किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में करीब 10 दिनों से जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं. जिला के निचार खंड के रुंनग, सांगला के छितकुल, कल्पा के पंगी व तेलंगी व पूह खंड के रिब्बा के जंगलों में इन दिनों आग की लपटों में सैकड़ों पेड़ आग की भेंट चढ़ चुके हैं. साथ ही जंगल के जड़ीबूटियों को भी आग ने अपने आगोश में लिया है.
इस बारे में डीसी किन्नौर गोपालचन्द ने कहा कि जिला किन्नौर में लगातार जंगलों में आग लगने की घटना सामने आ रही हैं. जिसपर वन विभाग को इस आगजनी के कारण के साथ आग बुझाने के निर्देश दिए हैं और वन विभाग के कर्मी व जिला के विभिन्न जंगलों में लगे आग पर स्थानीय लोग भी वन विभाग की आग बुझाने के लिए मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला के कई ऐसे जंगल हैं, जहां पर पैदल मार्ग काफी कठिन भी है. ऐसे में वन विभाग और लोगों को आग बुझाने में दिक्कतें आ रही हैं.
बता दें कि जिला किन्नौर में इस साल बारिश नहीं हुई. जिसके कारण जंगल सूखे पड़े हुए थे और ऐसे में हल्की आग की लपटों में भी आग लगने की संभावना बनी रहती है. इस डीसी किन्नौर ने अपील करते हुए कहा कि जिला के सभी लोग जंगलों में आग जलाने से बचें और इन दिनों जिला में सूखे का माहौल है.
ऐसे में जंगलों में कुछ भेड़पालक अपने खाने पीने के प्रबंध के दौरान आग जलाते हैं, जिस कारण व आग बुझाना भूल जाते हैं और हवा के तेज बहाव से जंगलों में आग लग जाती है.
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