किन्नौर: देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. उनकी आंखों की रोशनी कम हुई है और कान में भी दर्द रहता है. ऐसे में हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 के लिए उनके हौसले बुलंद हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से उनके स्वास्थ्य को लेकर ख्याल रखा जा रहा है. अब वे 12 नवंबर के बजाय आज फॉर्म 12D पर ही अपने मत का प्रयोग घर पर करेंगे. इस दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी आबिद हुसैन रिटर्निंग अधिकारी शशांक गुप्ता व अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहेंगे. (Shyam Saran Negi will vote today)
मतदान के लिए उत्साहित: देश के प्रथम मतदाता 1951 के बाद पहली बार अपने घर से अपने मत का प्रयोग करेंगे. यह क्षण भी देश वासियों के लिए अहम होगा. ऐसी अवस्था में वे अपने मत के प्रयोग के लिए उत्साहित है. देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी के बेटे सीपी नेगी ने बताया कि श्याम सरन नेगी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. उनके कान में दर्द व आंखों की रौशनी कम हुई. ऐसे मे उन्होंने इस बात को प्रशासन के समक्ष रखा. जिसके बाद अब प्रशासन उनके घर पर आकर उनके पिता श्याम सरन नेगी के मतदान की प्रक्रिया को पूरा करेंगे. (First Voter Shyam Saran Negi)
प्रशासन जाएगा आज घर: जिला निर्वाचन अधिकारी आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि देश के प्रथम मतदाता मास्टर श्याम सरन नेगी के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए उन्हें घर पर ही मतदान करने के लिए प्रशासन उनके घर -द्वार जाएगा और फॉर्म नंबर 12 D पर वे आज अपने मत का प्रयोग करेंगे.(Country first voter Master Shyam Saran Negi)
कैसे बने प्रथम मतदाता: देश में फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ, लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के कारण 25 अक्टूबर 1951 में ही चुनाव हो गए. चुनाव के समय श्याम सरन नेगी किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे और चुनाव में उनकी ड्यूटी लगी थी. उन्हें मतदान का काफी उत्साह था. उनकी ड्यूटी शौंगठोंग से मूरंग तक थी, जबकि उनका वोट कल्पा में था, इसलिए उन्होंने सुबह मतदान कर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी. वह सुबह मतदान स्थल पर पहुंच गए, लेकिन छह बजकर 15 मिनट पर मतदान ड्यूटी पार्टी पहुंची. (Who is the first voter of India) (Shyam Saran Negi is alive or not)
ये भी पढ़ें : 1951 में कल्पा में डाला था वोट, सुनें देश के पहले मतदाता की कहानी उन्हीं की जुबानी