किन्नौर: जिला किन्नौर में बर्फबारी के चार दिन बाद आज मौसम सुहावना हुआ है. जिसके बाद जिले के बागवानों व किसानों समेत आम जनमानस ने राहत की सांस ले ली है. जिले में जनवरी माह में पड़ी बर्फबारी से जिले के बागवानों व किसानों को अब सिंचाई से निजात मिली है और सूखे पड़े हुए जमीन भी नमी भरे हो गए हैं. किन्नौर जिले में बर्फबारी के बाद पहाड़ भी चांदी से चमकने लगे हैं और पहाड़ों पर अब गलेशियर का भी खतरा बढ़ गया है.
किन्नौर जिले में बर्फबारी के बाद अब प्राकृतिक जलस्त्रोत भी खुलने लगे है. वहीं, बर्फबारी के चलते ठंड भी बढ़ चुकी है और जिले की सड़कें फिसलन भरी हुई हैं. जिस पर सुबह शाम वाहनों के टायर फिसल रहे हैं. जिले में इस साल पहाड़ों पर तो बर्फबारी हुई है, लेकिन निचले इलाकों में बहुत कम बर्फबारी हुई है. ऊंचाई वाले ग्रामीण इलाके छितकुल, रकछम, सांगला, कुनो, चारंग, लिप्पा, आसरंग में करीब 3 से 4 इंच बर्फबारी तो निचले इलाकों में 2 से ढाई इंच बर्फबारी हुई. जिससे केवल बागवानों व किसानों को कुछ समय के लिए सिंचाई से निजात मिली है.
जिला किन्नौर में इस साल कम बर्फबारी होने से गर्मियों में लोगों को पानी की समस्या व सूखे से परेशानियां भी हो सकती हैं. फिलहाल जिले में अप्रैल माह तक बर्फबारी के आसार हैं और लोग अभी जिले में और बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं. फिलहाल प्रशासन ने आज जिले में मौसम सुहावना होते ही एडवाइजरी जारी कर पर्यटकों व जिले के लोगों को पहाड़ों की ओर जाने से मनाही की है, ताकि गलेशियर इत्यादि के चपेट मे आने से किसी के जानमाल का नुकसान न हो.
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