शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करना चाहती है. जिसकी घोषणा प्रदेश सरकार ने पहले ही कर दी थी. कांगड़ा जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. जिसके जरिए कांगड़ा में नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. जिससे न सिर्फ राज्य सरकार, बल्कि प्रदेश के युवा भी लाभान्वित होंगे.
![Himachal Tourism](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-11-2023/19972427_2.jpg)
कांगड़ा में बनेगा 'पर्यटक गांव': सुखविंदर सरकार के अधिकारी ने बताया कि कांगड़ा में स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए 'पर्यटक गांव' स्थापित किया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि स्थानीय युवाओं को टूरिज्म से जोड़कर स्थायी रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं. जिससे न केवल टूरिज्म डेवलप होगा बल्कि राज्य के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी.
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बनखंडी में बनेगा बड़ा चिड़ियाघर: सरकारी अधिकारी ने बताया कि कांगड़ा में बनने वाले 'पर्यटक गांव' में स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, संगीत और अन्य चीजों को प्रदर्शित किया जाएगा. इसके साथ ही इस 'पर्यटक गांव' में स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया जाएगा. इसके तहत बनखंडी में 300 करोड़ रुपये की लागत से एक बड़ा चिड़ियाघर भी बनाया जा रहा है. 'पर्यटक गांव' के अलावा कांगड़ा में अंतरराष्ट्रीय मानकों का एक गोल्फ कोर्स भी बनाया जाएगा.
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पर्यटन स्थलों पर मौजूद होंगी ये सुविधाएं: सरकारी अधिकारी ने बताया कि शिमला में एशिया के सबसे बड़े प्राकृतिक आइस स्केटिंग रिंक को अपग्रेड करने और बर्फ विकसित करने के अलावा पर्यटन स्थलों पर इलेक्ट्रिक बसें, वाटर स्पोर्ट्स, थीम पार्क, सड़क के किनारे सुविधाएं, हाई-एंड फूड कोर्ट, विरासत स्थलों का सौंदर्यीकरण और इको-टूरिज्म जैसी आधुनिक सुविधाएं बनाई जाएंगी. इसमें मनाली में रोलर स्केटिंग रिंक को भी जोड़ा गया है.