धर्मशालाः विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले रविवार को विधानसभा भवन का निरीक्षण किया. इस दौरान विधानसभा में अध्यक्ष ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का भी विधिवत शुभारंभ किया.
बता दें कि तपोवन स्थित विधानसभा भवन में 9 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए विधायकों की ओर से अभी 302 तारांकित प्रश्न और 94 अतारांकित प्रश्न आ चुके हैं. ई-विधान के चलते विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रश्नों की संख्या बढ़ी है.
डॉ. बिंदल ने कहा कि सदन की चर्चा में प्रतिपक्ष भाग लेगा तो लाभ जरुर होगा. वाकआउट करना और मुद्दे उठाना प्रतिपक्ष का अधिकार है, लेकिन फिर भी हमारा आग्रह रहेगा कि प्रतिपक्ष सदन में ज्यादा समय रहकर चर्चा में भाग लें. वहीं, 36 स्थगित प्रश्नों में से 25 तारांकित और 11 अतारांकित हैं.
डॉ. बिंदल ने कहा कि नियम-62 के तहत चर्चा के लिए 6 नोटिस आए हैं, नियम-130 के तहत 13 मामले चर्चा के लिए आए हैं. नियम-101 के तहत 5 सूचनाएं और नियम 324 के तहत 3 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं. बिंदल ने कहा कि दो नवनिर्वाचित विधायक भी पहली बार शीतकालीन सत्र में भाग लेंगे, जिससे सदन में नवीनता रहेगी. सभी प्रश्न टेबल होंगे और उनके उत्तर भी टेबल होंगे.
बता दें कि तपोवन में शीतकालीन सत्र के दौरान धारा-118, इन्वेस्टर्स मीट सहित अन्य मुद्दों पर सदन के गरमाने की पूरी संभावना हैं. विधानसभा सदस्यों ने प्रश्नों के जरिए इन मुद्दों को उठाया है. विधायकों द्वारा जो प्रश्न लगाए गए हैं, उनमें मुख्यत: सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, रिक्त पदों, पेयजल आपूर्ति, इन्वेस्टर मीट, परिवहन संबंधी प्रश्न हैं. वहीं, सदस्यों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं को भी प्रश्नों के जरिए उजागर किया है.
ऐसे में स्पष्ट है कि विपक्ष उक्त मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार पर विपक्ष इन्वेस्टर मीट पर लगातार सवाल उठाए जा रहा है. वहीं, धारा 118 को लेकर भी विपक्ष आए दिन बयानबाजी करता रहा है. इसके अतिरिक्त प्रदेश के सरकारी विभागों, स्कूलों व कालेजों में रिक्त पदों पर भी विपक्ष द्वारा प्रश्न उठाए जा रहे हैं.
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने आशा जताई कि प्रदेश सरकार सभी प्रश्नों का बखूबी जवाब देगी. उन्होंने कहा कि पक्ष व विपक्ष से आग्रह रहेगा कि सत्र के संचालन में रचनात्मक सहयोग दें. सदन ही लोगों की समस्याओं को उठाने व उनके समाधान का सर्वोत्तम स्थान है और इसका इस्तेमाल सदस्यों द्वारा जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सदस्य नियमानुसार चर्चा में भाग लें तथा सदन के समय का सार्थक चर्चाओं हेतू सदुपयोग करें.