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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर CU में संगोष्ठी का आयोजन, भारतीय भाषाओं में शिक्षा का विस्तार करने पर जोर

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विवि में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि-वक्ता विवि के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि मौलिक चिंतन मातृभाषा के सिवा हो ही नहीं सकता. जब तक मातृभाषा को आत्मसात नहीं कर लिया जाता तब तक हम उसकी अभिव्यिक्त नहीं कर सकते. इसीलिए शिक्षा का विस्तार भारतीय भाषाओं में ही होना चाहिए.

CU Dharamshala
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Published : Nov 11, 2020, 7:17 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विवि के धौलाधार परिसर-1 में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर आयोजित इस संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि-वक्ता विवि के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और छात्र-छात्राओं-शोधार्थियों को संबोधित किया. इस मौके पर संगोष्ठी के संयोजक और अधिष्ठाता शिक्षा स्कूल प्रो. विशाल सूद ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया.

प्रोफेसर विशाल सूद ने बताया कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने अनिवार्य शिक्षा को प्रखर तरीके से रखा, समाज को यह बात बताई कि अनिवार्य शिक्षा का जीवन में क्या महत्व है. इसके बाद शिक्षा स्कूल की शोधार्थी पारूल ने मौलाना अबुल कलाम आजाद और शिक्षा दिवस पर अपने विचार रखे. इस मौके पर मुख्य अतिथि विवि के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने इस संगोष्ठी के आयोजन के लिए शिक्षा स्कूल को बधाई दी. उन्होंने छात्र-छात्राओं का परिचय लिया.

डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि मौलिक चिंतन मातृभाषा के सिवा हो ही नहीं सकता. जब तक मातृभाषा को आत्मसात नहीं कर लिया जाता तब तक हम उसकी अभिव्यिक्त नहीं कर सकते. इसीलिए शिक्षा का विस्तार भारतीय भाषाओं में ही होना चाहिए. उन्होंने भारतीय भाषाओं के विलुप्त होने पर चिंता जताई.

डॉ. अग्निहोत्री ने कहा कि अगर कोई अपनी मातृभाषा में अगर अपने ज्ञान को व्यक्त नहीं कर सकता है, तो वह दूसरों में अपना ज्ञान बांटने में असमर्थ है. अपनी मातृभाषा में ज्ञान हासिल करना तसल्ली करवाता है. उन्होंने आह्वान किया कि शोध कार्य भारतीय भाषाओं में होने चाहिए. इसके लिए शिक्षक और शोधार्थी दोनों को ही प्रयास करने होंगे.

संगोष्ठी के अंत में शिक्षा स्कूल के डॉ. अनु. जीएस ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया. इस मौके पर प्रो. बलवान गौतम, डॉ. रेणु भंडारी. डॉ. सुमन शर्मा, डॉ. मोहिंदर सिहं, डॉ. एनराज गोपाल, डॉ. राजकुमार उपाध्याय, डॉ. योगेश कुमार गुप्ता, डॉ. जयप्रकाश सिंह, डॉ. अनु.जीएस और डॉ. आशीष नाग मौजूद रहे. इस मौके पर शिक्षा स्कूल के नए शोधार्थी भी मौजूद रहे.

पढ़ें: त्योहारी सीजन में बढ़े चोरी के मामले, सादी वर्दी में गश्त कर पुलिस रखेगी नजर

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विवि के धौलाधार परिसर-1 में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर आयोजित इस संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि-वक्ता विवि के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और छात्र-छात्राओं-शोधार्थियों को संबोधित किया. इस मौके पर संगोष्ठी के संयोजक और अधिष्ठाता शिक्षा स्कूल प्रो. विशाल सूद ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया.

प्रोफेसर विशाल सूद ने बताया कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने अनिवार्य शिक्षा को प्रखर तरीके से रखा, समाज को यह बात बताई कि अनिवार्य शिक्षा का जीवन में क्या महत्व है. इसके बाद शिक्षा स्कूल की शोधार्थी पारूल ने मौलाना अबुल कलाम आजाद और शिक्षा दिवस पर अपने विचार रखे. इस मौके पर मुख्य अतिथि विवि के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने इस संगोष्ठी के आयोजन के लिए शिक्षा स्कूल को बधाई दी. उन्होंने छात्र-छात्राओं का परिचय लिया.

डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि मौलिक चिंतन मातृभाषा के सिवा हो ही नहीं सकता. जब तक मातृभाषा को आत्मसात नहीं कर लिया जाता तब तक हम उसकी अभिव्यिक्त नहीं कर सकते. इसीलिए शिक्षा का विस्तार भारतीय भाषाओं में ही होना चाहिए. उन्होंने भारतीय भाषाओं के विलुप्त होने पर चिंता जताई.

डॉ. अग्निहोत्री ने कहा कि अगर कोई अपनी मातृभाषा में अगर अपने ज्ञान को व्यक्त नहीं कर सकता है, तो वह दूसरों में अपना ज्ञान बांटने में असमर्थ है. अपनी मातृभाषा में ज्ञान हासिल करना तसल्ली करवाता है. उन्होंने आह्वान किया कि शोध कार्य भारतीय भाषाओं में होने चाहिए. इसके लिए शिक्षक और शोधार्थी दोनों को ही प्रयास करने होंगे.

संगोष्ठी के अंत में शिक्षा स्कूल के डॉ. अनु. जीएस ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया. इस मौके पर प्रो. बलवान गौतम, डॉ. रेणु भंडारी. डॉ. सुमन शर्मा, डॉ. मोहिंदर सिहं, डॉ. एनराज गोपाल, डॉ. राजकुमार उपाध्याय, डॉ. योगेश कुमार गुप्ता, डॉ. जयप्रकाश सिंह, डॉ. अनु.जीएस और डॉ. आशीष नाग मौजूद रहे. इस मौके पर शिक्षा स्कूल के नए शोधार्थी भी मौजूद रहे.

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