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किन्नौर की सड़कों पर साथ चलती है मौत! खाई-वे तक पहुंचा सकता है हाई-वे का हर मोड़

किन्नौर जिला की खूबसूरत वादियों तक पहुंचने के लिए खतरनाक रास्तों से होते हुए सफर तय करना पड़ता है. जिला किन्नौर की सड़कों पर सुरक्षा इंतजाम को लेकर लोगों ने सवाल उठाए हैं. इस मामले में डीसी किन्नौर ने भी सड़क सुरक्षा को लेकर उठाई गई मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है.

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Published : Feb 3, 2021, 9:42 PM IST

Updated : Feb 3, 2021, 11:05 PM IST

Dangerous Roads of Kinnaur
किन्नौर की खतरनाक सड़कें! हाईवे या खाईवे

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर हिमाचल प्रदेश के सबसे दुर्गम क्षेत्रों मे से एक है. जिला किन्नौर जितना मशहूर अपनी खूबसूरती के लिए पूरे विश्वभर में जाना जाता है, उतना ही अपनी खतरनाक सड़कों के लिए भी खबरों में बना रहता है. जिला किन्नौर के अधिकतर संपर्क मार्ग सकरें और तीखे मोड़ों से भरे हुए हैं.

जिला किन्नौर में पहाड़ियों की ढाल को काटकर सड़के बनाई गई हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से आज भी जिला के ग्रामीण सड़क सम्पर्क मार्गों पर क्रैश ब्रेरियर नहीं है. जिला में एनएच-5 पर तो लगभग सभी जगहों पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र को जोड़ने वाले सम्पर्क मार्ग आज भी काल के ग्रास बने हुए हैं.

इन संपर्क मार्गों पर की है क्रैश बैरियर की मांग

जिला के कल्पा-रोघी सड़क सम्पर्क मार्ग, सांगला सम्पर्क मार्ग, काम्बा सड़क सम्पर्क मार्ग, तरांडा सड़क सम्पर्क मार्ग, रूपी सड़क मार्ग, भावा वेली सड़क मार्ग, पुरबनी, बारंग सड़क मार्ग व ऐसे कई और सड़क सम्पर्क मार्ग हैं, जहां पर हर वर्ष किसी न किसी रूप में वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलती रहती है.

वीडियो रिपोर्ट.

सड़क किनारे सुरक्षा के इंतजाम का अभाव

जिला के कल्पा के पूर्व प्रधान प्रवीण नेगी और स्थानीय ग्रामीण व्योम सिंह बिष्ट ने कहा कि जिला किन्नौर के अधिकतर सड़क मार्गों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुख्ता इन्तजाम नहीं है. हालांकि पंचायतों की ओर से कई बार सड़कों पर क्रैश बैरियर व दीवारों के लिए प्रस्ताव दिए गए. जिसके बाद कुछेक ब्लैक स्पॉट्स पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, लेकिन अधिकतर सड़कें अभी भी असुरक्षित हैं.

खासकर बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक जिला में आते हैं, उन्हें यहां की तंग व खाई भरी सड़कों का अंदाजा नहीं होता. जिसके चलते तीखे व तंग सड़कों पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं.

हर साल होती हैं 8 से 10 सड़क दुर्घटनाएं

जिला पुलिस रिकार्ड अनुसार भी हर वर्ष 8 से 10 दुर्घटनाएं हर वर्ष इन खतरनाक सड़कों पर होती है जबकि इसके अलावा भी दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें या तो वाहनों के खाई व सतलुज में गिरने से व्यक्ति बच भी जाए तो अपाहिज का शिकार हो जाता है. किन्नौर में हुई सड़क दुर्घटना में कई लोगों के आजतक शव भी बरामद नहीं हुए हैं.

डीसी किन्नौर ने PWD को दिए आदेश

डीसी किन्नौर हेमराज बैरवा ने कहा कि जिला के सभी सड़कों में क्रैश बैरियर के लिए सरकार समय समय पर धनराशि का प्रावधान करती है और जिला प्रशासन अब इन सभी सड़कों के दोनों ओर क्रैश बैरियर लगाने की शुरुआत कर रही है.

डीसी ने कहा कि वैसे तो एनएच-5 पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, लेकिन जिला के सम्पर्क मार्ग काफी जगह पर क्रैश बैरियर लगने बाकी हैं. इस बारे में पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा टीएसपी में भी जिला के सड़कों की मरम्मत और सुरक्षा के कार्यों के लिए काफी राशि है. जल्द ही जिला के तंग व खतरनाक ब्लैक स्पॉट को सुरक्षा की दृष्टि से सुधारा जाएगा.

पढ़ें: आधार केंद्रों की कमी से लोग परेशान, अपडेट करवाने के लिए तय करना पड़ रहा मीलों का सफर

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर हिमाचल प्रदेश के सबसे दुर्गम क्षेत्रों मे से एक है. जिला किन्नौर जितना मशहूर अपनी खूबसूरती के लिए पूरे विश्वभर में जाना जाता है, उतना ही अपनी खतरनाक सड़कों के लिए भी खबरों में बना रहता है. जिला किन्नौर के अधिकतर संपर्क मार्ग सकरें और तीखे मोड़ों से भरे हुए हैं.

जिला किन्नौर में पहाड़ियों की ढाल को काटकर सड़के बनाई गई हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से आज भी जिला के ग्रामीण सड़क सम्पर्क मार्गों पर क्रैश ब्रेरियर नहीं है. जिला में एनएच-5 पर तो लगभग सभी जगहों पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र को जोड़ने वाले सम्पर्क मार्ग आज भी काल के ग्रास बने हुए हैं.

इन संपर्क मार्गों पर की है क्रैश बैरियर की मांग

जिला के कल्पा-रोघी सड़क सम्पर्क मार्ग, सांगला सम्पर्क मार्ग, काम्बा सड़क सम्पर्क मार्ग, तरांडा सड़क सम्पर्क मार्ग, रूपी सड़क मार्ग, भावा वेली सड़क मार्ग, पुरबनी, बारंग सड़क मार्ग व ऐसे कई और सड़क सम्पर्क मार्ग हैं, जहां पर हर वर्ष किसी न किसी रूप में वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलती रहती है.

वीडियो रिपोर्ट.

सड़क किनारे सुरक्षा के इंतजाम का अभाव

जिला के कल्पा के पूर्व प्रधान प्रवीण नेगी और स्थानीय ग्रामीण व्योम सिंह बिष्ट ने कहा कि जिला किन्नौर के अधिकतर सड़क मार्गों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुख्ता इन्तजाम नहीं है. हालांकि पंचायतों की ओर से कई बार सड़कों पर क्रैश बैरियर व दीवारों के लिए प्रस्ताव दिए गए. जिसके बाद कुछेक ब्लैक स्पॉट्स पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, लेकिन अधिकतर सड़कें अभी भी असुरक्षित हैं.

खासकर बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक जिला में आते हैं, उन्हें यहां की तंग व खाई भरी सड़कों का अंदाजा नहीं होता. जिसके चलते तीखे व तंग सड़कों पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं.

हर साल होती हैं 8 से 10 सड़क दुर्घटनाएं

जिला पुलिस रिकार्ड अनुसार भी हर वर्ष 8 से 10 दुर्घटनाएं हर वर्ष इन खतरनाक सड़कों पर होती है जबकि इसके अलावा भी दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें या तो वाहनों के खाई व सतलुज में गिरने से व्यक्ति बच भी जाए तो अपाहिज का शिकार हो जाता है. किन्नौर में हुई सड़क दुर्घटना में कई लोगों के आजतक शव भी बरामद नहीं हुए हैं.

डीसी किन्नौर ने PWD को दिए आदेश

डीसी किन्नौर हेमराज बैरवा ने कहा कि जिला के सभी सड़कों में क्रैश बैरियर के लिए सरकार समय समय पर धनराशि का प्रावधान करती है और जिला प्रशासन अब इन सभी सड़कों के दोनों ओर क्रैश बैरियर लगाने की शुरुआत कर रही है.

डीसी ने कहा कि वैसे तो एनएच-5 पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं, लेकिन जिला के सम्पर्क मार्ग काफी जगह पर क्रैश बैरियर लगने बाकी हैं. इस बारे में पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा टीएसपी में भी जिला के सड़कों की मरम्मत और सुरक्षा के कार्यों के लिए काफी राशि है. जल्द ही जिला के तंग व खतरनाक ब्लैक स्पॉट को सुरक्षा की दृष्टि से सुधारा जाएगा.

पढ़ें: आधार केंद्रों की कमी से लोग परेशान, अपडेट करवाने के लिए तय करना पड़ रहा मीलों का सफर

Last Updated : Feb 3, 2021, 11:05 PM IST
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