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वायरल पत्र मामलाः फॉरेंसिक जांच में पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के खिलाफ आरोप साबित

सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के खिलाफ वायरल पत्र मामले में मनोज मसंद के नाम का खुलासा हुआ है. मनोज ने पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के कहने पर सोशल मीडिया पर ये पत्र वायरल किया था.

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Published : Nov 18, 2019, 10:40 PM IST

रविंद्र रवि पूर्व मंत्री

धर्मशाला: स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के खिलाफ सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले वायरल पत्र मामले में मनोज मसंद के नाम का खुलासा हुआ है. मनोज ने पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के कहने पर सोशल मीडिया पर ये पत्र वायरल किया था.

ये खुलासा मनोज मसंद और रविंद्र रवि के पुलिस द्वारा कब्जे में लिए गए मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच में हुआ है. मोबाइल फोन को फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेज गया था. पुलिस ने मोबाइल फोन को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है.

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बीजेपी कार्यकर्ता दिलबाग सिंह परमार की शिकायत पर भवारना पुलिस ने बीते तीन सितंबर को आईपीसी की धारा 506 और 500 के तहत मनोज मसंद के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें दिलबाग सिंह परमार ने आरोप लगाया था कि उन्होंने 30 अगस्त की रात को सोशल मीडिया पर मनोज मसंद की प्रोफाइल में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के खिलाफ लिखे पत्र पर झूठे आरोप लगाए थे.

दिलबाग परमार ने आरोप लगाया कि उन्होंने इस बारे जब मनोज मसंद से पूछा तो उसने उन्हें धमकी दी, जिस पर जांच के दौरान पुलिस ने मनोज मसंद और पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के मोबाइल कब्जे में लिए थे, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था. एसपी जिला कांगड़ा विमुक्त रंजन ने मामले की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि मामले में आगामी कार्रवाई की जा रही है.

धर्मशाला: स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के खिलाफ सोशल मीडिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले वायरल पत्र मामले में मनोज मसंद के नाम का खुलासा हुआ है. मनोज ने पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के कहने पर सोशल मीडिया पर ये पत्र वायरल किया था.

ये खुलासा मनोज मसंद और रविंद्र रवि के पुलिस द्वारा कब्जे में लिए गए मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच में हुआ है. मोबाइल फोन को फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेज गया था. पुलिस ने मोबाइल फोन को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है.

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बीजेपी कार्यकर्ता दिलबाग सिंह परमार की शिकायत पर भवारना पुलिस ने बीते तीन सितंबर को आईपीसी की धारा 506 और 500 के तहत मनोज मसंद के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें दिलबाग सिंह परमार ने आरोप लगाया था कि उन्होंने 30 अगस्त की रात को सोशल मीडिया पर मनोज मसंद की प्रोफाइल में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के खिलाफ लिखे पत्र पर झूठे आरोप लगाए थे.

दिलबाग परमार ने आरोप लगाया कि उन्होंने इस बारे जब मनोज मसंद से पूछा तो उसने उन्हें धमकी दी, जिस पर जांच के दौरान पुलिस ने मनोज मसंद और पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के मोबाइल कब्जे में लिए थे, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था. एसपी जिला कांगड़ा विमुक्त रंजन ने मामले की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि मामले में आगामी कार्रवाई की जा रही है.

Intro:धर्मशाला- स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठा संदेश मनोज मसंद ने पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के कहने पर वायरल किया था। यह खुलासा मनोज मसंद और रविंद्र रवि के पुलिस द्वारा कब्जे में लिए गए मोबाइल फोन की फारेंसिक जांच में हुआ है। मामला उजागर होने उपरांत पुलिस ने मनोज मसंद और पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के मोबाइल फोन को कब्जे में लेकर जांच के लिए फारेंसिक साइंस प्रयोगशाला भेजा था। फारेंसिक प्रयोगशाला से रिपोर्ट प्राप्त हो गई है, जिसमें स्पष्ट हो गया है कि मनोज मसंद ने रविंद्र रवि के कहने पर ही उस संदेश को वायरल किया था।  इस आशय के सभी संदेश विशेषज्ञ फारेंसिक साइंस प्रयोगशाला धर्मशाला ने आरोपी के मोबाइल से रिकवर कर लिए हैं तथा मामले में आगामी कार्रवाई जारी है।






Body:क्या था मामला-

दिलबाग सिंह परमार की शिकायत पर भवारना पुलिस ने 3 सितंबर को आईपीसी की धारा 506, 500 के तहत मनोज मसंद के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिसमें दिलबाग सिंह परमार ने आरोप लगाया था कि  उन्होंने 30 अगस्त की रात को सोशल मीडिया पर मनोज मसंद की प्रोफाइल में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के खिलाफ लिखी झूठी, सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली, ख्याति को क्षति पहुंचाने वाली, झूठी अफवाह फैलाने वाली एवं आपराधिक षडयंत्र वाली सामग्री पड़ी। दिलबाग परमार का आरोप था कि उन्होंने इस बारे जब मनोज मसंद से पूछा तो उसने उन्हें धमकी दी। जिस पर जांच के दौरान पुलिस ने मनोज मसंद और पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के मोबाइल कब्जे में लिए थे, जिन्हें फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया था।




Conclusion:वही एसपी जिला कांगड़ा विमुक्त रंजन ने स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार के खिलाफ सोशल मीडिया पर वायरल हुए संदेश के मामले में पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाले मनोज मसंद और रविंद्र रवि के मोबाइल फोन कब्जे में लिए गए थे। जिन्हें जांच के लिए फारेंसिक प्रयोगशाला भेजा गया था। फारेंसिक प्रयोगशाला से प्राप्त रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया है कि मनोज मसंद ने रविंद्र रवि के कहने पर ही उस संदेश को वायरल किया था।  इस संबंध में सभी संदेश विशेषज्ञ फारेंसिक साइंस प्रयोगशाला धर्मशाला ने आरोपी के मोबाइल से रिकवर कर लिए हैं तथा मामले में आगामी कार्रवाई जारी है।

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