शिमला: 2022 में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस ने युवाओं को रोजगार का वादा किया था. व्यवस्था परिवर्तन का नारा प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई और चुनाव प्रचार के दौरान पहली कैबिनेट में ही एक लाख नौकरियों का वादा अब भी वादा ही है. आलम ये है कि विपक्ष करीब दो साल बाद भी इसी मोर्चे पर कांग्रेस सरकार को घेरता है. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक प्रदेश के युवा रोजगार की मांग कर रहे हैं और उधर प्रदेश में कुछ पद ऐसे हैं जो सैंकड़ों की संख्या में सृजित तो किए गए हैं लेकिन इन्हें भरा नहीं गया है. यही वजह है कि सड़क से सोशल मीडिया तक युवाओं का गुबार फूट रहा है.
JOA (लाइब्रेरी) के 99% पद खाली, सिर्फ 4 पद भरे
दरअसल बीते दिनों हुए हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पच्छाद से बीजेपी विधायक रीना कश्यप ने प्रदेश में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (लाइब्रेरी) को लेकर सवाल किया था. बीजेपी विधायक ने पूछा था कि प्रदेश में JOA (लाइब्रेरी) के कितने पद सृजित हैं और ये पद कब सृजित किए गए थे. साथ ही विधायक ने पूछा कि 31 जुलाई 2024 तक इनमें से कितने पद भरे गए, कितने खाली पड़े हैं और इन खाली पदों को कब तक भरा जाएगा.
जवाब में सरकार ने कहा कि प्रदेश में जेओए (लाइब्रेरी) के 771 पद सृजित हैं. सहायक पुस्तकाध्यक्षों के 771 रिक्त पदों को 31-08-2020 की अधिसूचना के मुताबिक नए कैडर जेओए (लाइब्रेरी) में परिवर्तित किया गया था. सरकार ने अब तक 771 पद स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 31-07-2024 तक सिर्फ 4 पद भरे गए हैं जबकि 767 पद रिक्त हैं. वर्तमान में शिक्षा विभाग में अध्यापक और गैर अध्यापक वर्गों के सभी पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है. जेओए (लाइब्रेरी) के कितने पद भरे जाने हैं इस पर निर्णय विभागीय स्तर पर शुरू हुई प्रक्रिया पर सरकार की ओर से अंतिम निर्णय लिये जाने के उपरान्त लिया जाएगा.
शिक्षा विभाग में खाली अन्य पद
वहीं प्रदेश में टीजीटी, डीपीई और कला अध्यापक कॉडर के शिक्षकों के स्वीकृत और रिक्त पदों का ब्यौरा भी सरकार की ओर से उपलब्ध करवाया गया था. स्कूलों में कला अध्यापकों, टीजीटी, डीपीई के कई पद खाली चल रहे हैं. इसके बाद भी सरकार अब तक इन पदों को नहीं भर पाई है.
पद का नाम | स्वीकृत पद | रिक्त पद |
टीजीटी | 16623 | 1239 |
एलटी | 3193 | 238 |
डीपीई | 1576 | 110 |
कला अध्यापक | 4479 | 1567( इसमें केवल 686 पद ही रिक्त हैं. 881 पद राजकीय माध्यमिक पाठशालाओं में पूल में रखे गए हैं |
शिक्षित बेरोजगार संघ का प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना
बता दें कि शुक्रवार को प्रदेश में शिक्षित बेरोजगार संघ ने प्रदेश भर में सुक्खू सरकार के खिलाफ धरना दिया था. हिमाचल प्रदेश बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. बालकृष्ण ने कहा, "वर्तमान की कांग्रेस सरकार में 2 सालों में अब तक 10 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है. कैबिनेट से 6500 पद सृजित किए गए हैं, लेकिन उनको भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.".
वहीं, शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष प्रिंस शर्मा ने कहा था कि, "प्रदेश सरकार की मुख्य गारंटियों में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही गई थी. लेकिन अब तक सरकार ने उस पर कोई कदम नहीं उठाया. सरकार के राज्य चयन आयोग के गठन का फैसला स्वागत योग्य है. लेकिन यह नाम मात्र ही है और अभी तक उनसे कोई भर्तियां नहीं की गई है. बेरोजगारी की दर प्रदेश में 2021 में साढ़े तीन दशमलव तीन प्रतिशत थी, जो अब चार दशमलव चार प्रतिशत हो गई है.