कांगड़ा: नूरपुर उपमंडल के तहत आते लोधवां पंचायत के दो सगे भाई पानी में बिना हाथ-पैर हिलाए घंटों लेटे रह लेते हैं. दोनों भाई इतनी छोटी सी उम्र में तैराकी के इतने माहिर हो चुके हैं की बड़े-बड़े तैराकों को पानी पिला दें. दोनों भाई स्वीमिंग पूल में घंटो बिना हाथ पांव लेटे रहते हैं, लेकिन पानी की एक बूंद तक मूंह में नहीं जाती. राजवंश और आर्यवंश नाम के इन बच्चों के इस अद्भुत कारनामे को देखकर हर कोई हैरान हो जाता है.
इन दोनों छोटे तैराकों में से आर्यवंश तैराकी क्षेत्र में आगे बढकर ओलम्पिक में हिस्सा लेना चाहता हैं. वहीं, राजवंश का सपना भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में देश की सेवा करना है. दोनों बच्चों ने इस हुनर को सीखाने का श्रेय अपने पिता को दिया है.
माना जाता है कि प्राण निकलने के बाद ही शरीर हल्का होकर पानी के ऊपर आता है, लेकिन इन बच्चों ने अनोखी कला सीखी है, जिसमें ये बिना तैरे ही घंटो अपने आप को पानी के ऊपर रख सकते हैं.ये विधि उस समय कारगर सिद्ध होती है जब कोई इंसान समुन्द्र या गहरी नदी में फंस जाता है. एक निश्चित समय के बाद थकने के कारण इंसान डूब जाता है, लेकिन इस विधि से इंसान थकने के बाद बिना हिले आराम भी कर सकता है.
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बच्चों के पिता और ट्रेनर विकास चम्बयाल ने कहा कि ये सिर्फ एक सांस लेने और छोड़ने के बीच की कला है. जब भी इंसान सांस लेता है तो पेट में हवा भरने से शरीर हबा से भरी रबड़ ट्यूब की तरह पानी में तैरती है. जब सांस छोड़ी जाती है तो शरीर खाली होने के कारण भारी होकर डूबना शुरू हो जाता है.
विकास चम्बयाल का कहना है कि अपने आप को पानी के ऊपर रखने के लिए बराबर मात्रा में सांस लेनी और छोड़नी पड़ती है. पानी में तैरते समय उतनी ही सांस छोड़े पेट खाली न रहे और बराबर मात्रा में उतनी ही सांस फिर से अंदर लें .
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