ज्वालामुखी: विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी मन्दिर के सामान की नीलामी के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की खूब धज्जियां उड़ी. मंदिर प्रबंधन की ओर से बाहर से आए हुए लोगों की न तो यहां थर्मल स्कैनिंग हुई और न ही किसी तरह की सावधानी बरती गई. हैरत की बात यह है कि सब प्रशासन की मौजूदगी में हुआ, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बनकर यह सब देखता रहा.
वहीं, इस मामले को मन्दिर प्रशासन का तर्क है कि सभी लोगों की थर्मल स्कैनिंग के बाद ही नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई थी. मन्दिर के सामान की नीलामी को लेकर पंजाब व हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले लगभग 40 से ज्यादा व्यापारी यहां नीलामी के सामान को लेकर बोलियां लगाने के लिए पहुंचे हुए थे. नीलामी को लेकर आए हुए व्यपारियों के द्वारा यहां 10 हजार सिक्योरिटी जमा करवाई गई थी.
नीलामी प्रक्रिया के दौरान तहसीलदार और मन्दिर अधिकारी ज्वालामुखी जगदीश शर्मा सहित मन्दिर के लगभग सभी न्यास सदस्य यहां उपस्तिथत रहे. मन्दिर प्रशासन की ओर से लगभग 50 के करीब मन्दिर के सामान की नीलामी रखी गई थी. यह प्रक्रिया हर साल होती है और इसी के मद्देनजर भी इस वर्ष मन्दिर के सामान की नीलामी प्रक्रिया पूरी की गई.
मन्दिर अधिकारी व तहसीलदार जगदीश शर्मा ने कहा कि मन्दिर के सामान की नीलामी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. कोविड-19 के चलते यहां पूरी सावधानी भी बरती गई थी. लगभग सारे सामान की नीलामी हो गई है. कपड़े से सबंधित कुछ चीजें रह गई हैं, जिनकी आगामी समय में नीलामी होगी.