किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ में बुधवार भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले जिला किन्नौर की अशावर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने रैली का आयोजन किया. इस रैली में सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने भाग लिया और पिछले दिनों सरकार द्वारा श्रम कानून बिल पास करने का विरोध भी किया साथ ही पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग भी की है.
इस विषय में भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री मंगत राम नेगी ने मीडिया से कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानून बिल पास किया है. जिसके बाद पूरे देशभर में मजदूरों में सरकार के खिलाफ रोष है.
भारतीय मजदूर संघ ने पूरे प्रदेश के साथ जिला किन्नौर में भी नए श्रम कानूनों को लेकर विरोध रैली निकाली है क्योंकि श्रम कानून देश के मजदूरों के हित में नहीं दिख रहा है. उन्होंने कहा कि मजदूरों को सरकार एक तय नियमानुसार वेतन का कानून पास करे. साथ ही अशावर्कर, आंगनबाड़ी के कार्यकर्ताओं के न्यूनतम वेतन 18 हजार करे, जिससे लाखों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व अशावर्करों को उनके जीवनयापन के साथ उनके परिवार का भरण पोषण किया जा सके.
मंगत राम नेगी ने कहा कि सरकार आये दिन मजदूरों के हित को छोड़कर बड़े बड़े व्यापारियों, कारोबारियों के सहूलियत के हिसाब से कानून बना रही है. जिसमें मजदूरों का बहुत शोषण हो रहा है. ऐसे में प्रदेश व केंद्र सरकार को मजदूरों के हित में कानून को दोबारा से विचार मंथन कर बदलना चाहिए. जिससे देश के मजदूरों को अच्छे वेतन मिल सके और देश का मजदूर शोषित न हो. नेगी ने कहा कि यदि समय रहते सरकार ने श्रम कानूनों में दोबारा से बदलाव नही किए, तो भारतीय मजदूर आने वाले समय मे भी इसी तरह सरकार के खिलाफ रैली निकालते रहेगी.
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