किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में इस वर्ष पूरे 7 महीने बारिश नहीं हुई थी, जिससे किसानों की पहली फसल राजमाह, मटर, कोदा ओगला, फाफड़ा,इत्यादि के सूखने से जिला के किसानों को अपनी फसल बटोरने का अवसर नहीं मिला. केवल नाममात्र फसल के साथ इस वर्ष बिना बारिश के कई दिक्कतें सामने आई हैं.
वहीं, नवंबर माह में जिला के किसान गेहूं व न्यार नामक फसल की बिजाई करते हैं, जिसके लिए समय रहते बर्फबारी हुई है और मौसम भी किसानों के अनुकूल चला हुआ है, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं.
नवंबर में होने वाली फसल की बिजाई के लिए नमी जरूरी
इस विषय में जिला किसान मोर्चा के अध्यक्ष बलकार नेगी ने कहा कि किन्नौर में इस वर्ष किसानों की फसल बिना बारिश के कारण सूखे में खत्म हो गई थी. केवल नाममात्र फसल के साथ किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन नवंबर माह में भी जिला किन्नौर में कई ऐसी फसल है, जिसकी बिजाई की जाती है. इसमें गेहूं, लोकल मटर इत्यादि की बिजाई की जाती है, जिसके लिए जमीन में नमी की खासी आवश्यकता रहती है.
खेतों में बिजाई कर रहे हैं किसान
जिला में नवंबर माह से अब तक करीब दो बार बर्फबारी हुई है, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. इसके चलते इस वर्ष में शुरुआती दौर के फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए अब आने वाली फसल से पूरा करने के लिए किसानों ने तैयारी कर ली है और जिला के विभिन्न क्षेत्रों में इन दिनों किसान अपने खेतों में अनाज की बिजाई कर रहे है.
बर्फबारी से किसान खुश
बलवीर नेगी ने कहा कि ऐसे मौसम का इंतजार जिला के किसानों को लंबे समय से था, जिससे खेतों में बीजी गई फसल अगले वर्ष के लिए अच्छे से तैयार होगी. साथ ही जिला के बागवानों के लिए भी अगले वर्ष तक खेतों में नमी होने से सेब के बगीचों समेत फसल में सिंचाई की आवश्यकता नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि जिला में सुबह शाम मौसम हल्का खराब रहता है, लेकिन दिन के समय मौसम ठीक रहता है, जो किसानों व बागवानों के लिए अच्छे संकेत हैं.