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किन्नौर में भारी हिमपात के साथ ग्लेशियर गिरने का खतरा, प्रशासन ने जारी किया अलर्ट - ग्लेशियर गिरने का खतरा

किन्नौर में 9 फरवरी को भारी हिमपात (snowfall in kinnaur) के साथ-साथ ग्लेशियर गिरने का अनुमान मौसम विभाग केंद्र शिमला (Meteorological Department Shimla) ने लगाया है. ऐसे में जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. साथ ही स्थानीय लोगों और सैलानियों से अपील की है कि ऊंचाई वाले इलाकों और नदी-नालों से दूर रहें.

snowfall in kinnaur
किन्नौर में ग्लेशियर गिरने का खतरा.
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Published : Feb 8, 2022, 12:54 PM IST

किन्नौर: जिले में 9 फरवरी को भारी हिमपात (snowfall in kinnaur) के साथ-साथ अब ग्लेशियर के गिरने का खतरा भी हो सकता है. जिला प्रशासन ने खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी किया है. साथ ही स्थानीय लोगों और यहां आए सैलानियों से सतर्क रहने की अपील की है. बता दें कि फरवरी से अप्रैल माह तक जिले के नदी-नालों व पहाड़ियों पर ग्लेशियर गिरने का सबसे अधिक खतरा बना रहता है.

डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 9 फरवरी को भारी हिमपात के साथ-साथ ग्लेशियर गिरने (Danger of glacier collapse) का अनुमान मौसम विभाग केंद्र शिमला (Meteorological Department Shimla) द्वारा लगाया गया है. उन्होंने कहा कि किन्नौर में अब नदी-नालों समेत पहाड़ों से ग्लेशियर गिरने की संभावना बनी हुई है. ऐसे मे स्थानीय लोगों समेत पर्यटक ऊंचाई वाले क्षेत्रों समेत नदी-नालों समीप न जाए. खासकर जिले के पागल नाला, रल्ली नाला, भगत नाला, सांगला, छितकुल के आसपास वाले नालों में जाने से परहेज करें. क्योंकि इन सभी नालों में हर साल ग्लेशियर गिरते हैं. ऐसे में लोग एहतियात बरतें, ताकि किसी भी तरह का नुकसान न हो.

किन्नौर में ग्लेशियर गिरने का खतरा.


बता दें कि किन्नौर में फरवरी माह के बाद लगातार ग्लेशियर गिरने के अलावा पहाड़ों से चट्टान खिसकने, भूस्खलन होने का सिलसिला जारी रहता है, जिसमें लोगों के जान-माल का नुकसान भी हो सकता है. जिले में 6 व 7 फरवरी को करछम, टापरी, चोलिंग मे पहाड़ों से चट्टान गिरने से दो लोगों को गंभीर छोटे भी आई हैं. ऐसे मे प्रशासन बर्फबारी से पूर्व ही लोगों को अलर्ट कर रहा है.

ये भी पढ़ें: दुखद! किन्नौर में गहरी खाई में गिरी कार, तीन लोगों की मौके पर मौत

किन्नौर: जिले में 9 फरवरी को भारी हिमपात (snowfall in kinnaur) के साथ-साथ अब ग्लेशियर के गिरने का खतरा भी हो सकता है. जिला प्रशासन ने खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी किया है. साथ ही स्थानीय लोगों और यहां आए सैलानियों से सतर्क रहने की अपील की है. बता दें कि फरवरी से अप्रैल माह तक जिले के नदी-नालों व पहाड़ियों पर ग्लेशियर गिरने का सबसे अधिक खतरा बना रहता है.

डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 9 फरवरी को भारी हिमपात के साथ-साथ ग्लेशियर गिरने (Danger of glacier collapse) का अनुमान मौसम विभाग केंद्र शिमला (Meteorological Department Shimla) द्वारा लगाया गया है. उन्होंने कहा कि किन्नौर में अब नदी-नालों समेत पहाड़ों से ग्लेशियर गिरने की संभावना बनी हुई है. ऐसे मे स्थानीय लोगों समेत पर्यटक ऊंचाई वाले क्षेत्रों समेत नदी-नालों समीप न जाए. खासकर जिले के पागल नाला, रल्ली नाला, भगत नाला, सांगला, छितकुल के आसपास वाले नालों में जाने से परहेज करें. क्योंकि इन सभी नालों में हर साल ग्लेशियर गिरते हैं. ऐसे में लोग एहतियात बरतें, ताकि किसी भी तरह का नुकसान न हो.

किन्नौर में ग्लेशियर गिरने का खतरा.


बता दें कि किन्नौर में फरवरी माह के बाद लगातार ग्लेशियर गिरने के अलावा पहाड़ों से चट्टान खिसकने, भूस्खलन होने का सिलसिला जारी रहता है, जिसमें लोगों के जान-माल का नुकसान भी हो सकता है. जिले में 6 व 7 फरवरी को करछम, टापरी, चोलिंग मे पहाड़ों से चट्टान गिरने से दो लोगों को गंभीर छोटे भी आई हैं. ऐसे मे प्रशासन बर्फबारी से पूर्व ही लोगों को अलर्ट कर रहा है.

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