ज्वालामुखी/कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश पुरातत्व विभाग के राज्य संग्रहालय शिमला के अध्यक्ष डॉ. हरि चौहान के साथ उनकी टीम ने मंगलवार को विश्व विख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर का दौरा किया. डॉ. हरि चौहान ने ज्वालामुखी मंदिर के पीछे पहाड़ों पर मौजूद अकबर की नहर का निरीक्षण किया. इस दौरान उनके साथ मंदिर अधिकारी एवं तहसीलदार ज्वालामुखी जगदीश शर्मा समेत मंदिर न्यास सदस्य भी मौजूद रहे.
इस अवसर पर राज्य संग्रहालय शिमला के अध्यक्ष डॉ. हरि चौहान ने शहंशाह अकबर की नहर का बारीकी के साथ अध्ययन किया. साथ ही इसके बारे में जरूरी जानकारी मंदिर अधिकारी, तहसीलदार और मंदिर न्यास के सदस्य से हासिल की.
डॉ. हरि चौहान ने कहा कि ज्वालामुखी मंदिर के पीछे पहाड़ों पर मौजूद नहर के अवशेष का अध्ययन कर लिया गया है. इसके अलावा अकबर के ज्वालामुखी आने पर भी अध्ययन किया जाएगा, इसके बाद पूरी रिपोर्ट हिमाचल प्रदेश पुरातत्व विभाग और हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग को सौंपी जाएगी. इसके बाद ही ज्वालामुखी मंदिर को रिपोर्ट मिल पाएगी.
बता दें कि ज्वालामुखी मंदिर में जल रही माता की ज्योति को बुझाने के लिए अकबर ने पहाड़ों से नहर निकाली थी. कहा जाता है कि नहर के पानी से भी मंदिर में जल रही अखंड ज्योति नहीं बुझी थी. ज्वालामुखी मंदिर एख प्रसिद्ध शक्तिपीठ है. इस मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं, लेकिन कोरोना वायरस को देखते हुए ज्वालामुखी मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद है. इस समय पुजारी ही मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं. ऐसे में आज प्रदेश पुरातत्व विभाग के राज्य संग्रहालय शिमला के अध्यक्ष डॉ. हरि चौहान ने अपनी टीम के साथ मंदिर का निरीक्षण करने पहुंचे.
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