पालमपुर/कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन अध्यक्ष त्रिलोक कपूर की अध्यक्षता में जिला कांगड़ा व चम्बा के सभी विभागीय अधिकारियों/ कर्मचारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की गई. बैठक में घुमन्तु भेड़पालकों से सम्बन्धित सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई.
बैठक में सभी पशु-चिकित्सा अधिकारियों को तत्काल कांगड़ा-चम्बा के विभिन्न स्थानों पर ट्रांजिट कैम्पों के आयोजन की तैयारी पूरी करने और घुमंतु भेड़पालकों की आवाजाही शुरू होते ही इन कैंपों में भेड़पालकों को ठहराने की पूरी व्यवस्था करने के आदेश दिए गए. साथ ही इन कैम्पों को आवाजाही समाप्त होने तक भेड़पालकों को सभी प्रकार की सुविधाएं देने के आदेश दिए गए हैं.
वर्चुअल मीटिंग में पशु पालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने भेड़पालकों का एक विस्तृत डाटाबेस तैयार कर सम्बन्धित पशु चिकित्सा अधिकारियों और भेड़पालकों को उपलब्ध करवाने के बारे में निर्देश दिए, ताकि उनका आपस मे सीधा संवाद स्थापित करने मे आसानी हो.
प्रदेश वूल फैडरेशन अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने अपने सम्बोधन में सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि आने वाले माइग्रेट्री सीजन में भेड़पालकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएं. ट्रांजिट कैम्पों के माध्यम से उनकी समस्याओं का उचित निवारण किया जाए. उन्होने यह भी बताया कि पिछले कुछ सालों से भेड़पालकों के लिए इन कैम्पों का आयोजन बंद हो चुका है अब इन्हें एक बार किया शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी वर्चुअल मीटिंग का आयोजन भेड़पालकों की समस्याओं के समाधान के लिए किया जाए.
इस वर्चुअल मीटींग में सहायक निदेशक (प्रोजैक्ट) धर्मशाला डॉ. अजय कुमार सिंह, सहायक निदेशक (प्रसार) चंबा डॉ. सुजय शर्मा, सहायक निदेशक (भेड़ विकास) भरमौर डॉ. सतीश कपूर, व सहायक निदेशक (कैटल प्रौडक्शन) पालमपुर डॉ. संदीप मिश्रा के अलावा जिला कांगड़ा व जिला चंबा के सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों व पशु औषधियोजकों ने हिस्सा लिया.