पार्वतिनदी के संगमस्थल जिया मेंभी सुबह चारबजे से उमड़रही लोगों कीभारी भीड़ ।Body:

एंकर:- हिमाचलप्रदेश जिसे देश विदेश में अपनी प्राचीन देव संस्कृति और सभ्यता के लिए भी जानाजाता है । हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे स्थान हैं जंहा आज भी प्राचीन समय से चलती आरही संस्कृति को बखूबी निभाया जाता है । इन्हीं में से एक है 20 भादों ।  माना जाता है कि आज के दिन 20 भादों को नदी मेंस्नान करने से सभी तरह के चरम रोग भी खत्म हो जाते हैं । इसी के चलते देवभूमि कुल्लूमें भी 20 भादों की धूम रही ।लोगो ने 20 भादों के उपलक्ष्य पर घाटी के पवित्र धार्मिकस्थलों पर शाही स्नान कर पुण्य कमाया । जिला कुल्लू के धार्मिक स्थल मणिकर्ण,खीरगंगा,मानतलाई,क्लाथ,वशिष्ठ में भी 20 भादों के शाही स्नान के लिए काफी भीड़ देखीगई । इसके अलावा जिला कुल्लू के भुतंर में स्थित पार्वती और ब्यास नदी के संगमस्थल पर भी 20 भादों के शाही स्नान को लेकर लोगों की काफी भीड़ देखी । माना जाताहै कि आज के दिन पहांडों पर उंगी जंडी बूटियां पानी के माध्यम से निचले क्षेत्रोंमें पंहुचती है और आज के दिन प्राकृति जल स्त्रोंतों पर स्नान करने से शरीरसम्बधित सभी बिमारियां भी खत्म हो जाती है । बात करें जिया संगम स्थल की तो यंहापर भी 20 भादों को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला लोग सुबह चार बजे सेही ब्यास और पार्वती नदी के संगम स्थल में जिया में शाही स्नान के लिए पंहुचे थेऔर संगम स्थल जिया में लोगों ने माईन्स तापमान में ठंडे पानी में डूबकी लगा करपुण्य कमाया । जिया 20 भादों के उपलक्ष्य पर आये लोगों ने बात करते हुए बताया किआज के दिन प्राकृति जल स्त्रोंतो में स्नान करने से सभी तरह की शरीर की बीमारियांका खत्म हो जाती है और आज के दिन को हिन्दु रिति रिवाज के अनुसार काफी पवित्र मानाजाता है । लोगों का कहना है कि आज दिन घाटी के देवी देवता भी अपने कारकूनों संगपवित्र धार्मिक स्थानों में जाकर शाही स्नान करते हैं ।

बाइट:- अनिलराणा, कुंदन,स्थानिय निवासी ।

 रिपोर्ट :- सचिन शर्मा , मनालीConclusion:माना जाताहै कि आज के दिन पहांडों पर उंगी जंडी बूटियां पानी के माध्यम से निचले क्षेत्रोंमें पंहुचती है और आज के दिन प्राकृति जल स्त्रोंतों पर स्नान करने से शरीरसम्बधित सभी बिमारियां भी खत्म हो जाती है ।
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