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किन्नौर में आफत की बारिश! कभी फट रहे बादल, कहीं बाढ़ तो कहीं भूस्खलन, अब तक करोड़ों की संपत्ति का नुकसान

जनजातीय जिला किन्नौर में लगातार हो रही बरिश लोगों के लिए मुसिबत का सबब बनी हुई है. आए दिनों हो रही बारिश के चलते कहीं बाढ़ तो कही बादल फट (Cloudburst in Kinnaur) रहे हैं. जिससे अब तक करोड़ों का नुकसान हो चुका है. मंगलवार को भी किन्नौर में बारिश के चलते कई जगह बाढ़ आई और बादल भी फटे. प्रशासन की ओर से सभी जगह राहत और बचाव कार्य जारी है. पढ़ें पूरी खबर...

किन्नौर में आफत की बारिश
किन्नौर में आफत की बारिश
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Published : Jul 20, 2022, 11:33 AM IST

Updated : Jul 20, 2022, 1:53 PM IST

किन्नौर: हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश लोगों पर कहर बनकर बरस रही है. आए दिन जगह-जगह भूस्खलन से लेकर बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. जनजातीय जिला किन्नौर की बात करें तो बीते एक हफ्ते से यहां लगातार बारिश हो रही है. बारिश के चलते कभी नालों में बाढ़, कभी भूस्खलन तो कभी बादल फट (Cloudburst in Kinnaur) रहे हैं. बीते दो दिनों से लगातार किन्नौर में जगह-जगह बादल फट रहे हैं. आलम यह है कि एक ही जगह बार-बार बाढ़ आ रही है और बादल भी फट रहे हैं.

ऐसा ही कुछ शलखर और चागो पंचायत में भी हुआ. सोमवार को शलखर और चागो पंचायत में बादल फटा था. जिससे लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ है. मंगलवार को ग्रामीण राहत कार्य में जुटकर नुकसान का आंकलन कर ही रहे थे कि बारिश ने एक बार फिर अपना कहर बरपाया. मंगलवार शाम लियो गांव की पहाड़ियों पर बादल फटने से लियो नाले मे बाढ़ आ गई. बाढ़ का पानी सीधे लोगों के घरों में घुस गया. इतना ही नहीं नाको गांव में बारिश के साथ ओले गिरने से सेब और मटर की फसल को भी भारी (Crops damaged due to rain in kinnaur) नुकसान हुआ है.

किन्नौर में बारिश से जगह-जगह नुकसान.

वहीं, प्रशासन की ओर से इस सभी क्षेत्रों में होमगार्ड और पुलिस जवानों को भेज दिया गया है. जहां राहत और बचाव कार्य जारी है. कई जगह बाढ़ और भूस्खलन से सड़क बंद हो गई हैं. ऐसे में उन्हें भी बहाल किया जा रहा है. वहीं बारिश से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए अधिकारियों को भी मौके पर भेजा गया है. वहीं, बारिश के अलर्ट को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी है.

सड़कें अवरुद्ध होने से फसलें फंसी: किन्नौर के कई क्षेत्रों में सड़कें अवरुद्ध होने से किसानों की फसलें फंस गई हैं. बारिश के चलते सेब के बगीचों और मटर के खेती को नुकसान हुआ है. हांगरंग उपतहसील के तहत चुलिंग गांव के समीप बादल फटने से आई बाढ़ के चलते चुलिंग-हांगो सम्पर्क मार्ग अवरुद्ध हुआ है. सड़क बंद होने से चुलिंग और हांगो गांव में मटर के 600 कट्टे पिकअप में ऐसे ही पड़े हुए हैं, जिन्हें मंडी तक पहुंचाया जाना था.

सड़कें अवरुद्ध होने से फसलें फंसी.

एडीएम पूह सुरेन्द्र सिंह राठौर ने बताया कि जिला के हांगरग घाटी के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश के चलते बाढ़ आई है. इसी प्रकार बीते कल और आज चुलिंग और हांगो गांव के नालों में बाढ़ आने से गांव की सड़क अवरुद्ध हुई है. ऐसे मे ग्रामीणों की मटर की फसल वहीं फंस गई है. उन्होंने कहा कि मटर की फसल जल्द मंडियों तक पहुंचे इसके लिए प्रशासन सड़क बहाली के कार्य में जुटा हुआ है. जल्द सड़क बहाल कर दी जाएगी.

बता दें कि हिमाचल में मानसून (Monsoon in Himachal) की बारिश लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. आए दिन भारी बारिश (Weather in Himachal) के चलते जगह-जगह बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने (Cloud burst in Himachal) जैसे हादसे पेश आ रहे हैं. पिछले महिने ही कुल्लू की मणिकर्ण और मलाणा घाटी (Cloud burst in Kullu) में बादल फटने से काफी नुकसान हुआ था. जबकि इसी महिने बिलासपुर में भी बादल फटने से घरों को नुकसान पहुंचा था. वहीं, बीते मंगलवार को मनाली और किन्नौर में हुई भारी बारिश ने खुब कहर बरपाया.

किन्नौर: हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश लोगों पर कहर बनकर बरस रही है. आए दिन जगह-जगह भूस्खलन से लेकर बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. जनजातीय जिला किन्नौर की बात करें तो बीते एक हफ्ते से यहां लगातार बारिश हो रही है. बारिश के चलते कभी नालों में बाढ़, कभी भूस्खलन तो कभी बादल फट (Cloudburst in Kinnaur) रहे हैं. बीते दो दिनों से लगातार किन्नौर में जगह-जगह बादल फट रहे हैं. आलम यह है कि एक ही जगह बार-बार बाढ़ आ रही है और बादल भी फट रहे हैं.

ऐसा ही कुछ शलखर और चागो पंचायत में भी हुआ. सोमवार को शलखर और चागो पंचायत में बादल फटा था. जिससे लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ है. मंगलवार को ग्रामीण राहत कार्य में जुटकर नुकसान का आंकलन कर ही रहे थे कि बारिश ने एक बार फिर अपना कहर बरपाया. मंगलवार शाम लियो गांव की पहाड़ियों पर बादल फटने से लियो नाले मे बाढ़ आ गई. बाढ़ का पानी सीधे लोगों के घरों में घुस गया. इतना ही नहीं नाको गांव में बारिश के साथ ओले गिरने से सेब और मटर की फसल को भी भारी (Crops damaged due to rain in kinnaur) नुकसान हुआ है.

किन्नौर में बारिश से जगह-जगह नुकसान.

वहीं, प्रशासन की ओर से इस सभी क्षेत्रों में होमगार्ड और पुलिस जवानों को भेज दिया गया है. जहां राहत और बचाव कार्य जारी है. कई जगह बाढ़ और भूस्खलन से सड़क बंद हो गई हैं. ऐसे में उन्हें भी बहाल किया जा रहा है. वहीं बारिश से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए अधिकारियों को भी मौके पर भेजा गया है. वहीं, बारिश के अलर्ट को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी है.

सड़कें अवरुद्ध होने से फसलें फंसी: किन्नौर के कई क्षेत्रों में सड़कें अवरुद्ध होने से किसानों की फसलें फंस गई हैं. बारिश के चलते सेब के बगीचों और मटर के खेती को नुकसान हुआ है. हांगरंग उपतहसील के तहत चुलिंग गांव के समीप बादल फटने से आई बाढ़ के चलते चुलिंग-हांगो सम्पर्क मार्ग अवरुद्ध हुआ है. सड़क बंद होने से चुलिंग और हांगो गांव में मटर के 600 कट्टे पिकअप में ऐसे ही पड़े हुए हैं, जिन्हें मंडी तक पहुंचाया जाना था.

सड़कें अवरुद्ध होने से फसलें फंसी.

एडीएम पूह सुरेन्द्र सिंह राठौर ने बताया कि जिला के हांगरग घाटी के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश के चलते बाढ़ आई है. इसी प्रकार बीते कल और आज चुलिंग और हांगो गांव के नालों में बाढ़ आने से गांव की सड़क अवरुद्ध हुई है. ऐसे मे ग्रामीणों की मटर की फसल वहीं फंस गई है. उन्होंने कहा कि मटर की फसल जल्द मंडियों तक पहुंचे इसके लिए प्रशासन सड़क बहाली के कार्य में जुटा हुआ है. जल्द सड़क बहाल कर दी जाएगी.

बता दें कि हिमाचल में मानसून (Monsoon in Himachal) की बारिश लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. आए दिन भारी बारिश (Weather in Himachal) के चलते जगह-जगह बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने (Cloud burst in Himachal) जैसे हादसे पेश आ रहे हैं. पिछले महिने ही कुल्लू की मणिकर्ण और मलाणा घाटी (Cloud burst in Kullu) में बादल फटने से काफी नुकसान हुआ था. जबकि इसी महिने बिलासपुर में भी बादल फटने से घरों को नुकसान पहुंचा था. वहीं, बीते मंगलवार को मनाली और किन्नौर में हुई भारी बारिश ने खुब कहर बरपाया.

Last Updated : Jul 20, 2022, 1:53 PM IST
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