धर्मशाला: प्राथमिक शिक्षक संघ ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालयों को प्रधानाचार्यों के नियंत्रण में कलस्टर बनाने का विरोध किया है. संघ के अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने शनिवार को वर्चुअल बैठक की. उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में केंद्रीय मुख्य शिक्षक को कलस्टर के रूप में पहले ही दर्जा दिया गया है, जिनके अधीनस्थ 5 से 10 पाठशाला संचालित की जा रही हैx, इसलिए इन सीआरसी सेंट्रल को और मजबूत करने की जरूरत है. नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए प्राथमिक शिक्षकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है.
प्रदेश स्तर की गठित की गई टास्क फोर्स में कोई भी प्राथमिक शिक्षक नहीं लिया गया है, जबकि नई शिक्षा नीति में 8 कक्षाएं प्राथमिक विद्यालयों से ही संचालित की जाएंगी. इसलिए प्रारंभिक शिक्षा को और मजबूत बनाया जाना चाहिए. इन कक्षाओं को पढ़ाने के लिए अतिरिक्त अध्यापकों की व्यवस्था करना क्लास रूम और अन्य सुविधाओं का प्रावधान किया जाना चाहिए.
प्रधानाचार्य के अधीन कलस्टर बनाना उचित नहीं
प्राथमिक विद्यालयों को प्रधानाचार्य के अधीन लाकर कलस्टर बनाना उचित नहीं है, क्योंकि प्राथमिक विद्यालय दूर-दूर के क्षेत्र में हैं और छोटे बच्चों और दूरी के कारण प्राथमिक विद्यालयों में सीआरसी सेंटर ही कलस्टर के रूप में विकसित किए जाएं. इसके साथ ही प्राथमिक विद्यालयों में नई शिक्षा नीति के तहत आठ कक्षाएं पढ़ाई जाएंगी, जिसके लिए प्रदेश सरकार और भी शिक्षा विभाग को अतिरिक्त 5 अध्यापकों का प्रावधान करना चाहिए और भारी संख्या में चल रहे रिक्त पदों को अतिशीघ्र भरना चाहिए.
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