किन्नौर: जिला किन्नौर में कर्फ्यू के दौरान 20 अप्रैल से डीएम किन्नौर गोपालचंद ने कुछ कामों को शुरू करने की छूट दी है. डीएम के आदेश के अनुसार मनरेगा, सरकारी भवन निर्माण, लघु उद्योग के काम शुरू किए जा सकते हैं.
रियायत मिलने के बाद भी लोग जिला प्रशासन के निर्णय से खुश नहीं हैं. लोगों का कहना है कि कामों पर रियायत देने के बावजूद सीमेंट, रेत, सरिया आदि खरीदने के लिए हार्डवेयर की दुकानें बंद हैं. ऐसे में उन्हें निर्माण सामग्री नहीं मिल पा रही है. निर्माण सामग्री ने मिलने के कारण उनके सभी काम ठप पड़े हुए हैं.
स्थानीय निवासी देवेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि प्रशासन ने अधर में लटके निर्माणाधीन कार्यों को पूरा करने के लिए लॉकडाउन में रियायतें दी हैं. इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों में सरकारी व दूसरे कई मनरेगा व लघु उद्योगों में निर्माणाधीन कामों को पूरा करने में परेशानी आ रही है, क्योंकि सभी हार्डवेयर की दुकाने बंद हैं.
इसके चलते सीमेंट, सरिया इत्यादि खरीदने में समस्याएं आ रही हैं. साथ ही रेता लाने के लिए सतलुज पर पुलिस व खनन विभाग रुकावट बन रहा हैं. इसके चलते इस रियायत का कोई लाभ नहीं हो रहा है. ऐसे में सरकार को इस विषय पर विचार करना चाहिए.
वहीं, दूसरी ओर डीसी किन्नौर गोपालचंद ने कहा कि सतलुज से रेता निकालने के बारे में जल्द ही आदेश किए जाएंगे. साथ ही हार्डवेयर की दुकानों को खोलने के बारे में प्रदेश सरकार के समक्ष भी बात रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगों के सुझाव प्रशासन के पास रोजाना आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हार्डवेयर इत्यादि के दुकानों को भी जल्द ही खोलने पर सरकार व प्रशासन विचार करेगा.
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