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ग्राम संसद चुनने को तैयार शतकवीर श्याम शरण, युवाओं को बताया लोकतंत्र का प्रहरी

आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी एक बार फिर मतदान करने के लिए उत्साहित हैं. 17 जनवरी को हिमाचल में होने वाले पंचायत चुनाव के पहले चरण में वे मतदान करेंगे. प्रशासन ने उनके स्वागत के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं. मास्टर जी 17 जनवरी को दोपहर 12 बजे मतदान करेंगे. जब वे मतदान करने पहुंचेंगे तो उनका स्वागत रेड कारपेट बिछाकर किया जाएगा.

shyam saran negi, श्याम शरण नेगी
shyam saran negi, श्याम शरण नेगी
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Published : Jan 16, 2021, 7:37 PM IST

Updated : Jan 16, 2021, 8:02 PM IST

किन्नौर: 25 अक्टूबर 1951, गुरुवार का दिन था. मास्टर श्याम शरण नेगी ने इसी दिन पहली बार वोट दिया था और वे बन गए थे आजाद भारत के पहले वोटर. इसके साथ ही मास्टर श्याम शरण नेगी का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया.

वैसे तो आजादी के बाद भारत में पहली बार चुनाव फरवरी 1952 में हुआ था, लेकिन जनजातीय क्षेत्र और सर्दी के मौसम में बर्फबारी को देखते हुए किन्नौर में पांच महीने पहले ही मतदान करवा लिया गया.

मास्टर श्याम शरण नेगी उस दिन को याद करते हुए कहते हैं कि ''तब मैं स्कूल अध्यापक था और मेरी इलेक्शन ड्यूटी लगी थी. इसी कारण, मैं अपना वोट डालने सुबह सात बजे कल्पा प्राथमिक स्कूल में अपने मतदान केंद्र पर पहुंचा. मैं वहां पहुंच कर मतदान करने वाला पहला व्यक्ति था.''

श्याम शरण नेगी अब एक बार फिर मतदान करने के लिए उत्साहित हैं. 17 जनवरी को हिमाचल में होने वाले पंचायत चुनाव के पहले चरण में वे मतदान करेंगे. प्रशासन ने उनके स्वागत के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं. मास्टर जी 17 जनवरी को दोपहर 12 बजे मतदान करेंगे. जब वे मतदान करने पहुंचेंगे तो उनका स्वागत रेड कारपेट बिछाकर किया जाएगा.

इस तरह देश के पहले वोटर बने थे श्याम शरण

श्याम शरण नेगी के देश के पहले मतदाता बनने वाली कहानी बेहद रोचक है. ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद भारत में वर्ष 1952 में पहले आम चुनाव हुए थे.

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू चाहते थे कि भारत के जनजातीय इलाके भी आम चुनाव में हिस्सा लें. चूंकि जनजातीय इलाकों में बर्फबारी के कारण आवागमन अवरुद्ध हो जाता है, लिहाजा इन इलाकों में भारत के अन्य हिस्सों से पहले ही मतदान का फैसला लिया गया था.

देश भर के जनजातीय इलाकों में सबसे पहले हिमाचल के किन्नौर इलाके को ही चुना गया. उस समय किन्नौर में श्याम शरण नेगी को पोलिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी निभानी थी. उस समय सुविधाओं और संसाधनों की कमी थी. साथ ही किन्नौर का इलाका भी दुर्गम था. मतपेटी तो थी नहीं, ऐसे में श्याम शरण नेगी ने टीन के कनस्तर को मतपेटी का रूप दिया.

first voter of india shyam saran negi, श्याम शरण नेगी
आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी. फाइल

अब मतदान की बारी थी. स्थितियां ऐसी थीं कि कोई भी व्यक्ति मतदान के लिए मौजूद नहीं था, तो श्याम शरण नेगी ने ही सबसे पहले मतदान किया. यह 25 अक्टूबर 1951 की बात थी. खुद वोट डालने के बाद श्याम शरण नेगी ने महीने भर पूरे कबायली इलाके में घूम-घूम कर लोगों को मतदान का महत्व समझाया और उनसे मतदान करवाया. उनके इस प्रयास को देश भर में सराहना मिली थी.

ये भी पढ़ेंः कभी राजाओं की शान था ये किला, अब टूरिस्ट ले रहे यहां राजपूताना लाइफस्टाइल का मजा

भारत में लोकतंत्र की मजबूती और मतदान को लेकर श्याम शरण के योगदान पर उन्हें कई बार सम्मानित किया गया. उन पर भारत के चुनाव आयोग ने बेहद भावुक डॉक्यूमेंटरी भी तैयार की है, जिसे अब तक यू-ट्यूब पर लाखों लोग देख चुके हैं.

हर चुनाव में वोट डालने के लिए पहुंचने वाले नेगी लोकतंत्र में भारतीय आस्था के प्रतीक बन चुके हैं. उन्हें मतदान केंद्र तक लाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी खास वाहन का इंतजाम करते हैं. साथ ही रेड कारपेट भी बिछाया जाता है.

पंचायती राज चुनाव में मतदान को लेकर उत्साहित

श्याम शरण नेगी 103 साल के हो गए हैं. उम्र के इस पड़ाव में भी वे मतदान को लेकर काफी उत्साहित हैं. 1951 में पहली बार लोकतंत्र के महापर्व में आहुती डाले उन्हें 69 साल का समय बीत चुका है. इतन सालों में एक भी ऐसा चुनाव नहीं गया जिसमें मास्टर श्याम शरण नेगी ने वोट डालना मिस किया हो.

first voter of india shyam saran negi, श्याम शरण नेगी
आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी. फाइल

अबकी बार भी हिमाचल में जनवरी महीने में होने वाले पंचायती राज चुनाव में अपने मत का प्रयोग करने को लेकर श्याम शरण नेगी फिर तैयार हैं. मतदान को लेकर उनमें आज भी वही ऊर्जा है जो इससे पहले वाले चुनावों के दौरान रही थी.

103 की उम्र उनकी आंखों में दिखना कम और घुटने दुखते जरूर हैं, लेकिन उनका हौसला किसी नौजवान से कम नहीं है. ईटीवी भारत की टीम जब उनके निवास स्थान कल्पा पहुंची तो ये देखकर अचंभित रह गई कि नेगी जी आज भी अपने अधिकतर कार्य खुद करते हैं. उनकी लोगों को पहचानने की क्षमता और समाज को लेकर सोच आश्चर्यचकित कर देने वाली है.

नई पंचायतों के गठन से खुश हैं श्याम शरण नेगी

मास्टर जी से जब पंचायत चुनाव को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे रोजाना रेडियो के माध्यम से चुनावी हलचल के बारे में जानकारी ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे इस बात से खुश हैं कि जिले में नई पंचायतों का गठन हुआ है, जिले में जितनी पंचायतें होंगी उनका विकास भी उतना ही होगा.

first voter of india shyam saran negi, श्याम शरण नेगी
श्याम शरण नेगी, फाइल

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग किसी भी हालात में अपने मत का प्रयोग करना ना भूलें. उन्होंने कहा कि देश की कायाकल्प बदलने में जनता का सबसे बड़ा हाथ रहता है और जनता जब अपने मत का प्रयोग करेगी और सही जनप्रतिनिधि चुनेगी तभी देश, प्रदेश व गांव का विकास होगा.

नेगी जी ने लोगों को इस दौरान सावधानी बरतने की भी सलाह दी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग चुनाव के दौरान अपना उल्लू सीधा करने के लिए भी अपनी दावेदारी पेश कर गांव के विकास में रोग लगाने आते हैं. ऐसे व्यक्ति को अपना वोट देने से परहेज करना चाहिए, अन्यथा गांव का विकास रूक जाता है.

लोकसभा-राज्यसभा से बढ़कर है पंचायती राज का चुनाव

पंचायती राज चुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए श्याम शरण नेगी ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा से भी बढ़कर पंचायती राज चुनाव होते हैं. इसमें लोगों को मतदान करना चाहिए, क्योंकि इसी से गांव से लेकर देश का विकास होता है. सरकार गांवों के विकास के लिए सैकड़ों करोड़ों की राशि जारी करती है, अगर पंचायत का प्रतिनिधि सही नहीं होगा तो वो धनराशि विकास कार्यों पर सही खर्च नहीं होती, जिससे कई क्षेत्र पिछड़ जाते हैं.

ऐसे में इस पंचायतीराज चुनावों में हर व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्रों में सही जनप्रतिनिधियों को चुनकर लाए, ताकि गांव की समस्याओं के साथ-साथ गांव के विकास की सही रूपरेखा तैयार की जा सके. इससे गांव में विकास होगा.

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आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी. फाइल

युवाओं को मिले मौका

उन्होंने कहा कि आज का भारत पढ़े-लिखे युवाओं का देश है और देश के हर काम में युवाओं को मौका देना चाहिए. पंचायत चुनाव में भी पढ़े-लिखे, ईमानदार व अपने बुजुर्गों की इज्जत करने वाले युवाओं को चुनावी मैदान में उतरना चाहिए.

युवाओं को चुनावी मैदान में उतरकर गांव अपने क्षेत्र के साथ-साथ देश के विकास में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए, क्योंकि युवाओं में नई ऊर्जा के साथ काम करने की क्षमता अधिक होती है. श्याम शरण नेगी ने बड़े-बुजुर्गों से भी अपील की है कि वे युवाओं को मौका दें जिससे वे अपनी ऊर्जा से दोगूना काम कर सकें.

अबकी बार हर हाल में करूंगा मतदान

बता दें कि कुछ दिन पहले श्याम शरण नेगी जी की तबीयत थोड़ी नासाज चल रही थी, लेकिन अब उनकी हालत में काफी सुधार हुआ है. वे भोजन इत्यादि समय पर कर रहे हैं जिससे उनकी तबीयत अच्छी हो गई है. उन्होंने कहा कि इस बार के पंचायत चुनाव में वे मतदान जरूर करेंगे चाहे कितनी भी कठिनाइयां रहें.

ये भी पढ़ेंः शिमला में दिखेगी हिमाचली संस्कृति की झलक, बनाई जा रही हैं पेंटिंग्स

किन्नौर: 25 अक्टूबर 1951, गुरुवार का दिन था. मास्टर श्याम शरण नेगी ने इसी दिन पहली बार वोट दिया था और वे बन गए थे आजाद भारत के पहले वोटर. इसके साथ ही मास्टर श्याम शरण नेगी का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया.

वैसे तो आजादी के बाद भारत में पहली बार चुनाव फरवरी 1952 में हुआ था, लेकिन जनजातीय क्षेत्र और सर्दी के मौसम में बर्फबारी को देखते हुए किन्नौर में पांच महीने पहले ही मतदान करवा लिया गया.

मास्टर श्याम शरण नेगी उस दिन को याद करते हुए कहते हैं कि ''तब मैं स्कूल अध्यापक था और मेरी इलेक्शन ड्यूटी लगी थी. इसी कारण, मैं अपना वोट डालने सुबह सात बजे कल्पा प्राथमिक स्कूल में अपने मतदान केंद्र पर पहुंचा. मैं वहां पहुंच कर मतदान करने वाला पहला व्यक्ति था.''

श्याम शरण नेगी अब एक बार फिर मतदान करने के लिए उत्साहित हैं. 17 जनवरी को हिमाचल में होने वाले पंचायत चुनाव के पहले चरण में वे मतदान करेंगे. प्रशासन ने उनके स्वागत के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं. मास्टर जी 17 जनवरी को दोपहर 12 बजे मतदान करेंगे. जब वे मतदान करने पहुंचेंगे तो उनका स्वागत रेड कारपेट बिछाकर किया जाएगा.

इस तरह देश के पहले वोटर बने थे श्याम शरण

श्याम शरण नेगी के देश के पहले मतदाता बनने वाली कहानी बेहद रोचक है. ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद भारत में वर्ष 1952 में पहले आम चुनाव हुए थे.

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू चाहते थे कि भारत के जनजातीय इलाके भी आम चुनाव में हिस्सा लें. चूंकि जनजातीय इलाकों में बर्फबारी के कारण आवागमन अवरुद्ध हो जाता है, लिहाजा इन इलाकों में भारत के अन्य हिस्सों से पहले ही मतदान का फैसला लिया गया था.

देश भर के जनजातीय इलाकों में सबसे पहले हिमाचल के किन्नौर इलाके को ही चुना गया. उस समय किन्नौर में श्याम शरण नेगी को पोलिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी निभानी थी. उस समय सुविधाओं और संसाधनों की कमी थी. साथ ही किन्नौर का इलाका भी दुर्गम था. मतपेटी तो थी नहीं, ऐसे में श्याम शरण नेगी ने टीन के कनस्तर को मतपेटी का रूप दिया.

first voter of india shyam saran negi, श्याम शरण नेगी
आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी. फाइल

अब मतदान की बारी थी. स्थितियां ऐसी थीं कि कोई भी व्यक्ति मतदान के लिए मौजूद नहीं था, तो श्याम शरण नेगी ने ही सबसे पहले मतदान किया. यह 25 अक्टूबर 1951 की बात थी. खुद वोट डालने के बाद श्याम शरण नेगी ने महीने भर पूरे कबायली इलाके में घूम-घूम कर लोगों को मतदान का महत्व समझाया और उनसे मतदान करवाया. उनके इस प्रयास को देश भर में सराहना मिली थी.

ये भी पढ़ेंः कभी राजाओं की शान था ये किला, अब टूरिस्ट ले रहे यहां राजपूताना लाइफस्टाइल का मजा

भारत में लोकतंत्र की मजबूती और मतदान को लेकर श्याम शरण के योगदान पर उन्हें कई बार सम्मानित किया गया. उन पर भारत के चुनाव आयोग ने बेहद भावुक डॉक्यूमेंटरी भी तैयार की है, जिसे अब तक यू-ट्यूब पर लाखों लोग देख चुके हैं.

हर चुनाव में वोट डालने के लिए पहुंचने वाले नेगी लोकतंत्र में भारतीय आस्था के प्रतीक बन चुके हैं. उन्हें मतदान केंद्र तक लाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी खास वाहन का इंतजाम करते हैं. साथ ही रेड कारपेट भी बिछाया जाता है.

पंचायती राज चुनाव में मतदान को लेकर उत्साहित

श्याम शरण नेगी 103 साल के हो गए हैं. उम्र के इस पड़ाव में भी वे मतदान को लेकर काफी उत्साहित हैं. 1951 में पहली बार लोकतंत्र के महापर्व में आहुती डाले उन्हें 69 साल का समय बीत चुका है. इतन सालों में एक भी ऐसा चुनाव नहीं गया जिसमें मास्टर श्याम शरण नेगी ने वोट डालना मिस किया हो.

first voter of india shyam saran negi, श्याम शरण नेगी
आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी. फाइल

अबकी बार भी हिमाचल में जनवरी महीने में होने वाले पंचायती राज चुनाव में अपने मत का प्रयोग करने को लेकर श्याम शरण नेगी फिर तैयार हैं. मतदान को लेकर उनमें आज भी वही ऊर्जा है जो इससे पहले वाले चुनावों के दौरान रही थी.

103 की उम्र उनकी आंखों में दिखना कम और घुटने दुखते जरूर हैं, लेकिन उनका हौसला किसी नौजवान से कम नहीं है. ईटीवी भारत की टीम जब उनके निवास स्थान कल्पा पहुंची तो ये देखकर अचंभित रह गई कि नेगी जी आज भी अपने अधिकतर कार्य खुद करते हैं. उनकी लोगों को पहचानने की क्षमता और समाज को लेकर सोच आश्चर्यचकित कर देने वाली है.

नई पंचायतों के गठन से खुश हैं श्याम शरण नेगी

मास्टर जी से जब पंचायत चुनाव को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे रोजाना रेडियो के माध्यम से चुनावी हलचल के बारे में जानकारी ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे इस बात से खुश हैं कि जिले में नई पंचायतों का गठन हुआ है, जिले में जितनी पंचायतें होंगी उनका विकास भी उतना ही होगा.

first voter of india shyam saran negi, श्याम शरण नेगी
श्याम शरण नेगी, फाइल

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग किसी भी हालात में अपने मत का प्रयोग करना ना भूलें. उन्होंने कहा कि देश की कायाकल्प बदलने में जनता का सबसे बड़ा हाथ रहता है और जनता जब अपने मत का प्रयोग करेगी और सही जनप्रतिनिधि चुनेगी तभी देश, प्रदेश व गांव का विकास होगा.

नेगी जी ने लोगों को इस दौरान सावधानी बरतने की भी सलाह दी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग चुनाव के दौरान अपना उल्लू सीधा करने के लिए भी अपनी दावेदारी पेश कर गांव के विकास में रोग लगाने आते हैं. ऐसे व्यक्ति को अपना वोट देने से परहेज करना चाहिए, अन्यथा गांव का विकास रूक जाता है.

लोकसभा-राज्यसभा से बढ़कर है पंचायती राज का चुनाव

पंचायती राज चुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए श्याम शरण नेगी ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा से भी बढ़कर पंचायती राज चुनाव होते हैं. इसमें लोगों को मतदान करना चाहिए, क्योंकि इसी से गांव से लेकर देश का विकास होता है. सरकार गांवों के विकास के लिए सैकड़ों करोड़ों की राशि जारी करती है, अगर पंचायत का प्रतिनिधि सही नहीं होगा तो वो धनराशि विकास कार्यों पर सही खर्च नहीं होती, जिससे कई क्षेत्र पिछड़ जाते हैं.

ऐसे में इस पंचायतीराज चुनावों में हर व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्रों में सही जनप्रतिनिधियों को चुनकर लाए, ताकि गांव की समस्याओं के साथ-साथ गांव के विकास की सही रूपरेखा तैयार की जा सके. इससे गांव में विकास होगा.

first voter of india shyam saran negi, श्याम शरण नेगी
आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी. फाइल

युवाओं को मिले मौका

उन्होंने कहा कि आज का भारत पढ़े-लिखे युवाओं का देश है और देश के हर काम में युवाओं को मौका देना चाहिए. पंचायत चुनाव में भी पढ़े-लिखे, ईमानदार व अपने बुजुर्गों की इज्जत करने वाले युवाओं को चुनावी मैदान में उतरना चाहिए.

युवाओं को चुनावी मैदान में उतरकर गांव अपने क्षेत्र के साथ-साथ देश के विकास में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए, क्योंकि युवाओं में नई ऊर्जा के साथ काम करने की क्षमता अधिक होती है. श्याम शरण नेगी ने बड़े-बुजुर्गों से भी अपील की है कि वे युवाओं को मौका दें जिससे वे अपनी ऊर्जा से दोगूना काम कर सकें.

अबकी बार हर हाल में करूंगा मतदान

बता दें कि कुछ दिन पहले श्याम शरण नेगी जी की तबीयत थोड़ी नासाज चल रही थी, लेकिन अब उनकी हालत में काफी सुधार हुआ है. वे भोजन इत्यादि समय पर कर रहे हैं जिससे उनकी तबीयत अच्छी हो गई है. उन्होंने कहा कि इस बार के पंचायत चुनाव में वे मतदान जरूर करेंगे चाहे कितनी भी कठिनाइयां रहें.

ये भी पढ़ेंः शिमला में दिखेगी हिमाचली संस्कृति की झलक, बनाई जा रही हैं पेंटिंग्स

Last Updated : Jan 16, 2021, 8:02 PM IST
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