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भारत का नागरिकता कानून विश्व में नया नहीं, भगवान विपक्ष को सदबुद्धि दे- शांता कुमार

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा कि भारत की ओर से बनाया गया नागरिकता कानून विश्व में नया नहीं है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए विश्व में 56 देश है, लेकिन हिंदुओं के लिए पूरी दुनिया में केवल एक भारत देश है.

Citizenship law of india
भारत का नागरिकता कानून विश्व में नया नहीं: शांता कुमार.
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Published : Jan 18, 2020, 10:03 PM IST

पालमपुर: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा कि नागरिकता कानून विश्व में नया नहीं है. दुनिया के बहुत से देशों में मूल निवासियों को फिर से बसाने और नागरिकता देने के कानून बने हैं.

अमेरिका में मूल निवासी जिन्हें रेड इण्डियन कहा जाता हैं. उन्हें कभी भी वापिस आने पर नागरिकता दी जाती है. इस प्रकार का कानून ऑस्ट्रेलिया में भी है. ब्रिटेन में आइरिस लोगों के लिए विषेश कानून बना हैं. ब्राजील, ईटली, फ्रांस, जर्मन, रूस और स्पेन जैसे बहुत से देशों में ऐसे कानून हैं जिनके तहत उन देशों के मूल निवासी कभी भी अपने देश लौट सकते हैं और उन्हें नागरिकता दी जाती है. शांता कुमार ने कहा कि जापान में किसी भी देश में बसे मूल निवासी को वापिस आने के लिए एयर टिकट तक दिया जाता हैं. जापानी दुनिया के किसी भी हिस्से में रहे लेकिन अपने देश में हमेशा निशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य का भी अधिकारी होता है.

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शांता कुमार ने कहा कि कानून विश्व के सभी मुस्लिम और ईसाई देशों में इसी प्रकार के हैं. उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा कानून बनने पर विपक्ष को आपत्ति क्यों है. उन्होने कहा कि विश्व में 56 मुस्लिम देश हैं. मुस्लिम दुनिया के किसी भी देश में जा सकता है. उन्हें वहां सब प्रकार की सुविधा दी जाती है. पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि इस बात पर विषेश ध्यान दिया जाना चाहिए कि मुसलमानों के लिए विश्व में 56 देश हैं लेकिन हिंदूओं के लिए पूरी दुनिया में केवल एक भारत देश है. अगर किसी देश से पीड़ित और सताए हिंदुओं को भारत में शरण नहीं मिलेगी तो वो कहां जाएंगे.

पूर्व सांसद ने कहा कि भारत के विभाजन के समय पाकिस्तान से प्रताड़ित हिंदू भारत आने शुरू हो गए थे. उस समय महात्मा गांधी ने यह कहा था कि अगर हिंदू और सिख पाकिस्तान में नहीं रह सकते तो उन्हें भारत में नागरिकता और सम्मानपूर्वक जीवन देना भारत सरकार का प्रथम कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि पाकिस्तान में कठिनाई झेल रहे हिन्दू कभी भी भारत आ सकते हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने स्पष्ट कहा था किराजनीतिक सीमाओं के कारण हमारे भाई-बहनों को कोई कष्ट होता है तो हम उनकी सहायता करेंगे.

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मनमोहन सिंह ने कहा था कि यदि अल्पसंख्यकों को पाकिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है तो उनको नागरिकता प्रदान करना हमारी हमारी नैतिकता है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में विपक्ष नेताओं से पूछा है कि इन सब ऐतिहासिक तथ्यों के बाद भी उन्हें आंदोलन भड़काने पर शर्म नहीं आती. उन्होंने कहा कि भगवान विपक्ष को सदबुद्धि दे.

पालमपुर: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा कि नागरिकता कानून विश्व में नया नहीं है. दुनिया के बहुत से देशों में मूल निवासियों को फिर से बसाने और नागरिकता देने के कानून बने हैं.

अमेरिका में मूल निवासी जिन्हें रेड इण्डियन कहा जाता हैं. उन्हें कभी भी वापिस आने पर नागरिकता दी जाती है. इस प्रकार का कानून ऑस्ट्रेलिया में भी है. ब्रिटेन में आइरिस लोगों के लिए विषेश कानून बना हैं. ब्राजील, ईटली, फ्रांस, जर्मन, रूस और स्पेन जैसे बहुत से देशों में ऐसे कानून हैं जिनके तहत उन देशों के मूल निवासी कभी भी अपने देश लौट सकते हैं और उन्हें नागरिकता दी जाती है. शांता कुमार ने कहा कि जापान में किसी भी देश में बसे मूल निवासी को वापिस आने के लिए एयर टिकट तक दिया जाता हैं. जापानी दुनिया के किसी भी हिस्से में रहे लेकिन अपने देश में हमेशा निशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य का भी अधिकारी होता है.

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शांता कुमार ने कहा कि कानून विश्व के सभी मुस्लिम और ईसाई देशों में इसी प्रकार के हैं. उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा कानून बनने पर विपक्ष को आपत्ति क्यों है. उन्होने कहा कि विश्व में 56 मुस्लिम देश हैं. मुस्लिम दुनिया के किसी भी देश में जा सकता है. उन्हें वहां सब प्रकार की सुविधा दी जाती है. पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि इस बात पर विषेश ध्यान दिया जाना चाहिए कि मुसलमानों के लिए विश्व में 56 देश हैं लेकिन हिंदूओं के लिए पूरी दुनिया में केवल एक भारत देश है. अगर किसी देश से पीड़ित और सताए हिंदुओं को भारत में शरण नहीं मिलेगी तो वो कहां जाएंगे.

पूर्व सांसद ने कहा कि भारत के विभाजन के समय पाकिस्तान से प्रताड़ित हिंदू भारत आने शुरू हो गए थे. उस समय महात्मा गांधी ने यह कहा था कि अगर हिंदू और सिख पाकिस्तान में नहीं रह सकते तो उन्हें भारत में नागरिकता और सम्मानपूर्वक जीवन देना भारत सरकार का प्रथम कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि पाकिस्तान में कठिनाई झेल रहे हिन्दू कभी भी भारत आ सकते हैं. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने स्पष्ट कहा था किराजनीतिक सीमाओं के कारण हमारे भाई-बहनों को कोई कष्ट होता है तो हम उनकी सहायता करेंगे.

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मनमोहन सिंह ने कहा था कि यदि अल्पसंख्यकों को पाकिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है तो उनको नागरिकता प्रदान करना हमारी हमारी नैतिकता है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में विपक्ष नेताओं से पूछा है कि इन सब ऐतिहासिक तथ्यों के बाद भी उन्हें आंदोलन भड़काने पर शर्म नहीं आती. उन्होंने कहा कि भगवान विपक्ष को सदबुद्धि दे.

Intro:पालमपुर -भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं भूतपूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व सांसद, शान्ता कुमार ने कहा है कि भारत द्वारा बनाया गया नागरिकता कानून विश्व में नया नहीं है। दुनिया के बहुत से देशों में मूल निवासियों को फिर से बसाने
और नागरिकता देने के कानून बने है। अमेरिका में वहां मूल निवासी जिन्हें रैड इण्डियन कहा जाता था उन्हें कभी भी वापिस आने पर नागरिकता दी जाती है। आस्ट्रेलिया में इसी प्रकार का कानून है। व्रिटेन में आइरिष लोगों के लिए विषेश कानून बना हैं ब्राजील, ईटली, फ्रांस, जर्मन, रूस और स्पेन जैसे बहुत से देषों में ऐसे कानून बने है जिनके द्वारा उन देशों के मूल निवासी कभी भी अपने देष लौट सकते है उन्हें नागरिकता दी जाती है। शान्ता कुमार ने कहा कि जापान में किसी भी अन्य देश में बसे मूल निवासी को वापिस आने के लिए एयर टिकट तक दिया जाता हैं। कोई भी जापानी दुनिया के किसी भी हिस्से में रहे अपने देश में हमेशा निशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य का भी अधिकारी होता है।
,Body:शान्ता कुमार ने कहा किविश्व के लगभग सभी मुस्लिम और ईसाई देशों में इसी प्रकार के कानून है। समझ नहीं आता कि भारत द्वारा ऐसा कानून बनाने पर विपक्ष आपत्ति क्यों कर रहा है। उन्होने कहा कि विष्व में 56 मुस्लिम देष है। दुनिया के किसी भी देश में मुस्लिम जा सकता है। उन्हें वहां पर सब प्रकार की सुविधा दी जाती है। शान्ता कुमार ने कहा कि इस बात पर विषेश ध्यान दिया जाना चाहिए कि यहां मुसलमानों के लिए विश्व में 56 देश है। वहां हिन्दूओं के लिए पूरी दुनिया में केवल एक देश भारत है। यदि किसी देश से पीड़ित और सताये हुए हिन्दूओं को भारत में शरण नहीं मिलेगी तो ये सब कहां जाएगे।Conclusion:शान्ता कुमार कहा कि भारत के विभाजन के तुरन्त बाद यह समस्या पैदा होने लगी थी। पाकिस्तान से प्ऱताडित हिन्दू आने शुरू हो गये थे। उस समय महात्मा गांधी जी ने यह कहा था कि हिन्दू और सिख यदि पाकिस्तान में नहीं रह सकते तो उनको भारत में नागरिकता देने और सम्मानपूर्वक जीवन देना भारत सरकार का प्रथम कर्तव्य है। डा0 राजिन्द्र प्रसाद जी ने कहा था कि पाकिस्तान में कठिनाई झेल रहे हिन्दू कभी भी भारत आ सकते है। पण्डित जवाहर लाल नेहरू जी ने यह स्पष्ट कहा था कि राजनैतिक सीमाओं के कारण हमारे भाई बहिनों को यदि कोई कष्ट होता है तो हम उनकी सहायता करेंगे और वे जब चाहे आये हम उन्हें स्वीकार करेंगे। मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि यदि अल्पसख्यकों को पाकिस्तान और बंगलादेश में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है तो हमारी नैतिकता है कि उन सब को नागरिकता प्रदान की जाये। उन्होने बड़े व्यथित हृदय से विपक्ष नेताओं से पूछा है कि इन सब एतिहासिक तथ्यों के प्रकाश में उन्हें यह आन्दोलन भड़काने पर जरा भी शर्म नहीं आती। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें।
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