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किन्नौर में बर्फबारी से जलस्त्रोतों को नुकसान, विभाग को पेयजल योजना बहाल करने में आ रही है मुश्किलें

किन्नौर आईपीएच विभाग के लगभग सभी मुख्य जलस्त्रोतों को नुकसान हुआ है. इस वक्त इन जलस्त्रोत के ठीक ऊपर गलेशियरों के गिरने का खतरा बना हुआ है. ऐसे में इनकी मरम्मत करना नामुमकिन है.

water crisis in kinnaur
किन्नौर में बर्फबारी से जलस्त्रोतों को नुकसान
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Published : Jan 30, 2020, 9:41 AM IST

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर में भारी बर्फबारी के बाद कई दिनों से पीने के पानी की समस्या बनी हुई है. जिला के लोगों को कई किलोमीटर दूर जाकर पानी लाने के लिए जाना पड़ रहा है. पैदल मार्ग समेत सडकों पर फिसलन का भी लगातार खतरा बना हुआ है.

आईपीएच एक्सईएन रिकांगपिओ उदय बोद्ध ने कहा कि जिला किन्नौर के पांगी, रिकांगपिओ, तरांडा भावावेळी, शुदारनग में इन दिनों पानी की भारी समस्या से लोगों को गुजरना पड़ रहा है. इन क्षेत्रों में पीने के पानी के मुख्यस्त्रोतों पर पहाड़ियों से गलेशियर गिरे हैं और ऐसे में विभाग को पहाड़ियों पर जाना संभव नहीं है.

वीडियो.

इन दिनों पहाड़ों से गलेशियरों गिरने का खतरा बना हुआ है. इसलिए रिकांगपिओ और पंगी के मुख्य जलस्त्रोत काशनग के टूटने के बाद नालजो जलस्त्रोत वैकल्पिक तौर ठीका किया गया है. वहीं, भावावेली, तरांडा, नान्सपो में भी फिलहाल आसपास के छोटे पानी के स्रोतों से पाइपलाइन से पानी दिया जा रहा है. साथ ही कई क्षेत्रों में पाइपलाइनों के ब्रांच के बीचों बीच पानी की लाइनों को खोला गया है. जिससे लोग बर्तनों में पानी भर रहें हैं.

एक्सईएन ने कहा कि बर्फबारी से जिला में आईपीएच विभाग के लगभग सभी मुख्य जलस्त्रोतों को नुकसान हुआ है. ऐसे में कुछ एक पहाड़ियों पर जल स्त्रोतों को देखने के लिए विभाग ने मौके का दौरा किया, लेकिन इस वक्त इन जलस्त्रोत के ठीक ऊपर गलेशियरों के गिरने के खतरे के बीच काम करना नामुमकिन है.

ये भी पढ़ेंः विवाहिता से मारपीट मामले में आरोपियों को कोर्ट से राहत, 50-50 हजार के मुचलके पर मिली सशर्त जमानत

जैसे ही पहाड़ों में गलेशियरों का आना थम जाएगा वैसे ही विभाग मुख्यस्त्रोत से लोगों को पानी देगा, फिलहाल वैकल्पिक स्त्रोतों से पानी दिया जा रहा है. साथ ही जिन क्षेत्रों में संभव होगा वहां फील्ड अधिकारियों को मुख्य जलस्त्रोत पर जाकर पानी के लाइनों को ठीक करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर में भारी बर्फबारी के बाद कई दिनों से पीने के पानी की समस्या बनी हुई है. जिला के लोगों को कई किलोमीटर दूर जाकर पानी लाने के लिए जाना पड़ रहा है. पैदल मार्ग समेत सडकों पर फिसलन का भी लगातार खतरा बना हुआ है.

आईपीएच एक्सईएन रिकांगपिओ उदय बोद्ध ने कहा कि जिला किन्नौर के पांगी, रिकांगपिओ, तरांडा भावावेळी, शुदारनग में इन दिनों पानी की भारी समस्या से लोगों को गुजरना पड़ रहा है. इन क्षेत्रों में पीने के पानी के मुख्यस्त्रोतों पर पहाड़ियों से गलेशियर गिरे हैं और ऐसे में विभाग को पहाड़ियों पर जाना संभव नहीं है.

वीडियो.

इन दिनों पहाड़ों से गलेशियरों गिरने का खतरा बना हुआ है. इसलिए रिकांगपिओ और पंगी के मुख्य जलस्त्रोत काशनग के टूटने के बाद नालजो जलस्त्रोत वैकल्पिक तौर ठीका किया गया है. वहीं, भावावेली, तरांडा, नान्सपो में भी फिलहाल आसपास के छोटे पानी के स्रोतों से पाइपलाइन से पानी दिया जा रहा है. साथ ही कई क्षेत्रों में पाइपलाइनों के ब्रांच के बीचों बीच पानी की लाइनों को खोला गया है. जिससे लोग बर्तनों में पानी भर रहें हैं.

एक्सईएन ने कहा कि बर्फबारी से जिला में आईपीएच विभाग के लगभग सभी मुख्य जलस्त्रोतों को नुकसान हुआ है. ऐसे में कुछ एक पहाड़ियों पर जल स्त्रोतों को देखने के लिए विभाग ने मौके का दौरा किया, लेकिन इस वक्त इन जलस्त्रोत के ठीक ऊपर गलेशियरों के गिरने के खतरे के बीच काम करना नामुमकिन है.

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जैसे ही पहाड़ों में गलेशियरों का आना थम जाएगा वैसे ही विभाग मुख्यस्त्रोत से लोगों को पानी देगा, फिलहाल वैकल्पिक स्त्रोतों से पानी दिया जा रहा है. साथ ही जिन क्षेत्रों में संभव होगा वहां फील्ड अधिकारियों को मुख्य जलस्त्रोत पर जाकर पानी के लाइनों को ठीक करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

Intro:किन्नौर न्यूज़।

किन्नौर में पानी की समस्याओं के लिए विभाग कर रहा काम गलेशियरों से टूट गए मुख्यस्त्रोत,एक्सईन आईपीएच ने की पुष्टि।


किन्नौर-जनजातीय जिला किंन्नौर में भारी हिमपात के बाद कई दिनों से जिला किन्नौर में पीने के पानी की समस्या बनी हुई है और लोगो को कई किलोमीटर दूर जाकर पानी भरकर लाना पड़ रहा है जिसमे कई घण्टो का समय लग रहा है और पैदल मार्ग समेत सडको पर फिसलने का भी खतरा बना हुआ है।





Body:इस बारे में आईपीएच विभाग एक्सईन रिकांगपिओ डिवीजन उदय बोद्ध ने कहा कि जिला किन्नौर के पांगी,रिकांगपिओ,तरांडा
भावावेळी,शुदारनग में इन दिनों पानी मि भारी समस्या से लोगो को गुजरना पड़ रहा है क्यों कि इन क्षेत्रों में पीने के पानी के मुख्यस्त्रोत पहाड़ियों पर गलेशियर आने से टूट गए है और ऐसे में विभाग को पहाड़ियों पर जाना सम्भव नही है क्यों कि इन दिनों पहाड़ो से गलेशियरों का खतरा बना हुआ है इसलिए रिकांगपिओ क्षेत्र व पंगी के लिए काशनग नामक मुख्य जलस्त्रोत के टूटने के बाद नालजो नामक वैकल्पिक तौर पर पानी जोड़ा गया है वही भावावेळी,तरांडा,नान्सपो में भी फिलहाल आसपास के छोटे पानी के स्रोतों से पाइपलाइन से पानी दिया जा रहा है और कई क्षेत्रों में पाइपलाइनों के ब्रांच के बीचोबीच लाइनों को खोला गया है जिससे लोग बर्तनों में पानी भर सके जिससे लोगो को पीने के पानी की समस्या से निजात मिल जाए।





Conclusion:उन्होंने कहा कि बर्फभारी में जिला में आईपीएच विभाग के लगभग सभी मुख्य जलस्त्रोतो को नुकसान हुआ है ऐसे में कुछेक पहाड़ियों पर जल स्त्रोतों को देखने के लिए विभाग मौके पर पहुँचा है लेकिन इस वक्त इन जलस्त्रोत के ठीक ऊपर गलेशियरों के गिरने से काम करना नामुमकिन है इसलिए उन्होंने जिला के लोगो से अपील की है कि जैसे ही पहाड़ो में गलेशियरों का आना थम जाएगा वैसे ही विभाग मुख्यस्त्रोत से लोगो को पानी देगा फिलहाल वैकल्पिक स्त्रोतों से पानी दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में सम्भव होगा वहाँ फील्ड अधिकारियों को मुख्य जलस्त्रोत पर जाकर पानी के लाइनों को ठीक करने के भी निर्देश दिए गए है।

बाईट---उदय बोद्ध---एक्सईन आईपीएच रिकांगपिओ डिवीजन
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