किन्नौर: राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ की कोठी, कल्पा और दूनी पंचायत के 18 युवक-युवतियों ने रक्तदान किया. इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुधीर सिंह ने रक्तदान के महत्व के बारे में बताया.
डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि किसी व्यक्ति द्वारा किया गया रक्तदान खून की कमी से जूझ रहे मरीजों व खासकर दुर्घटना में घायल हुए व्यक्तियों को नया जीवन देने में सहायक सिद्व होता है. इसलिए रक्तदान को महा दान भी कहा जाता है. डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो वह रक्तदान कर सकता है.
उन्होंने कहा कि रक्तदान करने वाले के स्वास्थ्य पर कोई भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है. रक्तदान करने से स्वयं रक्तदाता को भी अनेक संक्रामक बीमारियों का पता चलता है क्योंकि रक्तदान से पूर्व रक्त दाता की खून की जांच की जाती है. इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी किन्नौर डॉ. सोनम नेगी ने जिले के युवाओं से अपनी इच्छा से रक्तदान करने के लिए आगे आने का आग्रह किया.
चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोनम नेगी ने इस अवसर पर सभी रक्तदाताओं को स्वास्थ्य विभाग कि ओर से डोनर कार्ड व प्रशस्ति प्रत्र देकर सम्मानित किया. कल्पा की प्रियान्शु, दिव्या नेगी व प्रितिका ने पहली बार रक्तदान किया जबकि जानमे जय 11 बार और शुभम ने अब तक 6 बार रक्तदान किया है.
पढ़ें: शिवसेना के मुखपत्र सामना में सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्विनी कुमार की मौत पर उठाए सवाल